हंटर सिंड्रोम: एमपीएस II | 10 Feb 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में म्युकोपाॅलिसैक्रोडोसिस II या MPS II से पीड़ित दो भाइयों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए यह मांग की है कि उच्च न्यायालय उन्हें मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने हेतु केंद्र सरकार और एम्स को निर्देश जारी करे।
- MPS II एक दुर्लभ बीमारी है जो परिवार में एक से दूसरे में पहुँचती है।
प्रमुख बिंदु:
- परिचय: MPS II ज़्यादातर बालकों को प्रभावित करता है और इससे पीड़ित लोगों का शरीर एक प्रकार के शर्करा को अपघटित नहीं कर पाता है जो हड्डियों, त्वचा, पेशी और अन्य ऊतकों का निर्माण करती है।
- कारण: यह आईडीएस जीन के परिवर्तन (उत्परिवर्तन) के कारण होता है जो इंड्यूरोनेट 2-सल्फाटेज़ (I2S) एंज़ाइम के उत्पादन को नियंत्रित करता है।
- इस एंज़ाइम की आवश्यकता शरीर में उत्पादित ग्लाइकोसामिनोग्लाइकन्स (Glycosaminoglycans or GAGs) नामक जटिल शर्करा को अपघटित करने के लिये होती है।
- प्रभाव: I2S एंज़ाइम गतिविधि का अभाव कोशिकाओं के भीतर, विशेष रूप से लाइसोसोम के अंदर GAG के संचय का कारण बनता है।
- लाइसोसोम कोशिका में ऐसे यौगिक होते हैं जो विभिन्न प्रकार के अणुओं के पाचन और उनके
- पुन: चक्रण का कार्य करते हैं।
- MPS II के साथ लाइसोसोम के अंदर अणुओं का निर्माण करने वाली स्थितियों को लाइसोसोमल भंडारण विकार (Lysosomal Storage Disorders) कहा जाता है।
- GAGs के संचय से लाइसोसोम का आकार बढ़ जाता है, यही वजह है कि इस विकार के कारण कई ऊतक और अंगों की वृद्धि हो जाती है।
- लक्षण: इसकी पहचान चेहरे के विशिष्ट लक्षणों, सिर के आकार का बढ़ जाना, यकृत और प्लीहा के आकार में वृद्धि [हेपेटोसप्लेनोमेगाली (Hepatosplenomegaly)], श्रवण ह्रास, आदि के आधार पर की जाती है।
- वंशानुगतता:
- MPS II बीमारी, X- गुणसूत्र संबद्ध रिसेसिव पैटर्न के वंशानुगत क्रम का अनुसरण करती है जिसका तात्पर्य है कि यह बीमारी विशेष रूप से पुरुषों में ही पाई जाती है। सामान्यतः महिलाएँ इस बीमारी से प्रभावित नहीं होती हैं यद्यपि वे इस बीमारी की वाहक हो सकती हैं।
- ऐसे परिवार जिनमें एक से अधिक व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित होते हैं, में संभवतः इस रोग की वाहक माँ होती है। जब इस बीमारी की वाहक महिला बच्चे को जन्म देती है, तो इस बात की 25% (4 में से 1) संभावना होती है कि उसका पुत्र इस बीमारी से प्रभावित होगा।
दुर्लभ रोग:
- दुर्लभ बीमारी एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसका प्रचलन लोगों में प्रायः कम पाया जाता है या सामान्य बीमारियों की तुलना में बहुत कम लोग इन बीमारियों से प्रभावित होते हैं।
- दुर्लभ बीमारियों की कोई सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत परिभाषा नहीं है तथा अलग-अलग देशों में इसकी अलग-अलग परिभाषाएँ हैं।
- हालाँकि दुर्लभ बीमारियाँ कम लोगों में पाई जाती हैं परंतु सामूहिक रूप से वे जनसंख्या के काफी बड़े अनुपात को प्रभावित करती हैं।
- 80 प्रतिशत दुर्लभ बीमारियाँ मूल रूप से आनुवंशिक होती हैं, इसलिये बच्चों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।
- भारत में 56-72 मिलियन लोग दुर्लभ बीमारियों से प्रभावित हैं।
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा 450 'दुर्लभ रोगों' (Rare Diseases) के इलाज हेतु एक राष्ट्रीय नीति जारी की गई है।