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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

कश्मीर मुद्दा और पाकिस्तान का आक्रमण

  • 26 Oct 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

पाक-अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान की भौगोलिक अवस्थिति

मेन्स के लिये

पाक-अधिकृत कश्मीर की मौजूदा स्थिति और भारत के लिये इसके निहितार्थ

चर्चा में क्यों?

22 अक्तूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी सेना समर्थित हमले और आम लोगों पर किये गए अत्याचार को प्रदर्शित करने के लिये केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में एक संग्रहालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • नई दिल्ली में स्थापित होने वाले इस संग्रहालय में कश्मीर में हिंसा तथा आतंक को बढ़ावा देने और यहाँ की संस्कृति को नष्ट करने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया जाएगा।
  • पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित इस हमले के बाद तत्कालीन जम्मू-कश्मीर रियासत का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्ज़े में चला गया था और हज़ारों हिंदुओं एवं सिखों को भारत की ओर पलायन करना पड़ा था।
    • पलायन के अलावा हज़ारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को इस हमले में अपनी जान गँवानी पड़ी थी।
  • उद्देश्य
    • इस संग्रहालय की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य आम लोगों को कश्मीर में आतंकवाद, अस्थिरता और अशांति फैलाने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में जानकारी देना है।

पाकिस्तान का आक्रमण

  • कश्मीर संकट के इतिहास की जड़ें वर्ष 1947 में खोजी जा सकती हैं, जब पाकिस्तान की सेना के इशारे पर तकरीबन 1000 आदिवासियों ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया था। 
  • दरअसल विभाजन के दौरान जम्मू-कश्मीर रियासत को भारत अथवा पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उस समय के शासक महाराजा हरि सिंह ने इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रखने का फैसला किया।
  • 1947 में पाकिस्तान के पख्तून आदिवासियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया, इस स्थिति से निपटने के लिये महाराजा ने तत्कालीन भारतीय गवर्नर-जनरल माउंटबेटन से सैन्य मदद मांगी।
    • ध्यातव्य है कि पाकिस्तानी सेना ने हमलावरों को आक्रमण करने के लिये रसद, हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराए थे। इन्हें पाकिस्तान की सेना द्वारा निर्देश दिये जा रहे थे। 
  • 26 अक्तूबर, 1947 को आक्रमणकारी श्रीनगर के करीब बारामूला पहुँच गए तथा उन्होंने स्थानीय लोगों पर काफी अत्याचार किये और हिंदू तथा सिखों को पलायन के लिये मजबूर कर दिया।
  • अंत में जब महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार के विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये तब जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से भारत का हिस्सा बन गया।

पृष्ठभूमि 

  • वर्ष 1947 में भारत के विभाजन के पूर्व जम्मू-कश्मीर रियासत में कुल पाँच क्षेत्र शामिल थे: जम्मू, कश्मीर घाटी, लद्दाख, गिलगित वज़रात और गिलगित एजेंसी।
  • 22 अक्तूबर, 1947 में जब पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी पर आक्रमण किया तब जम्मू-कश्मीर की रियासत का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के पास चला गया, जबकि शेष हिस्सा भारत के पास रह गया। पाकिस्तान के पास जम्मू-कश्मीर रियासत का जो हिस्सा है उसे पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) के नाम से जाना जाता है।
  • पाकिस्तान के कब्ज़े वाला कश्मीर मुख्यतः दो हिस्सों में बँटा हुआ है-
  • पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) पश्चिम में पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा से, उत्तर-पश्चिम में अफगानिस्तान से, उत्तर में चीन के शिनजियांग प्रांत से और पूर्व में भारत के जम्मू-कश्मीर से अपनी सीमा साझा करता है, इसीलिये अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का सामरिक महत्त्व काफी अधिक है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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