शहद मिशन और मीठी क्रांति | 06 Jan 2023
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन, मधुमक्खी पालन, मीठी क्रांति मेन्स के लिये:किसानों की आय दोगुनी करना, मीठी क्रांति, मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना |
चर्चा में क्यों?
शहद मिशन के तहत खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा देश भर में 17,500 लाभार्थियों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देने के बाद से अब तक 1,75000 मधुमक्खी पेटियों का वितरण किया जा चुका है।
- राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) के अनुसार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक 2021-22 में शीर्ष दस शहद उत्पादक राज्य थे।
शहद मिशन:
- इसे वर्ष 2017 में 'मीठी क्रांति' के अनुरूप लॉन्च किया गया था।
- मिशन के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत KVIC किसानों या मधुमक्खी पालकों को प्रदान करता है:
- मधुमक्खी कालोनियों की निगरानी के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण।
- सभी मौसमों में मधुमक्खी कालोनियों के प्रबंधन के साथ-साथ मधुमक्खी के शत्रुओं और रोगों की पहचान और प्रबंधन।
- मधुमक्खी पालन उपकरण से परिचित कराना।
- शहद निष्कर्षण एवं मोम शोधन।
मीठी क्रांति
- परिचय:
- यह मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसे 'मधुमक्खी पालन' के नाम से जाना जाता है।
- मीठी क्रांति बूस्टर शॉट प्रदान करने के लिये सरकार ने 2020 में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना) को आत्मनिर्भर भारत योजना के हिस्से के रूप में लॉन्च किया।
- यह मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसे 'मधुमक्खी पालन' के नाम से जाना जाता है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शहद और अन्य संबंधित उत्पादों के उत्पादन में तेज़ी लाना है।
- अच्छी गुणवत्ता वाले शहद की मांग पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है क्योंकि इसे प्राकृतिक रूप से पौष्टिक उत्पाद माना जाता है।
- अन्य मधुमक्खी पालन उत्पादों जैसे- रॉयल जेली, मोम, पराग, आदि का भी विभिन्न क्षेत्रों जैसे- फार्मास्यूटिकल्स, भोजन, पेय, सौंदर्य और अन्य में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
- इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शहद और अन्य संबंधित उत्पादों के उत्पादन में तेज़ी लाना है।
- महत्त्व:
- इस मिशन के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप मधुमक्खी संरक्षण सुनिश्चित करेगा, बीमारियों को रोकेगा या मधुमक्खी कालोनियों के नुकसान को रोकेगा तथा मधुमक्खी पालन उत्पादों की गुणवत्ता के साथ अधिक मात्रा प्रदान करेगा।
- खेती के तरीकों से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लिये बेहतर गुणवत्ता वाला शहद व अन्य उत्पाद प्राप्त होंगे।
- मधुमक्खी पालन एक कम निवेश और अत्यधिक कुशल उद्यम मॉडल है, जो प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये एक बड़े कारक के रूप में उभरा है।
- मधुमक्खी पालन को बढ़ाने से किसानों की आय दोगुनी होगी, रोज़गार पैदा होगा, खाद्य सुरक्षा और मधुमक्खी संरक्षण सुनिश्चित होगा तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी।
- इस मिशन के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप मधुमक्खी संरक्षण सुनिश्चित करेगा, बीमारियों को रोकेगा या मधुमक्खी कालोनियों के नुकसान को रोकेगा तथा मधुमक्खी पालन उत्पादों की गुणवत्ता के साथ अधिक मात्रा प्रदान करेगा।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग:
- खादी और ग्रामोद्योग आयोग 'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम,1956' के तहत एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है।
- इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ भी आवश्यक हो अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना तथा विकास के लिये योजनाएँ बनाना, उनका प्रचार-प्रसार करना तथा सुविधाएँ एवं सहायता प्रदान करना है।
- यह भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of MSME) के अंतर्गत आने वाली एक मुख्य संस्था है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रश्न. बागवानी फार्मों के उत्पादन, उत्पादकता और आय को बढ़ाने में राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National Horticulture Mission- NHM) की भूमिका का आकलन कीजिये। किसानों की आय बढ़ाने में यह कहाँ तक सफल हुआ है? (मुख्य परीक्षा, 2018) |