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हिंदू-कुश हिमालय क्षेत्र

  • 09 Oct 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये महत्त्वपूर्ण तथ्य:

भारत मौसम विभाग, विश्व मौसम विज्ञान संगठन, हिंदू-कुश हिमालय क्षेत्र, तीसरा ध्रुव, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज

मुख्य परीक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण:

जलवायु परिवर्तन का हिमालय क्षेत्र पर प्रभाव, जलवायु परिवर्तन पर इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज का विश्लेषण

चर्चा में क्यों?

भारत मौसम विभाग (India Meteorological Department- IMD) ने हिंदू-कुश पर्वतों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करने, डेटा एकत्र करने तथा देशों को जलवायु पूर्वानुमान सेवाएँ प्रदान करने के लिये चीन और पाकिस्तान की मौसम संबंधी एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्णय लिया है।

कदम उठाने के कारण:

  • हाल ही में इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (Intergovernmental Panel on Climate Change- IPCC) की रिपोर्ट ने हिंदू-कुश पर्वतीय क्षेत्र में ग्लोबल वार्मिंग के नकारात्मक प्रभावों की ओर ध्यानाकर्षित किया है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक वर्षा के कारण सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों के पहाड़ी और निचले इलाकों में बाढ़ की तीव्रता एवं आवृत्ति में वृद्धि हो सकती है।

प्रमुख बिंदु:

  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (The World Meteorological Organisation- WMO) ने इस्लामाबाद, दिल्ली और बीजिंग में क्षेत्रीय जलवायु केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव दिया है।
  • क्षेत्रीय जलवायु केंद्र विभिन्न देशों को मौसम संबंधी पूर्वानुमान की जानकारी देने के साथ डेटा एकत्र करने, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, अनुसंधान और विकास सेवाएँ प्रदान करेंगे।
  • इसके माध्यम से ऐसी प्रणाली विकसित करने की योजना है, जिसके तहत विभिन्न देश डेटा साझा कर सकते हैं तथा पूर्वानुमान और भविष्यवाणियों में सुधार किया जा सकता है।

WMO

हिंदू-कुश हिमालय क्षेत्र

(Hindu-kush Himalayan Region- HKH)

  • हिंदू-कुश हिमालय क्षेत्र को तीसरा ध्रुव (Third Pole) माना जाता है तथा यह जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से अत्यंत सुभेद्य है। पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहाँ डेटा एकत्र करना कठिन है।
  • हिंदू-कुश हिमालय क्षेत्र अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, किर्गिज़स्तान, मंगोलिया, म्याँमार, नेपाल, पाकिस्तान, ताज़िकिस्तान और उज़्बेकिस्तान तक फैला है।
  • यह लगभग 5 मिलियन वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र तक फैला है तथा यहाँ सांस्कृतिक रूप से संपन्न एक बड़ी आबादी निवास करती है।
  • तीसरा ध्रुव, जो विशाल क्रायोस्फेरिक क्षेत्र (Cryospheric Zones) से घिरा हुआ है; यहाँ बर्फ का सर्वाधिक भंडार पाया जाता है।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन

(World Meteorological Organisation)

  • यह एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसे 23 मार्च, 1950 को मौसम विज्ञान संगठन अभिसमय के अनुमोदन द्वारा स्थापित किया गया है।
  • यह पृथ्वी के वायुमंडल की परिस्थिति और व्यवहार, महासागरों के साथ इसके संबंध, मौसम और परिणामस्वरूप उपलब्ध जल संसाधनों के वितरण के बारे में जानकारी देने के लिये संयुक्त राष्ट्र (UN) की आधिकारिक संस्था है।
  • 191 सदस्यों वाले विश्व मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय जिनेवा (Geneva) में है।
  • उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 23 मार्च को विश्व मौसम दिवस मनाया जाता है।

स्रोत: द हिन्दू

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