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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

ह्यूमन जीनोम एडिटिंग

  • 03 Sep 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) की एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति (Expert Advisory Committee) ने ह्यूमन जीनोम एडिटिंग (Human Genome Editing) पर शोध की निगरानी करने के लिये वैश्विक पंजीकरण शुरू करने हेतु पहले चरण को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • इस पहल का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी व्यवस्था द्वारा जीन आधारित उपचारों से संबंधित नई प्रौद्योगिकियों की नैतिक और विनियामक चुनौतियों की पहचान करना है।
  • समिति की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए WHO ने अंतर्राष्ट्रीय नैदानिक परीक्षण पंजीकरण मंच (International Clinical Trials Registry Platform-ICTRP) का उपयोग कर पंजीकरण के प्रारंभिक चरण की घोषणा की। इस चरण में शारीरिक और जर्मलाइन (Germline) संबंधी नैदानिक परीक्षणों को शामिल किया गया है।
  • इस पंजीकरण को उद्देश्यपूर्ण बनाने और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिये इसमें हितधारकों को भी शामिल किया जाएगा।
  • समिति ने सभी संबंधित अनुसंधान और विकास पहलों को अपने परीक्षणों को पंजीकृत करवाने के दिशा-निर्देश दिये हैं।
  • ह्यूमन जीनोम एडिटिंग के लिये एक वैश्विक शासन ढाँचे के विकास हेतु यह समिति ऑनलाइन और व्यक्तिगत दोनों प्रकार से परामर्श देने का कार्य करेगी।
  • नई जीनोम एडिटिंग तकनीक लाईलाज बीमारियों के उपचार में उपयोगी है, परंतु इस तकनीक से नैतिक, सामाजिक, नियामक और तकनीकी चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं।

जर्मलाइन (Germline)

Gene Editing Process

  • यह रोगाणु कोशिकाओं की एक शृंखला होती है जो क्रमागत या पहले की कोशिकाओं से विकसित होती है और जीव की उतरोत्तर संतति के साथ जारी रहती है।

ह्यूमन जीनोम एडिटिंग

  • जीनोम एडिटिंग को आनुवंशिक संशोधन या आनुवंशिक इंजीनियरिंग भी कहा जाता है।
  • जीनोम एडिटिंग प्रौद्योगिकियों का एक समूह है जो वैज्ञानिकों को किसी जीव के DNA (Deoxyribonucleic Acid) को बदलने की क्षमता प्रदान करता है। ये प्रौद्योगिकियाँ जीनोम में विशेष स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़ने, हटाने या बदलने में सहायक होती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है।
  • इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में अवस्थित है।

अंतर्राष्ट्रीय नैदानिक परीक्षण पंजीकरण मंच

(International Clinical Trials Registry Platform-ICTRP)

  • यह पंजीकरण अनुसंधान की पारदर्शिता में सुधार और वैज्ञानिक प्रमाण के आधार की वैधता एवं मूल्यों को मज़बूत करता है।
  • ICTRP का मुख्य उद्देश्य सभी नैदानिक परीक्षणों का पंजीकरण करना और उस जानकारी तक सार्वजनिक पहुँच की सुविधा प्रदान करना है।

देश देशांतर : जीनोम मैपिंग

जीन एडिटिंग से संबंधित नैतिक चिंताएँ

जीन एडिटिंग

स्रोत: द हिंदू

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