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सामाजिक न्याय

मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड टीकाकरण का प्रभाव

  • 18 Dec 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड टीकाकरण का प्रभाव, मानसिक स्वास्थ्य, कोविड-19, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP), आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (AB-HWC), राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम।

मेन्स के लिये:

मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड टीकाकरण का प्रभाव, भारत में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति, मानसिक स्वास्थ्य जनसंख्या से संबंधित सरकारी पहल और संबंधित मुद्दे।

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

कुछ अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि Covid-19 के टीकाकरण के बाद बिना टीकाकरण वाले व्यक्तियों की तुलना में टीका लगाए गए व्यक्तियों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ कम होती हैं।

  • कोविड-19 के बाद 6 महीनों में अवसाद का अतिरिक्त जोखिम टीकाकरण वाले व्यक्तियों में प्रति 100,000 पर 449 था, जबकि टीकाकरण न करवाने वाले व्यक्तियों में यह प्रति 100,000 व्यक्तियों पर 1009 था।

कोविड-19 के बाद मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा कितना गंभीर था?

  • चिंता और अवसाद:
    • जो व्यक्ति कोविड-19 होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने से बच गए, उन्हें चिंता और अवसाद सहित लगातार मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जो ठीक होने के बाद लगभग एक वर्ष तक बनी रहीं।
    • लंबे समय तक रहने वाले कोविड के लक्षण लगभग 5% व्यक्तियों को प्रभावित कर रहा है, भले ही इसका कारण कुछ भी हो, इन मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के साथ ओवरलैप होता है, जिससे बोझ बढ़ जाता है।
  • स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर बढ़ा बोझ:
    • कोविड-19 के बाद मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बोझ ने स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर दबाव बढ़ा दिया, जिससे इन चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों के लिये निदान, उपचार तथा सहायता के लिये अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता हुई।
  • बच्चों तथा सुभेद्य समुदाय पर प्रभाव:
    • स्कूल बंद होने, बाधित दिनचर्या तथा सीमित सामाजिक संपर्क ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया, जिससे चिंता एवं अन्य मनोवैज्ञानिक चुनौतियाँ बढ़ गईं।
    • हाशियाई समुदाय की आबादी को सामाजिक-आर्थिक असमानताओं के कारण जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कमज़ोरियाँ बढ़ गईं।
  • दुःख और अलगाव का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
    • सामाजिक अलगाव, संचार उपकरणों तक सीमित पहुँच, घरेलू तनाव तथा कोविड-19 के कारण, विशेषकर वृद्ध जैसे कमज़ोर समूहों के बीच दोस्तों एवं रिश्तेदारों को खोने के दुःख से मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों बढ़ गई हैं।

मानसिक स्वास्थ्य और टीकाकरण के बीच क्या संबंध है?

  • मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों में कमी:  
    • टीका लगाए गए व्यक्तियों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी देखी गई, भले ही उन्हें मानसिक बीमारी का पूर्व इतिहास रहा हो।
    • इससे पता चलता है कि मानसिक स्वास्थ्य परिणामों पर टीकाकरण का प्रभाव पहले से मौजूद विकारों से स्वतंत्र था।
  • कोविड-19 की गंभीरता में कमी: 
    • टीकाकरण ने उन लोगों में कोविड-19 की गंभीरता को कम करने में योगदान दिया, जो वायरस से संक्रमित थे। रोग की गंभीरता पर इस अप्रत्यक्ष प्रभाव से गंभीर बीमारी से जुड़े संकट को कम करके मानसिक स्वास्थ्य परिणामों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने का अनुमान लगाया गया है।
  • कम चिंता:
    • टीकाकरण से लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा हुई और चिंता कम हुई।
    • गंभीर बीमारी या कोविड-19 से मृत्यु के प्रति सुरक्षित महसूस करने से महामारी से जुड़ी चिंता और तनाव का स्तर कम हुआ।

भारत में मानसिक स्वास्थ्य बीमारी की स्थिति क्या है?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

भारतीय समाज में युवा महिलाओं में आत्महत्या क्यों बढ़ रही है? (2023)

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