गूगल डीपमाइंड का जिनी | 29 Feb 2024

प्रिलिम्स के लिये:

गूगल डीपमाइंड का जिनी, ChatGPT और डीप फेक, जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग

मेन्स के लिये:

गूगल डीपमाइंड का जिन्न, जेनरेटिव AI, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नैतिकता से संबंधित मुद्दे

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गूगल डीपमाइंड (Google DeepMind) ने जिनी AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) प्रस्तुत किया है। यह एक नवीन मॉडल है जो केवल एक टेक्स्ट अथवा इमेज प्रॉम्प्ट से इंटरैक्टिव वीडियो गेम विकसित कर सकता है।

  • गूगल डीपमाइंड एक ब्रिटिश-अमेरिकी AI अनुसंधान प्रयोगशाला है जो गूगल की सहायक कंपनी है। डीपमाइंड लंदन में स्थित है और इसके अनुसंधान केंद्र कनाडा, फ्राँस, जर्मनी तथा अमेरिका में स्थित हैं।

जिनी क्या है?

  • परिचय:
    • जेनरेटिव इंटरएक्टिव एन्वायरन्मेंट्स (Genie/जिनी) एक फाउंडेशन वर्ल्ड मॉडल है जिसे इंटरनेट से प्राप्त वीडियो का उपयोग कर प्रशिक्षित किया गया है।
      • यह मॉडल "सिंथेटिक इमेजिस, चित्रों और रेखाचित्रों के माध्यम से विविध खेलने योग्य (क्रिया-नियंत्रित) विडियो गेम्स उत्पन्न कर सकता है"।
    • यह पहला जेनरेटिव इंटरैक्टिव एन्वायरन्मेंट है जिसे बिना लेबल वाले इंटरनेट वीडियो से बिना पर्यवेक्षित तरीके से प्रशिक्षित किया गया है।
    • यह मॉडल अवर्गीकृत इंटरनेट वीडियो का उपयोग कर बिना पर्यवेक्षित तरीके से प्रशिक्षित पहला जेनरेटिव इंटरैक्टिव एन्वायरन्मेंट है।
  • महत्त्व:
    • जिनी के माध्यम से इंटरैक्टिव और नियंत्रणीय एन्वायरन्मेंट का एक विविध सेट उत्पन्न किया जा सकता है हालाँकि इसे केवल वीडियो डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है।
      • जिन्न न केवल यह जानने में सक्षम है कि अवलोकन के कौन-से हिस्से आम तौर पर नियंत्रणीय हैं बल्कि यह उत्पन्न एन्वायरन्मेंट में सुसंगत विभिन्न अव्यक्त क्रियाओं का भी अनुमान लगाता है।
    • जिनी एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह एक ही इमेज प्रॉम्प्ट के माध्यम से खेलने योग्य एन्वायरन्मेंट विकसित करता है। जिनी को उन छवियों से प्रेरित किया जा सकता है जिन्हें उसने कभी नहीं देखा है। यही बात रेखाचित्रों के साथ भी की जा सकती है।
      • इसमें वास्तविक दुनिया की चित्र, रेखाचित्र शामिल हैं, जो लोगों को उनकी काल्पनिक आभासी परिवेश को अनुभव करने में सक्षम बनाते हैं।
      • यह मॉडल विशेष रूप से आभासी परिवेश विकसित करने और उसमें विकास करने के संबंध में नई संभावनाओं के मार्ग प्रदान कर सकता है।
    • नए विश्व मॉडल को सीखने और विकसित करने की इस मॉडल की क्षमता सामान्य AI एजेंटों (एक स्वतंत्र कार्यक्रम अथवा इकाई जो सेंसर के माध्यम से अपने परिवेश को समझकर एन्वायरन्मेंट विकसित करे) की ओर एक महत्त्वपूर्ण प्रगति का संकेत देती है।

जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GAI) क्या है?

