गैर-संचारी रोगों हेतु सरकारी कार्यक्रम का नया नाम | 08 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:NPCDCS कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, NP-NCD, गैर-संचारी रोग मेन्स के लिये:राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, गैर-संचारी रोग |
चर्चा में क्यों?
कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases and Stroke- NPCDCS) का मौजूदा नाम बदलकर गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Prevention & Control of Non-Communicable Diseases- NP-NCD) कर दिया गया है।
- नाम में यह बदलाव सभी प्रकार के गैर-संचारी रोगों को समाहित करने के लिये किया गया है।
- इसके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गैर-संचारी रोगों की जाँच एवं प्रबंधन के लिये व्यापक आबादी को कवर करने हेतु व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा गैर-संचारी रोग (Comprehensive Primary Healthcare Non-Communicable Disease- CPHC NCD IT) प्रणाली का नाम बदलकर राष्ट्रीय NCD पोर्टल कर दिया है।
NPCDCS/NP-NCD:
- परिचय:
- NPCDCS को पूरे देश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लागू किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- इसे वर्ष 2010 में बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य संवर्द्धन, शीघ्र निदान, प्रबंधन और रेफरल प्रक्रियाओं पर ध्यान देने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
- प्रबंधन:
- NPCDCS के तहत कार्यक्रम प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर NCD इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं तथा ज़िला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Centres- CHC) स्तर पर NCD क्लीनिक स्थापित किये जा रहे हैं ताकि शुरुआती निदान, उपचार और फॉलो-अप के लिये सेवाएँ प्रदान की जा सकें।
- उपलब्धि:
- NPCDCS के तहत 677 NCD ज़िला-स्तरीय क्लीनिक, 187 ज़िला कार्डियक केयर यूनिट, 266 ज़िला डे केयर सेंटर और 5,392 NCD सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-स्तरीय क्लीनिक स्थापित किये गए हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन को मिलाकर शुरू किया गया था।
- मुख्य कार्यक्रम संबंधी घटकों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रजनन-मातृ-नवजात-बाल एवं किशोर स्वास्थ्य (RMNCH+A) तथा संचारी एवं गैर-संचारी रोगों के लिये स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करना शामिल है। NHM न्यायसंगत, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच की परिकल्पना करता है जो लोगों की ज़रूरतों के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का लक्ष्य निम्नलिखित संकेतकों की प्राप्ति सुनिश्चित करना है:
- मातृ मृत्यु दर (MMR) को 1/1000 के स्तर पर लाना।
- शिशु मृत्यु दर (IMR) को 25/1000 के स्तर पर लाना।
- कुल प्रजनन दर (TFR) को कम करके 2.1 पर लाना।
- 15-49 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम एवं नियंत्रण।
- संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों, चोटों तथा उभरते रोगों से होने वाली मौतों को नियंत्रित करना।
- कुल स्वास्थ्य देखभाल खर्च में व्यक्तिगत आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय में कमी लाना।
- क्षय रोग के वार्षिक मामलों एवं मृत्यु दर को घटाकर आधा करना।
- कुष्ठ रोग की व्यापकता को <1/10000 के स्तर पर लाना और सभी ज़िलों में नए मामलों को भी शून्य तक लाना।
- मलेरिया के वार्षिक मामलों को <1/1000 के स्तर पर लाना।
- माइक्रोफाइलेरिया (Microfilaria) के प्रसार को सभी ज़िलों में 1 प्रतिशत से कम करना।
- वर्ष 2015 तक कालाज़ार (Kala-azar) का उन्मूलन, सभी प्रखंडों में प्रति 10000 जनसंख्या पर कालाज़ार के मामलों को 1 से भी कम करना।
गैर-संचारी रोग:
- परिचय:
- गैर-संचारी रोग (Non-Communicable Diseases- NCD) लंबी अवधि तक व्याप्त रहते हैं, जिसे पुरानी बीमारियों के रूप में भी जाना जाता है और आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरण तथा व्यवहार संबंधी कारकों के संयोजन का परिणाम होते हैं।
- NCD में प्रमुख रूप से हृदय रोग (जैसे दिल का दौरा और स्ट्रोक), कैंसर, पुराने श्वसन रोग (जैसे प्रतिरोधी फुफ्फुसीय रोग एवं अस्थमा) तथा मधुमेह शामिल हैं।
- कारण:
- तंबाकू का उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार, शराब का सेवन, शारीरिक निष्क्रियता और वायु प्रदूषण जैसी स्थितियाँ जोखिम में योगदान देने वाले मुख्य कारक हैं।
- भारत की पहल:
- केंद्र सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य कैंसर संस्थानों (SCI) और तृतीयक देखभाल केंद्रों (TCCC) की स्थापना का समर्थन करने के लिये तृतीयक देखभाल कैंसर सुविधा योजना को सुदृढ़ कर रही है।
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत नए AIIMS और कई उन्नत संस्थानों के मामले में ऑन्कोलॉजी के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- उपचार के लिये सस्ती दवाएँ और विश्वसनीय प्रत्यारोपण (AMRIT) हेतु दीनदयाल आउटलेट 159 संस्थानों/अस्पतालों में खोले गए हैं, जिसका उद्देश्य कैंसर और हृदय रोग की दवाएँ तथा प्रत्यारोपण रोगियों को रियायती कीमतों पर उपचार उपलब्ध कराना है।
- फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा कम कीमतों पर जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराने हेतु जन औषधि स्टोर स्थापित किये गए हैं।
- वैश्विक:
- सतत् विकास हेतु एजेंडा: राज्य एवं सरकार के प्रमुख सतत् विकास हेतु एजेंडा 2030 (SDG लक्ष्य 3.4) के हिस्से के रूप में रोकथाम और उपचार के माध्यम से NCDs के कारण समय-पूर्व होने वाली मृत्यु दर को एक-तिहाई तक कम करने तथा वर्ष 2030 तक महत्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय प्रतिक्रिया विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
- WHO, NCD के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के समन्वय और प्रचार में एक प्रमुख नेतृत्त्वकारी भूमिका निभाता है।
- वैश्विक कार्ययोजना: वर्ष 2019 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने NCD की रोकथाम और नियंत्रण के लिये WHO की वैश्विक कार्ययोजना को वर्ष 2013-2020 की अवधि से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक कर दिया है और NCD की रोकथाम एवं नियंत्रित करने की प्रगति में तेज़ी लाने के लिये कार्यान्वयन रोडमैप वर्ष 2023 से 2030 के विकास का आह्वान किया।
- यह NCD की रोकथाम और प्रबंधन की दिशा में सबसे अधिक प्रभाव वाले नौ वैश्विक लक्ष्यों के समूह को प्राप्त करने हेतु कार्यों का समर्थन करता है।
- सतत् विकास हेतु एजेंडा: राज्य एवं सरकार के प्रमुख सतत् विकास हेतु एजेंडा 2030 (SDG लक्ष्य 3.4) के हिस्से के रूप में रोकथाम और उपचार के माध्यम से NCDs के कारण समय-पूर्व होने वाली मृत्यु दर को एक-तिहाई तक कम करने तथा वर्ष 2030 तक महत्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय प्रतिक्रिया विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।