सरकार द्वारा RERA के कामकाज की समीक्षा | 15 Apr 2024

प्रिलिम्स के लिये:

सरकार ने RERA कार्यप्रणाली, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (Real Estate (Regulation and Development) Act) 2016 राज्य स्तरीय नियामक प्राधिकरण, रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण की समीक्षा की।

मेन्स के लिये:

सरकार द्वारा RERA के कामकाज की समीक्षा, विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, नीतियों के निर्माण तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (Real Estate (Regulation and Development) Act) 2016  के कामकाज की समीक्षा करने की प्रक्रिया में है।

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) क्या है?

  • परिचय:
    • रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA), 2016 में भारत सरकार द्वारा अधिनियमित एक महत्त्वपूर्ण कानून है।
    • इसका प्राथमिक उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र को विनियमित करना और रियल एस्टेट लेन-देन में पारदर्शिता, जवाबदेही तथा दक्षता को बढ़ावा देना है।
    • RERA का लक्ष्य घर खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट उद्योग में निष्पक्ष व्यवहार को बढ़ावा देना है।
  • आवश्यकता:
    • सबसे बड़े निवेश क्षेत्र को सुरक्षित करना: रियल एस्टेट क्षेत्र का विनियमन वर्ष 2013 से चर्चा में था और RERA अधिनियम अंततः वर्ष 2016 में अस्तित्व में आया। डेटा से पता चलता है कि एक औसत भारतीय परिवार की कुल संपत्ति का 77% से अधिक रियल एस्टेट में होता है और यह किसी व्यक्ति का उसके जीवनकाल में सबसे बड़ा निवेश है।
    • जवाबदेहिता सुनिश्चित करना: कानून निर्माण से पहले रियल एस्टेट और हाउसिंग सेक्टर काफी हद तक अनियंत्रित था, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता बिल्डर्स तथा डेवलपर्स को जवाबदेह ठहराने में असमर्थ थे।
      • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 घर खरीदारों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये अपर्याप्त था।
      • रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम को उपभोक्ताओं के प्रति अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने, धोखाधड़ी और विलंबता को कम करने तथा एक फास्ट ट्रैक विवाद समाधान तंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से पारित किया गया था।
  • मुख्य प्रावधान:
    • राज्य स्तरीय नियामक प्राधिकरणों की स्थापना- रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) अधिनियम राज्य सरकारों को निम्नलिखित अधिदेश के साथ एक से अधिक नियामक प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान करता है:
      • अचल संपत्ति परियोजनाओं का एक पंजीकृत डेटाबेस और उसे बनाए रखना; इसे जनता के देखने के लिये अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करना
      • प्रमोटर्स, खरीदारों और रियल एस्टेट एजेंटों के हितों की सुरक्षा।
      • सतत् और किफायती आवासों का विकास।
      • सरकार को सलाह देना और उसके विनियमों एवं अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करना।
    • राज्य स्तरीय नियामक प्राधिकरणों की स्थापना- रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) अधिनियम राज्य सरकारों को निम्नलिखित अधिदेश के साथ एक से अधिक नियामक प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान करता है:
    • अनिवार्य पंजीकरण: कम-से-कम 500 वर्ग मीटर या आठ अपार्टमेंट के प्लॉट आकार वाली सभी परियोजनाओं को नियामक प्राधिकरणों के साथ पंजीकृत करने की आवश्यकता है।
    • जमा: खरीदारों से एकत्र किये गए धन का 70% केवल उस परियोजना के निर्माण हेतु एक अलग ‘एस्क्रो बैंक खाते’ में जमा करना।
    • दायित्व: पाँच वर्ष के लिये संरचनात्मक दोषों की मरम्मत के लिये डेवलपर का दायित्व।
    • चूक के मामले में दंडात्मक ब्याज: दोनों पक्षों से किसी भी चूक के मामले में प्रमोटर और खरीदार दोनों समान ब्याज दर का भुगतान करने के लिये उत्तरदायी हैं।
    • अग्रिम भुगतान सीमा: एक प्रमोटर पहले बिक्री के लिये समझौता किये बिना किसी व्यक्ति से अग्रिम भुगतान या आवेदन शुल्क के रूप में भूखंड, अपार्टमेंट या भवन की लागत का 10% से अधिक स्वीकार नहीं कर सकता है।
    • कार्पेट एरिया: कार्पेट एरिया को फ्लैट के ‘नेट यूज़ेबल फ्लोर एरिया’ के रूप में परिभाषित किया जाता है। खरीदारों से कार्पेट एरिया के लिये शुल्क लिया जाएगा, न कि सुपर बिल्ट-अप एरिया के लिये।
      • निर्मित क्षेत्र एक इमारत के कुल फर्श क्षेत्र को संदर्भित करता है, जिसमें सभी आंतरिक और बाहरी स्थान जैसे दीवारें, बालकनी, सामान्य क्षेत्र तथा सुविधाएँ शामिल होती हैं।
    • सज़ा: अपीलीय न्यायाधिकरणों और नियामक प्राधिकरणों के आदेशों के उल्लंघन पर डेवलपर्स के लिये तीन वर्ष तक तथा एजेंटों एवं खरीदारों के मामले में एक वर्ष तक की कैद।
  • कार्यान्वयन:
    • नगालैंड राज्य को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने RERA के तहत नियम अधिसूचित कर दिये हैं। 
    • 32 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने एक रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की स्थापना की है और 28 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने एक रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना की है।
    • 1,01,304 रियल एस्टेट परियोजनाएँ और 72,012 रियल एस्टेट एजेंट RERA के प्रावधानों के तहत पंजीकृत किये गए हैं तथा देश भर में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरणों द्वारा 1,06,657 शिकायतों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया है।

