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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

  • 10 Apr 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

मेन्स के लिये 

केंद्र सरकार की योजनाओं का कार्यान्वयन एवं उनका प्रभाव

चर्चा में क्यों?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO) ने कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के मद्देनज़र EPFO के संदर्भ में सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के तहत अब तक लगभग 1.37 लाख के दावों का निपटान किया है और तकरीबन 279.65 करोड़ रुपए वितरित किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि सरकार ने COVID-19 महामारी के मद्देनज़र कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल कर दिया है जिसे ध्‍यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिक, इनमें से जो भी कम हो, प्राप्‍त करने की अनुमति दी गई है। 
    • सरकार के इस निर्णय से EPF के तहत पंजीकृत तकरीबन 4 करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
  • इसके अलावा EPFO ने केवाईसी (Know Your Customer-KYC) के अनुपालन में आसानी के लिये जन्म तिथि में सुधार मानदंडों की प्रक्रिया में भी ढील दी है।
    • अब EPFO ग्राहक के आधार कार्ड में दर्ज जन्म तिथि को PF रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि  को सुधारने के प्रमाण के रूप में स्वीकार कर रहा है।
    • साथ ही जन्म तिथि में तीन वर्ष तक की भिन्नता वाले सभी मामलों को भी EPFO द्वारा स्वीकार किया जा रहा है।
  • बीते महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के प्रकोप का मुकाबला करने के लिये सरकार के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें आगामी तीन महीनों के लिये नियोक्ता और कर्मचारी (12 प्रतिशत प्रत्येक) के योगदान का भुगतान करना था, यदि संगठन में 100 कर्मचारी हैं और उनमें से 90 प्रतिशत कर्मचारी 15000/- रुपए प्रतिमाह से कम कमाते हैं।
    • विश्लेषकों के अनुसर, सरकार का यह निर्णय विभिन्न छोटे संगठनों को वित्तीय रूप से लाभान्वित करेगा और पेरोल पर कर्मचारियों की निरंतरता बनाए रखने में मदद करेगा।

चुनौतियाँ 

  • ध्यातव्य है कि कई EPFO ग्राहकों ने दावों के निपटान में देरी का मुद्दा उठाया था, जिसकी जाँच संगठन के अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
  • EPFO के अनुसार, KYC के मापदंडों का अनुपालन करने वाले सभी आवेदनों का निपटान स्वतः ही हो जाता है, किंतु शेष आवेदनों की जाँच अधिकारियों द्वारा की जा रही है, जिसके कारण कुछ अधिक समय लग रहा है।

आगे की राह

  • EPFO के संदर्भ में सरकार द्वारा लिया गया निर्णय कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के समय में नियोक्ताओं और कर्मचारियों को राहत प्रदान करने हेतु लिया गया महत्त्वपूर्ण निर्णय है।
  • हालाँकि ग्राहकों को इस योजना का लाभ उठाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, इसके अलावा कई लोगों ऐसे भी हैं जो इस योजना के पात्र है, किंतु उन्हें इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है।
  • आवश्यक है कि नीति निर्माताओं द्वारा इस मुद्दों पर विचार किया जाए और इन्हें जल्द-से-जल्द सुलझाने का प्रयास किया जाए, ताकि आम लोगों को वित्तीय समस्याओं का सामना न करना पड़े।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन 

(Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO)

  • यह एक सरकारी संगठन है जो सदस्य कर्मचारियों की भविष्य निधि और पेंशन खातों का प्रबंधन करता है तथा कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (Employee Provident Fund and Miscellanious Provisions Act, 1952) को लागू करता है।
  • कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिये भविष्य निधि संस्थान (Provident Fund Institution) के रूप में काम करता है।
  • यह संगठन श्रम और रोज़गार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रशासित है। सदस्यों और वित्तीय लेन-देन के मामले में यह विश्व का सबसे बड़ा संगठन है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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