नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इंडिया आइडियाज़ समिट

  • 23 Jul 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये

इंडिया आइडियाज़ समिट, अमेरिका-भारत व्यापार परिषद

मेन्स के लिये

भारत अमेरिका व्यापार संबंध, कृषि क्षेत्र संबंधित प्रमुख घोषणाएँ

चर्चा में क्यों

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) द्वारा आयोजित ‘इंडिया आइडियाज़ समिट’ (India Ideas Summit) को संबोधित किया। 

प्रमुख बिंदु

  • इंडिया आइडियाज़ समिट
    • ‘इंडिया आइडियाज़ समिट’ (India Ideas Summit) की मेजबानी अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) द्वारा की गई और इस वर्ष के सम्मेलन की थीम 'बेहतर भविष्य का निर्माण' (Building a Better Future) है।
    • उद्देश्य: इस समिट का आयोजन प्रत्येक वर्ष अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) द्वारा मुख्य तौर पर भारत और अमेरिका की आर्थिक भागीदारी और दोनों देशों के बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों के महत्त्व को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया जाता है।
    • इस वर्ष का समिट 21 और 22 जुलाई, 2020 को आभासी तौर पर आयोजित किया गया। इस समिट के दौरान विभिन्न प्रकार के सत्र आयोजित किये गए जिसमें प्रत्येक सत्र भारत से संबंधित किसी विशिष्ट मुद्दे पर केंद्रित था।
    • इस दौरान प्रत्येक सत्र में राजनेताओं, राजनयिकों, विद्वानों और व्यापारिक कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों आदि को अपने विचार और राय साझा करने के लिये आमंत्रित किया गया था।

अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) 

  • अमेरिका और भारतीय सरकारों के अनुरोध पर वर्ष 1975 में गठित अमेरिका-भारत व्यापार परिषद दोनों देशों के बीच एक प्रमुख व्यवसाय संगठन है, जिसमें 300 से अधिक शीर्ष स्तरीय अमेरिकी और भारतीय कंपनियाँ शामिल हैं, जो अमेरिका-भारत के व्यापारिक संबंधों को आगे बढाने की दिशा में कार्य रही हैं।
  • अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
  • अमेरिका-भारत व्यापार परिषद का लक्ष्य भारत और अमेरिका के बीच एक समावेशी द्विपक्षीय व्यापार तंत्र का निर्माण करना है, ताकि दोनों देशों में उद्यमिता की भावना को पोषित किया जा सके और रोज़गार सृजित किया जा सके।

अमेरिका- भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार 

  • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, अमेरिका लगातार दूसरी बार वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार देश बना रहा है, जो कि दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों को दर्शाता है।
  • संबंधित आँकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में अमेरिका और भारत के बीच 88.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार किया गया, जो कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 87.96 बिलियन डॉलर था, इस प्रकार बीते वर्ष के मुकाबले वर्ष 2019-20 में भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोतरी देखने को मिली है। 
  • अमेरिका उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। गौरतलब है कि अमेरिका वित्तीय वर्ष 2018-19 में चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार देश बना था।
  • प्रधानमंत्री का संबोधन
    • ‘इंडिया आइडियाज़ समिट’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के एजेंडे के मूल में गरीबों और कमज़ोरों को रखने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि  'ईज़ ऑफ लिविंग' भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना 'ईज़ ऑफ बिज़नेस' है।
    • प्रधानमंत्री के अनुसार, भारत 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान के ज़रिये एक समृद्ध एवं सशक्त दुनिया बनाने में अपना योगदान दे रहा है।
    • भारतीय अर्थव्यवस्था को खुलेपन, अवसरों और विकल्पों का आदर्श सम्मिश्रण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते छह वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को ज़्यादा खुला और सुधार उन्मुख बनाने के प्रयास किये गए हैं। साथ ही इन सुधारों के माध्यम से अधिक प्रतिस्पर्द्धात्मकता, अधिक पारदर्शिता, डिजिटलीकरण का विस्तार, ज़्यादा नवाचार और ज़्यादा नीतिगत स्थिरता सुनिश्चित हुई है।
    • प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के व्यापक अवसर मौजूद हैं। साथ ही उन्होंने हाल ही में कृषि क्षेत्र में किये गए ऐतिहासिक सुधारों का भी उल्लेख किया।

आत्मनिर्भर भारत अभियान और कृषि सुधार

  • आत्मनिर्भर भारत अभियान की तीसरी किश्त के तहत कृषि क्षेत्र को लेकर कुछ प्रमुख घोषणाएँ की गई थी, इसमें शामिल थीं-
    • सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (MFE) को औपचारिक क्षेत्र में प्रवेश की दिशा में 10,000 करोड़ रुपए की सहायता राशि के साथ  'वैश्विक पहुँच वाली वोकल फॉर लोकल’ (Vocal for Local with Global Outreach) योजना शुरू की जाएगी। 
    • समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विकास के लिये 20,000 करोड़ रुपए की ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा’ योजना की घोषणा। 
    • पशु संबंधी रोगों को समाप्त करने के लिये सरकार 13,343 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ ‘राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ शुरू करेगी।
    • इसके अलावा सरकार द्वारा कई अन्य घोषणाएँ भी की गई थीं, जिनमें मधुमक्खी पालन संबंधी पहल और पशुपालन बुनियादी ढाँचा विकास कोष आदि शामिल थे।

स्रोत: पी.आई.बी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow