डेटा स्वामित्व के लिये सरकार का प्रयास | 20 Nov 2023
प्रिलिम्स के लिये:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डिजिटल इंडिया बिल, अज्ञात डेटा, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 मेन्स के लिये:डेटा गवर्नेंस और गोपनीयता का विनियमन, डेटा गोपनीयता एवं डेटा सुरक्षा से संबंधित मुद्दे |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार कथित तौर पर फेसबुक, गूगल और अमेज़न जैसे प्रमुख तकनीकी दिग्गजों को सरकार समर्थित डेटाबेस के लिये अज्ञात व्यक्तिगत डेटा साझा करने का निर्देश देने पर विचार कर रही है।
- आगामी डिजिटल इंडिया बिल, 2023 में उल्लिखित यह संभावित विकास डेटा स्वामित्व पर केंद्रित है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल के परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।
अज्ञात डेटा क्या है?
- यह एक ऐसा डेटा सेट है जिसमें व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी नहीं होती है। इसमें किसी विशेष जनसांख्यिकी का समग्र स्वास्थ्य डेटा, किसी क्षेत्र का मौसम और जलवायु डेटा, ट्रैफिक डेटा, अन्य जैसी समग्र जानकारी शामिल हो सकती है।
- यह व्यक्तिगत डेटा से अलग है, यह वह डेटा है जो किसी पहचाने गए या पहचाने जाने योग्य व्यक्ति से संबंधित है, जैसे- ईमेल, बायोमेट्रिक्स इत्यादि।
- अज्ञात डेटा का उपयोग व्यक्तियों की गोपनीयता से समझौता किये बिना, विभिन्न उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है, जैसे- सांख्यिकीय विश्लेषण, बाज़ार अनुसंधान, उत्पाद विकास आदि।
सरकार बढ़े तकनीकी डेटा तक पहुँच पर विचार क्यों कर रही है?
- यह कदम आगामी डिजिटल इंडिया विधेयक का हिस्सा है, जिसमें बड़ी तकनीकी कंपनियों को उनके पास मौजूद सभी गैर-व्यक्तिगत डेटा को सरकार समर्थित डेटाबेस में जमा करने के लिये बाध्य करने का प्रावधान है, जिसे भारत डेटासेट प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा गठित कार्य समूह के अनुसार, भारत डेटासेट प्लेटफॉर्म को सरकार, निजी कंपनियों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprises- MSMEs) क्षेत्र, शिक्षाविदों तथा अन्य सहित विभिन्न हितधारकों के लिये एक एकीकृत राष्ट्रीय डेटा साझा और विनिमय मंच के रूप में परिकल्पित किया गया है।
- भारत डेटासेट प्लेटफॉर्म द्वारा रखे गए गैर-व्यक्तिगत डेटा का मुद्रीकरण किया जा सकता है, जो आर्थिक लाभ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- इससे पहले मई 2022 में सरकार ने राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति मसौदा जारी किया था, जिसके तहत उसने केवल निजी कंपनियों को स्टार्टअप और भारतीय शोधकर्त्ताओं के साथ गैर-व्यक्तिगत डेटा साझा करने के लिये "प्रोत्साहित" किया था।
- सरकार का तर्क है कि बड़ी तकनीकी कंपनियों को भारतीयों के गैर-व्यक्तिगत डेटा के आधार पर एल्गोरिदम बनाने से फायदा हुआ है और उन्हें इस पर विशेष स्वामित्व का दावा नहीं करना चाहिये।
डिजिटल इंडिया बिल की मुख्य बातें क्या हैं?
- डिजिटल इंडिया बिल, 2023 (यदि पारित हो जाता है, तो यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के उत्तराधिकारी के रूप में कार्य करेगा) व्यापक कानूनी ढाँचे का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें विभिन्न विधायी उपाय शामिल हैं।
- यह एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसमें डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023, भारतीय दूरसंचार विधेयक प्रस्ताव, 2022 और गैर-व्यक्तिगत डेटा के विनियमन को संबोधित करने वाली नीति जैसे उपाय शामिल हैं।
- इस विधेयक का उद्देश्य डेटा-संचालित नवाचार और विकास के लिये एक मज़बूत आधार प्रदान करके भारत में AI पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
- इस विधेयक को भारत के डिजिटल परिदृश्य की व्यापक निगरानी सुनिश्चित करने के साथ ही साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा, डीपफेक, इंटरनेट के विविध प्लेटफॉर्म्स के बीच प्रतिस्पर्द्धा, ऑनलाइन सुरक्षा तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के नकारात्मक प्रभाव जैसी समकालीन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारत के संविधान के किस अनुच्छेद के तहत 'निजता का अधिकार' संरक्षित है? (2021) (a) अनुच्छेद 15 उत्तर: C प्रश्न. निजता के अधिकार को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के आंतरिक भाग के रूप में संरक्षित किया जाता है। भारत के संविधान में निम्नलिखित में से किससे उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है? (2018) (a) अनुच्छेद 14 और संविधान के 42वें संशोधन के तहत प्रावधान। उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. निजता के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय के नवीनतम निर्णय के आलोक में मौलिक अधिकारों के विस्तार का परीक्षण कीजिये। (2017) |