शासन व्यवस्था
हुनर हाट
- 13 Dec 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:हुनर हाट, उस्ताद योजना,अल्पसंख्यक समुदाय,अल्पसंख्यकों से संबंधित अन्य योजनाएँ मेन्स ले लिये:हुनर हाट, हुनर हाट के उद्देश्य एवं महत्त्व, उस्ताद योजना,प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम |
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने गुजरात में हुनर हाट के 34वें संस्करण का आयोजन किया है जिसमें 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कारीगरों ने भाग लिया है।
प्रमुख बिंदु:
- हुनर हाट:
- यह अल्पसंख्यक समुदायों के कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों की एक प्रदर्शनी है। जिसे पहली बार वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।
- हुनर हाट की अवधारणा वर्तमान वैश्विक प्रतिस्पर्धा में देश की कला और शिल्प की पैतृक विरासत की रक्षा और बढ़ावा देने तथा पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का समर्थन करने के लिये की गई है।
- हुनर हाट प्रदर्शनी में चुने गए कारीगर वे हैं जिनके पूर्वज इस तरह के पारंपरिक हस्तनिर्मित काम में शामिल थे और अभी भी इस पेशे को जारी रखे हुए हैं।
- थीम:
- आयोजक:
- हुनर हाट अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा ‘उस्ताद’ (विकास के लिये पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण उन्नयन) योजना के तहत आयोजित किये जाते हैं।
- उस्ताद योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों की पारंपरिक कला एवं शिल्प की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देना और संरक्षित करना है।.
- हुनर हाट अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा ‘उस्ताद’ (विकास के लिये पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण उन्नयन) योजना के तहत आयोजित किये जाते हैं।
- उद्देश्य
- ‘हुनर हाट’ का उद्देश्य कारीगरों, शिल्पकारों और पारंपरिक पाक कला विशेषज्ञों को बाज़ार में एक्सपोज़र एवं रोज़गार के अवसर प्रदान करना है।
- यह उन शिल्पकारों, बुनकरों और कारीगरों के कौशल को बढ़ावा देने की परिकल्पना करता है जो पहले से ही पारंपरिक पुश्तैनी काम में संलग्न हैं।
महत्त्व:
- 'हुनर हाट' कुशल कारीगरों और शिल्पकारों के लिये ‘सशक्तीकरण’ का एक माध्यम साबित हुआ है।
- यह कारीगरों और शिल्पकारों के लिये बेहद फायदेमंद तथा उत्साहजनक साबित हुआ है, क्योंकि लाखों लोग ‘हुनर हाट’ में जाते हैं और बड़े पैमाने पर कारीगरों के स्वदेशी उत्पादों को खरीदते हैं।
- यह देश भर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों को रोज़गार के अवसर भी प्रदान कर रहा है।
- वर्तमान में देश भर में लगभग 7 लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हुनर हाट से जुड़े हुए हैं, उनमें से लगभग 40% महिला कारीगर हैं और अगले कुछ वर्षों में लगभग 17 लाख परिवारों के हुनर हाट में शामिल होने की उम्मीद है।
- यह देश भर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों को रोज़गार के अवसर भी प्रदान कर रहा है।
अल्पसंख्यकों से संबंधित अन्य योजनाएँ:
- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम:
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के लिये सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी सुविधाएँ जैसे- स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक, गर्ल्स हॉस्टल, आईटीआई, कौशल विकास केंद्र आदि विकसित करना है।
- बेगम हज़रत महल बालिका छात्रवृत्ति:
- इस छात्रवृत्ति योजना के तहत छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों (मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध, पारसी और जैन) की मेधावी छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
- गरीब नवाज़ रोज़गार योजना:
- केंद्र द्वारा अधिसूचित 6 अल्पसंख्यक समुदायों मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन से जुड़े युवाओं के लिये रोज़गारपरक अल्पावधि कौशल विकास पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिये वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान इस योजना की शुरुआत की गई थी।
- सीखो और कमाओ:
- इसका उद्देश्य मौजूदा कार्मिकों की रोज़गारपरकता को बेहतर बनाना तथा उनका स्थापन (प्लेसमेंट) सुनिश्चित करना और बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों की संख्या में कमी लाना आदि है।
- नई मंज़िल:
- ‘नई मंजिल’ औपचारिक स्कूल शिक्षा और स्कूल छोड़ चुके बच्चों के कौशल विकास की एक योजना है। इस योजना की शुरुआत अगस्त, 2015 को हुई थी।
- उस्ताद (Upgrading the Skills and Training in Traditional Arts/Crafts for Development):
- इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कला/शिल्प की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना है।
- नई रोशनी:
- अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्त्व क्षमता विकास करना।