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भारत में लाइट फिशिंग का बढ़ता खतरा

  • 01 Apr 2025
  • 8 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों?

भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा, जो समृद्ध समुद्री जैवविविधता और लाखों मत्स्य पालकों का आश्रय स्थल है, अवैध रूप से लाइट फिशिंग के बढ़ते खतरे का सामना कर रही है। 

  • वर्ष 2017 से अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर राष्ट्रीय प्रतिबंध के बावजूद, कमज़ोर प्रवर्तन ने इस प्रथा को जारी रहने दिया है, जिससे पारिस्थितिक और सामाजिक क्षति को रोकने के लिये तत्काल कार्यवाही की मांग की जा रही है।

लाइट फिशिंग क्या है?

  • परिचय: लाइट फिशिंग में मछलियों और स्क्विड को सतह पर आकर्षित करने के लिये उच्च-तीव्रता वाली कृत्रिम रोशनी का उपयोग किया जाता है, जिससे उन्हें पकड़ना आसान हो जाता है।
    • राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य पालन नीति (NPMF), 2017 के तहत लाइट फिशिंग प्रतिबंधित है, जिसका उद्देश्य लाइट फिशिंग जैसी विनाशकारी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाकर समुद्री संसाधनों की रक्षा करना और स्थिरता को बढ़ावा देना है।
  • प्रभाव: लाइट फिशिंग के कारण मछलियों का अनियंत्रित शिकार किया जाता है, जिससे उनका स्टॉक कम हो जाता है और भविष्य की आबादी के लिये खतरा उत्पन्न हो जाता है। 
    • इससे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित होता है तथा प्रवाल भित्तियों का भी क्षरण होता है। समुद्री खाद्य जाल के लिये महत्त्वपूर्ण स्क्विड (नरम शरीर वाले मोलस्क) विशेष रूप से असुरक्षित हैं, जिससे बड़े शिकारी प्रजातियों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है और खाद्य शृंखला बाधित होती है।
    • लाइट फिशिंग से विशेषकर आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में पारंपरिक मत्स्य पालकों को नुकसान पहुँचता है। 
      • शक्तिशाली रोशनी का उपयोग करने वाले मशीनीकृत ट्रॉलर अनुचित प्रतिस्पर्द्धा पैदा करते हैं, जिससे औद्योगिक संचालकों और स्थानीय समुदायों के बीच तनाव बढ़ता है। 

Light_Fishing

भारत में लाइट फिशिंग विनियमों का प्रवर्तन कमज़ोर क्यों है?

  • कमजोर नीतिगत ढाँचा: जबकि EEZ प्रतिबंध लागू है, प्रादेशिक जल (12 समुद्री मील तक) के भीतर प्रवर्तन राज्यों पर छोड़ दिया गया है (संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची की 'प्रविष्टि 21'), जिसके कारण असंगतता पैदा होती है।
    • तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में केवल आंशिक प्रतिबंध है तथा महाराष्ट्र में लाइट फिशिंग के बजाय ट्रॉलिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • संस्थागत क्षमता अंतराल: तटीय पुलिस केवल 5 समुद्री मील तक ही गश्त कर सकती है तथा लाइट फिशिंग का कार्य सामान्यतः इस सीमा से परे होता है।
  • अपर्याप्त दंड: इस संदर्भ में अधिरोपित जुर्माना (जैसे, कर्नाटक में 16,000 रुपए) लाइट फिशिंग से होने वाले लाभ (प्रति यात्रा 1 लाख रुपए तक) से कम है, जिससे यह निवारक के रूप में विफल रह जाता है।
  • तकनीकी प्रसार: संवहनीय प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एल.ई.डी.) और पोर्टेबल जनरेटर प्रौद्योगिकियों से लाइट फिशिंग सुलभ और व्यापक हो गया है।

लाइट फिशिंग के असंगत प्रवर्तन के समाधान हेतु क्या किये जाने की आवश्यकता है?

  • राष्ट्रव्यापी एकसमान प्रतिबंध: वर्ष 2017 के EEZ प्रतिबंधों के अनुरूप, लाइट फिशिंग पालन पर एक व्यापक, प्रवर्तनीय प्रतिबंध को SDG 14 (जलीय जीवन) का समर्थन करने वाले सभी क्षेत्रीय जल क्षेत्रों में लागू किया जाना चाहिये।
  • एकीकृत प्रवर्तन तंत्र: बहु-एजेंसी समन्वय (तटीय पुलिस, मत्स्य विभाग, तट रक्षक) और साझा गश्ती के साथ-साथ उपग्रह ट्रैकिंग (जैसे भू प्रेक्षण उपग्रह- 06) के साथ एक एकीकृत प्रवर्तन तंत्र की सहायता से अनुवीक्षण में सुधार किया जा सकता है।
  • आर्थिक परिवर्तन समर्थन: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पर्यावरण अनुकूल उपकरणों और संधारणीय प्रथाओं में प्रशिक्षण के लिये सब्सिडी प्रदान की जाती है, साथ ही लाइट फिशिंग का कार्य छोड़ने वालों को जलीय कृषि और पर्यटन जैसी वैकल्पिक आजीविका भी प्रदान की जाती है।
  • वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएँ: जापान और इटली जैसे देशों ने लाइट फिशिंग पर ऋतु आधारित और गहराई-आधारित प्रतिबंध लागू किये हैं।
    • भारत जैवविविधता संरक्षण और आर्थिक संधारणीयता के बीच संतुलन स्थापित करने के उद्देश्य से ऐसी अनुकूली नीतियों का अंगीकरण कर सकता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत के तटीय पारिस्थितिकी तंत्र और मछुआरा समुदायों पर लाइट मत्स्यन के पर्यावरणीय और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की विवेचना कीजिये। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा जीव निस्यंंदक भोजी (फिल्टर फीडर) है? (2021)

(a) अशल्क मीन (कैटफिश)
(b) अष्टभुज (ऑक्टोपस)
(c) सीप (ऑयस्टर)
(d) हवासिल (पेलिकन)

उत्तर: (c)


प्रश्न. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत निम्नलिखित में से किन उद्देश्यों के लिये कृषकों को अल्पकालिक ऋण समर्थन उपलब्ध कराया जाता है? (2020)

  1. कृषि परिसंपत्तियों के रख-रखाव हेतु कार्यशील पूंजी के लिये 
  2. कंबाइन कटाई मशीनों, ट्रैक्टरों एवं मिनी ट्रकों के क्रय के लिये 
  3. कृषक परिवारों की उपभोग आवश्यकताओं के लिये 
  4. फसल कटाई के बाद के खर्चों के लिये 
  5. परिवार के घर निर्माण और गाँव में शीतगार सुविधा की स्थापना के लिये

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

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