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डेली न्यूज़


कृषि

मीठी क्रांति

  • 10 Jan 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन, राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन, मधुमक्खी पालन, मीठी क्रांति

मेन्स के लिये:

किसानों की आय दोगुनी करना, मीठी क्रांति, मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने उत्तर प्रदेश के एक गाँव में देश की पहली मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन लॉन्च की है।

  • मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन जो मधुमक्खी पालकों द्वारा उत्पादित शहद को उनके दरवाजे पर संसाधित करेगी और इस प्रकार उन्हें प्रसंस्करण हेतु दूर के शहरों में प्रसंस्करण संयंत्रों में शहद ले जाने की परेशानी और लागत से बचाएगी।
  • यह पहल ‘मीठी क्रांति’ का हिस्सा है।

प्रमुख बिंदु

  • 'मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन' के लाभ:
    • प्रसंस्करण संयंत्रों तक शहद का परिवहन छोटे किसानों और मधुमक्खी पालकों के लिये एक महँगी गतिविधि है।
      • उच्च परिवहन और प्रसंस्करण लागत से बचने के लिये अधिकांश मधुमक्खी पालक अपने कच्चे शहद को बहुत कम कीमत पर एजेंटों को बेच देते हैं।
      • प्रसंस्करण/प्रोसेसिंग वैन मधुमक्खी पालकों को शहद निकालने और प्रसंस्करण की लागत को कम करेगी।
      • इससे शहद में मिलावट की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी क्योंकि प्रसंस्करण का कार्य मधुमक्खी पालकों और किसानों के दरवाज़े पर किया जाएगा।
  • 'मीठी क्रांति' के बारे में:
    • यह मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसे 'मधुमक्खी पालन' '(Beekeeping) के नाम से जाना जाता है।
      • मीठी क्रांति को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा वर्ष 2020 में (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत) राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन शुरू किया गया।
    • इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शहद और अन्य संबंधित उत्पादों के उत्पादन में तीव्रता लाना है।
      • अच्छी गुणवत्ता वाले शहद की मांग पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रही है क्योंकि इसे प्राकृतिक रूप से पौष्टिक उत्पाद माना जाता है।
      • अन्य मधुमक्खी पालन उत्पादों जैसे- रॉयल जेली, मोम, पराग, आदि का भी विभिन्न क्षेत्रों जैसे फार्मास्यूटिकल्स, भोजन, पेय, सौंदर्य और अन्य में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
    • शहद मिशन के तहत KVIC किसानों या मधुमक्खी पालकों को निम्नलिखित सुविधाएँ प्रदान करता है –
      • मधुमक्खी कालोनियों की जाँच के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण।
      • सभी मौसमों में मधुमक्खी कालोनियों के प्रबंधन के साथ-साथ मधुमक्खी को नुकसान पहुँचाने वाले कारकों और रोगों की पहचान एवं प्रबंधन।
      • मधुमक्खी पालन के उपकरणों से परिचित और
      • शहद निष्कर्षण और मोम शुद्धि।
        • शहद मिशन कार्यक्रम वर्ष 2017-18 के दौरान केवीआईसी द्वारा शुरू किया गया था।
    • इस मिशन के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप मधुमक्खी संरक्षण सुनिश्चित करेगा, बीमारियों को रोकेगा या मधुमक्खी कालोनियों के नुकसान को रोकेगा तथा मधुमक्खी पालन उत्पादों की गुणवत्ता और अधिक मात्रा प्रदान करेगा।
      • खेती के तरीकों से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लिये बेहतर गुणवत्ता वाला शहद व अन्य उत्पाद प्राप्त होंगे।
    • मधुमक्खी पालन एक कम निवेश और अत्यधिक कुशल उद्यम मॉडल है, जिसमें प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये एक बड़े कारक के रूप में उभरा है।
      • मधुमक्खी पालन को बढ़ाने से किसानों की आय दोगुनी होगी, रोज़गार पैदा होगा, खाद्य सुरक्षा और मधुमक्खी संरक्षण सुनिश्चित होगा तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)

  • खादी और ग्रामोद्योग आयोग 'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम-1956' के तहत एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ भी आवश्यक हो अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना तथा विकास के लिये योजनाएँ बनाना, उनका प्रचार-प्रसार करना तथा सुविधाएँ एवं सहायता प्रदान करना है।
  • यह भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of MSME) के अंतर्गत आने वाली एक मुख्य संस्था है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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