लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

शासन व्यवस्था

भारत की पहली पूर्णतः स्वचालित मेट्रो

  • 29 Dec 2020
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली मेट्रो की लाइन-8 यानी मैजेंटा लाइन पर देश की पहली पूर्णतः स्वचालित मेट्रो रेल (ड्राइवर-रहित मेट्रो) का उद्घाटन किया है।

प्रमुख बिंदु

ड्राइवर-रहित मेट्रो

  • इस उपलब्धि के साथ ही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) विश्व के उस अत्याधुनिक मेट्रो नेटवर्क में शामिल हो गया है, जहाँ इस तरह की सुविधा उपलब्ध है।
    • वर्ष 2014 में देश के केवल पाँच शहरों में मेट्रो रेल थी और वर्तमान में देश के कुल 18 शहरों में मेट्रो रेल मौजूद है और इसी के साथ मेट्रो उपयोगकर्त्ताओं की संख्या भी कई गुना बढ़ गई है।
  • दिल्ली मेट्रो की ड्राइवर-रहित मेट्रो रेल पूर्णतः स्वचालित होगी, जिससे मानव त्रुटि की संभावना समाप्त हो जाएगी।
  • ट्रेन संचालन प्रोद्योगिकी में स्वचालन के विभिन्न ग्रेड या स्तर (GoA) होते हैं:
    • GoA 1: इसमें ट्रेन को पूरी तरह से एक ड्राइवर/चालक द्वारा चलाया जाता है।
    • GoA 2 और GoA 3: इसमें चालक की भूमिका ट्रेन के दरवाज़ों के परिचालन और केवल आपात स्थिति में ट्रेन के संचालन तक सीमित हो जाती है तथा इसके अंतर्गत ट्रेनों को शुरू करने व रोकने का कार्य पूर्णतः स्वचालित होता है।
    • GoA 4: इसके तहत ट्रेन पूर्णतः बिना चालक के संचालित की जाती है।

महत्त्व

  • इसमें ऐसे ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जिसके तहत ब्रेक लगाने पर 50 प्रतिशत ऊर्जा ग्रिड में वापस चली जाती है, जिससे काफी मात्रा में ऊर्जा बच सकेगी। 
  • विभिन्न बड़ी कंपनियाँ मेट्रो कोचों के निर्माण में शामिल हैं और साथ ही दर्जनों कंपनियाँ मेट्रो ट्रेन के विभिन्न घटकों के निर्माण में संलग्न हैं, इससे देश में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा।
  • वर्तमान में मेट्रो रेल के संचालन में 130 मेगावाट सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है, जिसे सरकार 600 मेगावाट तक बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
  • रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (RRTS) और मेट्रो लाइट मॉडल प्रमुख शहरों और उनके भीतर विभिन्न स्थानों के बीच की दूरी को कम कर देंगे।

नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC)

  • यह कार्डधारक को परिवहन के सभी साधनों तक पहुँच प्रदान करेगा और इससे यात्रियों को टोकन के लिये लंबी कतारों में इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।
  • यह उपयोगकर्त्ताओं को एक साथ यात्रा का शुल्क देने, टोल शुल्क देने और खरीदारी के लिये भुगतान करने की अनुमति देता है, साथ ही कार्डधारक इसके माध्यम से पैसे भी निकाल सकते हैं।
  • ध्यातव्य है कि ‘वन नेशन, वन कार्ड’ तकनीकी रूप से ‘रुपे कार्ड’ पर निर्भर है और इससे यात्रा के दौरान किराये से संबंधित सभी दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।
  • यह न केवल लोगों के लिये एक साझा सुविधा उपलब्ध कराएगा, बल्कि इससे अनुसंधान की दृष्टि से बेहतर डेटा भी उपलब्ध हो सकेगा। शोधकर्त्ताओं के पास लोगों के यात्रा पैटर्न का बेहतर डेटा उपलब्ध होगा, जिससे सटीक आकलन की सुविधा मिलेगी और विकास से संबंधित बेहतर योजनाओं का निर्माण किया जा सकेगा।

दिल्ली में अन्य विकासात्मक कार्य

  • सरकार द्वारा कर में छूट देकर इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles- EVs) को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • राजधानी दिल्ली के पुराने बुनियादी ढाँचे को आधुनिक तकनीक पर आधारित पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढाँचे में परिवर्तित किया जा रहा है।
  • दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों के नियमितीकरण के माध्यम से वहाँ रहने वाले लोगों के जीवन-स्तर में सुधार किया गया है।
  • नए पर्यटन स्थलों के माध्यम से रोज़गार सृजन के प्रयास किये जा रहे हैं।
  • सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Redevelopment Project) के तहत नए संसद भवन के निर्माण से न केवल दिल्ली के हज़ारों लोगों को रोज़गार मिलेगा, बल्कि इससे शहर की स्थिति में भी परिवर्तन आएगा।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2