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भारतीय राजव्यवस्था

EPS के तहत उच्च पेंशन

  • 24 Feb 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

EPFO, EPS, सर्वोच्च न्यायालय, कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014।

मेन्स के लिये:

EPS के तहत उच्च पेंशन।

चर्चा में क्यों? 

सर्वोच्च न्यायालय (SC) के 4 नवंबर, 2022 के निर्णय के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने पुराने सदस्यों के एक वर्ग को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत उच्च पेंशन का विकल्प चुनने की अनुमति देने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

SC का नवंबर 2022 का निर्णय:

  • सर्वोच्च न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा, लेकिन नई योजना का विकल्प चुनने की समय-सीमा को चार महीने बढ़ा दिया।
  • अनुच्छेद 142 के तहत सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय EPFO सदस्यों, जिन्होंने EPS का लाभ उठाया है, को अगले चार महीनों में अपने वास्तविक वेतन का 8.33% तक का विकल्प चुनने एवं योगदान करने का एक और अवसर प्रदान करता है, जबकि पेंशन योग्य वेतन का 8.33% पेंशन के लिये 15,000 रुपए प्रतिमाह तक सीमित है। 
    • पूर्व-संशोधन योजना के तहत पेंशन योग्य वेतन की गणना पेंशन फंड की सदस्यता से बाहर निकलने से पहले के 12 महीनों के दौरान प्राप्त वेतन के औसत के रूप में की गई थी। पेंशन फंड की सदस्यता से बाहर निकलने को लेकर संशोधनों ने इसे औसतन 60 महीने तक बढ़ा दिया।
  • न्यायालय ने फैसला सुनाया कि सदस्यों को प्रतिमाह 15,000 रुपए से अधिक वेतन का अतिरिक्त 1.16% योगदान करने की आवश्यकता वाला संशोधन कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 का उल्लंघन करता है।

नए दिशा-निर्देश:

  • नए दिशा-निर्देश कर्मचारियों के EPS के लिये वास्तविक मूल वेतन (मूल वेतन + DA) के 8.33% के बराबर की राशि काटने के लिये विंडो की व्यवस्था करते हैं, जिससे बड़ी राशि जमा करने और उच्च पेंशन राशि प्राप्त करने में मदद मिलती है।
    • वर्तमान में कर्मचारियों से EPS योगदान पेंशन योग्य वेतन के लिये अधिकतम 15,000 रुपए है।
  • जो अंशधारक इसका विकल्प चुनते हैं, उनके लिये सितंबर 2014 से कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जाने वाले नियोक्ताओं के हिस्से को अर्जित ब्याज के साथ EPS में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
  • लाभ प्राप्त करने हेतु मूल मानदंड हैं: 
    • कर्मचारी जो 1 सितंबर, 2014 से पहले सदस्य थे और उस तारीख को या उसके बाद भी सदस्य बने रहे।
    • कर्मचारी और नियोक्ता जिन्होंने 5,000 रुपए या 6,500 रुपए की वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था।
    • कर्मचारी और नियोक्ता जिन्होंने EPS सदस्य होने के दौरान संयुक्त विकल्प का प्रयोग नहीं किया था।

कर्मचारी पेंशन योजना (Employees' Pension Scheme- EPS): 

  • EPFO द्वारा प्रशासित EPS, वर्ष 1995 में अस्तित्व में आया। पेंशन फंड में PF कॉर्पस हेतु नियोक्ताओं के योगदान का 8.33% जमा करना होता है।
  • यह 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति के बाद संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों हेतु पेंशन का प्रावधान करता है।
  • जो कर्मचारी EPF के सदस्य हैं वे स्वत: ही EPS के सदस्य बन जाते हैं। 
    • कर्मचारी भविष्य निधि (Employees’ Provident Fund- EPF) योजना में नियोक्ता तथा कर्मचारी दोनों कर्मचारी के मासिक वेतन (मूल वेतन और महँगाई भत्ता) का 12% योगदान करते हैं।
    • EPF योजना उन कर्मचारियों हेतु अनिवार्य है जो प्रतिमाह 15,000 रुपए का मूल वेतन प्राप्त करते हैं।
    • नियोक्ता के 12% हिस्से में से 8.33% EPS में जमा किया किया जाता है।
    • केंद्र सरकार भी कर्मचारियों के मासिक वेतन का 1.16% योगदान करती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारत में नियोजित अनियत मज़दूरों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. सभी अनियत मज़दूर कर्मचारी भविष्य निधि सुरक्षा के हकदार हैं।
  2. सभी अनियत मज़दूर नियमित कार्य समय और समयोपरि भुगतान के हकदार हैं।
  3. सरकार अधिसूचना द्वारा यह विनिर्दिष्ट कर सकती है कि कोई प्रतिष्ठान या उद्योग केवल अपने बैंक खातों के माध्यम से मज़दूरी का भुगतान करेगा।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (d) 

स्रोत: द हिंदू

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