अफगानिस्तान पर भारत-मध्य एशिया संयुक्त कार्य समूह (JWG) | 09 Mar 2023

प्रिलिम्स के लिये:

अफगानिस्तान पर भारत-मध्य एशिया संयुक्त कार्य समूह (JWG), ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन

मेन्स के लिये:

वैश्विक समूह, भारत और उसके पड़ोस, भारत के लिये मध्य एशिया का महत्त्व, क्षेत्र की भू-राजनीतिक गतिशीलता।

चर्चा में क्यों?

भारत चाबहार बंदरगाह के माध्यम से तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान को सहायता के रूप में गेहूँ की अपनी अगली खेप भेजेगा। दिल्ली में अफगानिस्तान पर भारत-मध्य एशिया संयुक्त कार्य समूह (JWG) की पहली बैठक में इस निर्णय की घोषणा की गई।

  • भूमि मार्ग से गेहूँ के भेजने हेतु पाकिस्तान के साथ समझौते की समाप्ति के बाद इस व्यवस्था को नवीनीकृत करने के प्रयास असफल रहे।

संयुक्त कार्य समूह से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • JWG की बैठक जनवरी 2022 में भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के एक वर्ष बाद हुई, जहाँ अफगानिस्तान पर एक विशेष संपर्क समूह गठित करने के निर्णय की घोषणा की गई थी।
  • मादक पदार्थों के मुद्दे, आतंकवाद और कट्टरता का प्रसार और शरणार्थी समस्या मध्य एशिया में पड़ोसी देशों के लिये चिंता का विषय रहे हैं।
    • UNODC की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान द्वारा काबुल पर नियंत्रण करने के बाद पिछले एक साल में अफीम का उत्पादन लगभग एक-तिहाई बढ़ गया है।
      • विश्व का 80% से अधिक अफीम और हेरोइन की तस्करी अफगानिस्तान से की जाती है, जो कि गोल्डन क्रिसेंट का एक हिस्सा है।
      • अनुमानित 30 लाख लोग या अफगानिस्तान की आबादी का लगभग दसवाँ हिस्सा अफीम का आदी है।
  • JWG ने "वास्तव में समावेशी और प्रतिनिधि राजनीतिक संरचना के गठन के महत्त्व पर बल दिया जो अल्पसंख्यकों, महिलाओं, लड़कियों सहित सभी अफगानों के लिये समान अधिकारों का विस्तार करता है।

JWG बैठक के प्रमुख परिणाम:

  • संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों सहित किसी भी आतंकी संगठन को शरण नहीं दी जानी चाहिये या अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये।
  • भारत की सहमति:
    • UNODC (संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय) के अधिकारियों और हितधारकों के लिये अनुकूलित क्षमता निर्माण।
    • नशीली दवाओं की तस्करी का मुकाबला करने और अफगान ड्रग उपयोगकर्त्ताओं, विशेष रूप से महिलाओं के लिये पुनर्वास प्रयासों की पहल पर सहयोग।

अफगानिस्तान के लिये भारत के सहायता उपाय:

  • अनाज:
  • चिकित्सा आपूर्ति:
    • वर्ष 2020 में भारत ने अफगानिस्तान सरकार को सर्जिकल दस्ताने के 50,000 जोड़े, पेरासिटामोल की 1 लाख टैबलेट्स और हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्विनोन की 5 लाख टैबलेट्स प्रदान कीं।
    • भारत ने वर्ष 2015 में काबुल में एक मेडिकल डायग्नोस्टिक सेंटर की स्थापना की, जो अफगानी बच्चों को नवीनतम नैदानिक ​​सुविधाएँ प्रदान करता है और भारत के लिये सद्भावना पैदा करता है।
  • आधारभूत संरचना:
    • भारत द्वारा वर्ष 2001 से अफगानिस्तान के पुनर्वास प्रयासों के लिये 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया गया है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रिलिम्स:

प्रश्न . भारत के चाबहार बंदरगाह के निर्माण का क्या महत्त्व है? (2017)

(a) अफ्रीकी देशों के साथ भारत के व्यापार में भारी वृद्धि होगी। 
(b) ऊर्जा का उत्पादन करने वाले अरब देशों के साथ भारत के संबंधों में सुधार होगा।
(c) अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच के लिये भारत, पाकिस्तान पर निर्भर नहीं रहेगा।
(d) पाकिस्तान, भारत और इराक को जोड़ने वाली गैस पाइपलाइन के निर्माण में सहायता और उसकी निगरानी करेगा।

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • चाबहार पोर्ट के विकास और संचालन हेतु भारत एवं ईरान के बीच वर्ष 2016 में एक वाणिज्यिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए थे। अनुबंध 10 वर्ष की अवधि के लिये है।
  • चाबहार पोर्ट भारत को अफगानिस्तान में एक वैकल्पिक और विश्वसनीय पहुँच मार्ग प्रदान करेगा, साथ ही मध्य एशियाई क्षेत्र में एक विश्वसनीय तथा अधिक प्रत्यक्ष समुद्री मार्ग भी प्रदान करेगा।
  • यह अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच के लिये पाकिस्तान पर निर्भरता को समाप्त करेगा।
  • अतः विकल्प (c) सही है।

मेन्स

प्रश्न. संसार के दो सबसे बड़े अवैध अफीम उत्पादक राज्यों से भारत की निकटता ने उसकी आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। नशीली दवाओं के अवैध व्यापार एवं बंदूक बेचने, गुपचुप धन विदेश भेजने और मानव तस्करी जैसे अवैध गतिविधियों के बीच की कड़ियों को स्पष्ट कीजिये। इन गतिविधियों को रोकने के लिये क्या-क्या उपाय किये जाने चाहिये? (मुख्य परीक्षा, 2018)

स्रोत: द हिंदू