भारत-कतर सामरिक साझेदारी | 20 Feb 2025

प्रिलिम्स के लिये:

खाड़ी सहयोग परिषद, तरलीकृत प्राकृतिक गैस, खाड़ी, ज़ायर-अल-बहर 

मेन्स के लिये:

भारत-कतर द्विपक्षीय संबंध, भारत और कतर का पारस्परिक महत्त्व, पश्चिम एशिया में भारत की भूमिका

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने व्यापार, ऊर्जा और निवेश पर ध्यान केंद्रित करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के क्रम में भारत का दौरा किया। 

  • दोनों देशों ने व्यापार को दोगुना कर 28 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने तथा भारत में कतर के निवेश को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।

इस यात्रा की मुख्य बातें क्या हैं?

  • सामरिक साझेदारी को बढ़ावा: कतर और भारत ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक साझेदारी के रूप में बदलने पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य व्यापार, निवेश, ऊर्जा एवं सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाना है।
  • द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य: भारत और कतर ने वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 28 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • कतर की निवेश प्रतिबद्धता: कतर के सॉवरेन वेल्थ फंड के तहत भारत में 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है और बुनियादी ढाँचे, नवीकरणीय ऊर्जा एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तथा मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में अतिरिक्त 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
  • दोहरे कराधान से बचाव: दोहरे कराधान से बचाव के क्रम में एक संशोधित समझौते पर भी प्रकाश डाला गया, जिससे आर्थिक एवं वित्तीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

    मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की स्थिति: दोनों देशों ने FTA की संभावना पर भी चर्चा की।

  • बुनियादी ढाँचा: कतर में भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के संचालन एवं GIFT (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) सिटी के माध्यम से भारत में कतर नेशनल बैंक की उपस्थिति के विस्तार पर चर्चा की गई।
  • इज़रायल-फिलिस्तीनी संघर्ष: भारत ने टू-स्टेट सॉल्यूशन के प्रति अपने समर्थन की पुनः पुष्टि की।

भारत के लिये कतर क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • ऊर्जा सहयोग: वित्त वर्ष 2022-23 में कतर भारत में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (कुल आयात का 48%) एवं तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (कुल आयात का 29%) का शीर्ष आपूर्तिकर्त्ता था।
    • जैसे-जैसे भारत स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रहा है और कोयले पर अपनी निर्भरता कम हो रही है, यह स्थिर और अटूट ऊर्जा संबंध जलवायु लक्ष्यों और बढ़ती ऊर्जा मांगों दोनों को प्राप्त करने हेतु आवश्यक है।
  • सामरिक सहयोग:  कतर भारत की लुक वेस्ट पॉलिसी (जिसे "लिंक एंड एक्ट वेस्ट" में परिवर्तित किया गया है) में एक प्रमुख साझेदार है, जो ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार को बढ़ाने के लिये संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ओमान और कुवैत सहित GCC देशों के साथ संबंधों को मज़बूत कर रहा है।
  • भू-राजनीतिक महत्त्व: अफगानिस्तान और इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष जैसे प्रमुख भू-राजनीतिक मुद्दों में मध्यस्थ के रूप में कतर की भूमिका, भारत को अप्रत्यक्ष रूप से क्षेत्रीय मामलों में संलग्न होने की अनुमति प्रदान करती है।
  • मध्य पूर्व शांति प्रयासों पर कतर के अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध, भारत को क्षेत्रीय मुद्दों पर अमेरिका के साथ सहभागिता के लिये एक मंच भी प्रदान करते हैं।
  • आतंकवाद-रोधी सहयोग: भारत और कतर आतंकवाद और उग्रवाद का सामना करने हेतु समान हितों को साझा करते हैं, कतर का रणनीतिक स्थान खाड़ी में आतंकवाद-रोधी और समुद्री सुरक्षा पर भारत के सहयोग को सक्षम बनाता है (क्योंकि खाड़ी क्षेत्र 2022-23 में भारत की कुल कच्चे तेल की मांग का 55.3% पूरा करता है)।

भारत-कतर द्विपक्षीय संबंध

  • रक्षा सहयोग: भारत-कतर रक्षा संबंधों में प्रशिक्षण, नौसैनिक यात्राएँ, द्विवार्षिक दोहा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री रक्षा प्रदर्शनी और सम्मेलन (DIMDEX) में भागीदारी, और द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ज़ाइर-अल-बहर Roar of the Sea) शामिल हैं।
    • व्यापार: वर्ष 2023-24 में भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार 14.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 1.7 तथा आयात 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
      • भारत कतर के लिये शीर्ष तीन सबसे बड़े निर्यात गंतव्यों (चीन और जापान के साथ) तथा कतर के आयात के शीर्ष तीन स्रोतों में से एक है (चीन और अमेरिका के साथ)।
      • कतर मुख्य रूप से भारत को LPG, LNG, रसायन, पेट्रोकेमिकल्स और एल्यूमीनियम का निर्यात करता है, जबकि भारत अनाज, लोहा, इस्पात, वस्त्र और मशीनरी सहित विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का निर्यात करता है।
  • निवेश: कतर में 15,000 से अधिक भारतीय कंपनियाँ कार्यरत हैं, जिनमें भारतीय फर्मों द्वारा 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया है।
  • सांस्कृतिक सहयोग: वर्ष 2012 के सांस्कृतिक सहयोग समझौते के तहत नियमित सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है, जिसमें कतर भारत की विविधता की प्रशंसा करता है। वर्ष 2019 को भारत-कतर संस्कृति वर्ष के रूप में मनाया गया।
  • भारतीय समुदाय: कतर में 835,000 से अधिक भारतीय रहते हैं, जो सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय (जनसंख्या का 27%) है।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न:  कतर और अन्य खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंध उसकी "लिंक एंड एक्ट वेस्ट" नीति के साथ किस प्रकार संरेखित हैं? भारत के आर्थिक और सामरिक हितों में पश्चिम एशिया की भूमिका का मूल्यांकन कीजिये।


  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'खाड़ी सहयोग परिषद' का सदस्य नहीं है? (2016)

(a) ईरान
(b) ओमान
(c) सऊदी अरब
(d) कुवैत

उत्तर: (a)


मेन्स

प्रश्न.  भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के ऊर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिये। (2017)