IBC के तहत घरों के खरीदारों और बिल्डरों की स्थिति

  • दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत, घर खरीदारों को कुछ अधिकार तथा प्रावधान मुख्य रूप से पिछले कुछ वर्षों में कोड में किये गए संशोधनों के माध्यम से, दिये गए हैं। IBC के तहत घर खरीदारों के लिये कानूनी प्रावधान हैं:
    • वित्तीय ऋणदाताओं के रूप में वर्गीकरण: संशोधनों के माध्यम से, विशेष रूप से वर्ष 2018 संशोधन अधिनियम में, घर खरीदारों को वित्तीय ऋणदाताओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका अर्थ यह है कि घर खरीदार द्वारा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिये दिया गया पैसा वित्तीय ऋण माना जाता है, जिससे उन्हें IBC के तहत ऋणदाता का दर्जा मिल जाता है।
    • दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार: घर खरीदारों को IBC के तहत डिफॉल्ट करने वाली बिल्डर कंपनी के विरुद्ध दिवाला कार्यवाही शुरू करने का अधिकार है।
      • हालाँकि इस प्रक्रिया में कुछ शर्तें शामिल हैं। वर्ष 2020 के संशोधन के अनुसार घर खरीदारों को एक ही रियल एस्टेट परियोजना में कम-से-कम 100 घर खरीदारों या न्यूनतम 10% घर खरीदारों के साथ कॉर्पोरेट दिवालियापन की शुरुआत के लिये संयुक्त रूप से आवेदन दाखिल करना होगा।
    • परिसमापन चरण (Liquidation Stage) में स्थिति: यदि दिवाला प्रक्रिया विफल हो जाती है और कंपनी को परिसमापन की ओर धकेला जाता है, ऐसे में घर खरीदारों को असुरक्षित वित्तीय ऋणदाता माना जाता है।
      • यह उन्हें IBC की धारा 53 के जलप्रपात तंत्र के तहत चौथे स्थान पर रखता है।
      • दिवाला प्रक्रिया लागत, सुरक्षित लेनदारों, कामगारों और कर्मचारियों के बकाया से संतुष्ट होने के बाद घर खरीदारों के दावों पर विचार किया जाता है।

सरकार RERA की समीक्षा क्यों कर रही है?

  • प्रभावशीलता का आकलन:
    • सरकार अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में RERA की प्रभावशीलता का आकलन करना चाहती है।
    • इसमें रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही, सूचना प्रसार और शिकायत निवारण पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन करना शामिल है।
    • घर खरीदारों और अन्य हितधारकों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करके, सरकार का लक्ष्य RERA के साथ उनके अनुभवों पर प्रतिक्रिया एकत्रित करना है।
      • यह फीडबैक अधिनियम के कार्यान्वयन में सुधार हेतु किसी भी कमियों या क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक हो सकता है।
  • आँकड़ों का संग्रह:
    • मंत्रालय पिछले कुछ वर्षों में RERA के कामकाज पर आँकड़े एकत्रित करने के लिये एक डेटा संग्रह इकाई स्थापित कर रहा है।
    • यह आँकड़े स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या, उनकी प्रगति, विलंब और अन्य प्रासंगिक जानकारी प्रदान करेगा, जिससे RERA के समग्र प्रभाव का आकलन करने में मदद मिलेगी।
  • एकरूपता और अनुपालन:
    • सरकार विभिन्न राज्यों में RERA वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारी में एकरूपता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
    • यह अधिनियम के प्रावधानों के अधिक अनुपालन पर ज़ोर देने का संकेत देता है, जैसे बिल्डरों की वार्षिक रिपोर्ट और त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट का अनिवार्य प्रकाशन, आदि।
      • बैठक के दौरान RERA वेबसाइटों पर जानकारी की कमी का मुद्दा उठाया गया, जिसमें अधिनियम के अनुसार बिल्डरों की वार्षिक रिपोर्ट और त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट का होना आवश्यक है।
      • यह भी पाया गया कि ऐसे कि कई उदाहरण मिले, जहाँ RERA ने दस्तावेज़ों के सत्यापन के बिना परियोजनाओं को पंजीकृत किया था।
  • संभावित संशोधन:
    • सरकार की समीक्षा प्रक्रिया भविष्य में किसी भी बदलाव के लिये आधार तैयार करती है।
    • यह समीक्षा प्रक्रिया के दौरान पहचानी गई किसी भी कमियों को दूर करने और RERA की प्रभावशीलता में सुधार करने की दिशा में एक सक्रिय दृष्टिकोण का सुझाव प्रदान करता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. RERA के प्रमुख प्रावधानों का विश्लेषण कीजिये और रियल एस्टेट उद्योग में पारदर्शिता, जवाबदेही तथा उपभोक्ता संरक्षण प्राप्त करने में इसकी प्रभावशीलता का आकलन कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न. "आईटी हब के रूप में शहरी विकास ने रोज़गार के नए रास्ते खोले हैं, लेकिन नई समस्याएँ भी उत्पन्न की हैं"। इस कथन को उदाहरण सहित सिद्ध कीजिये। (2020)

प्रश्न. भारत में तीव्र शहरीकरण की प्रक्रिया ने जिन विभिन्न सामाजिक समस्याओं को जन्म दिया, उनकी विवेचना कीजिये। (2013)