  • परिचय:
    • GAI  AI की तेज़ी से बढ़ती हुई शाखा है जो डेटा से सीखे गए पैटर्न और नियमों के आधार पर नए कंटेंट (जैसे– चित्र, ऑडियो, टेक्स्ट इत्यादि) जेनरेट करने पर केंद्रित है।
    • GAI के उदय का श्रेय उन्नत जेनरेटर मॉडल, जैसे जेनरेटिव एडवरसैरियल नेटवर्क (GAN) और वेरिएशनल ऑटोएन्कोडर्स (VAE) के विकास को दिया जा सकता है।
      • ये मॉडल बड़ी मात्रा में डेटा पर प्रशिक्षित होते हैं और नए आउटपुट जेनरेट करने में सक्षम होते हैं जो प्रशिक्षण डेटा के समान होते हैं। उदाहरण के लिये, चेहरों की इमेज पर प्रशिक्षित एक GAN चेहरों की नवीन सिंथेटिक इमेज जेनरेट कर सकता है जो वास्तविक दिखती हैं।
    • जबकि GAI प्रायः ChatGPT और डीप फेक से संबद्ध है, इस तकनीक का उपयोग प्रारंभ में डिजिटल इमेज सुधार एवं डिजिटल ऑडियो सुधार में उपयोग की जाने वाली पुनरावर्ती प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिये किया गया था।
    • तर्कसंगत रूप से, चूँकि मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग स्वाभाविक रूप से जेनरेटिव प्रक्रियाओं पर केंद्रित हैं, उन्हें GAI के प्रकार भी माना जा सकता है।
  • अनुप्रयोग:
    • कला और रचनात्मकता: इसका उपयोग कला के नए कार्यों को जेनरेट करने के लिये किया जा सकता है जो विशिष्ट और अभिनव हैं, कलाकारों तथा रचनाकारों को नए विचारों का पता लगाने व पारंपरिक कला रूपों की सीमाओं को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
      • डीपड्रीम जेनरेटर- एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म जो, स्वप्नील छवियाँ/इमेज जेनरेट करने के लिये डीप लर्निंग एल्गोरिदम का प्रयोग करता है।
      • DALL·E2 - OpenAI का यह AI मॉडल टेक्स्ट विवरण से नए इमेज जेनरेट करता है।
    • म्युज़िक: यह संगीतकारों और संगीत निर्माताओं को नई ध्वनियों व शैलियों का पता लगाने में मदद कर सकता है, जिससे संगीत को विविध एवं रोचक बनाने में काफी मदद मिल सकती है। 
      • एम्पर म्यूज़िक- पहले से रिकॉर्ड किये गए सैंपल से म्यूज़िकल ट्रैक बनाता है।
      • AIVA- विभिन्न विधाओं और शैलियों में मूल संगीत तैयार करने के लिये AI एल्गोरिदम का उपयोग करता है।
    • कंप्यूटर ग्राफिक्स: यह नए 3D मॉडल, एनिमेशन और स्पेशल इफेक्ट जेनरेट कर सकता है, जिससे मूवी स्टूडियो एवं गेम डेवलपर्स को अधिक वास्तविक तथा आकर्षक अनुभव क्रिएट करने में मदद मिलती है।
    • स्वास्थ्य देखभाल: नई चिकित्सा छवियाँ और सिमुलेशन जेनरेट करके, चिकित्सा निदान एवं उपचार की सटीकता व दक्षता में सुधार करना।
    • विनिर्माण और रोबोटिक्स: यह विनिर्माण प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने, इन प्रक्रियाओं की दक्षता और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
  • भारत के लिये महत्त्व:
    • NASSCOM के आँकड़ों के अनुसार, भारत में AI संबंधी रोज़गार में कुल मिलाकर लगभग 4,16,000 पेशेवर कार्यरत हैं।  
    • इस क्षेत्र की विकास दर लगभग 20-25% होने का अनुमान है। इसके अलावा AI से वर्ष 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त 957 बिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान की उम्मीद है।

GAI से संबंधित चिंताएँ क्या हैं?

  • सटीकता: सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक यह सुनिश्चित करना है कि GAI द्वारा उत्पन्न आउटपुट उच्च गुणवत्तायुक्त और सटीक हो।  
    • इसके लिये उन्नत जेनरेटिव मॉडल के विकास की आवश्यकता है जो डेटा से सीखे गए पैटर्न और नियमों को सटीक रूप से कैप्चर कर सके।
  • पक्षपातपूर्ण GAI मॉडल: GAI मॉडल को बड़ी मात्रा में डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है और यदि वह डेटा पक्षपाती है, तो GAI द्वारा उत्पन्न आउटपुट भी पक्षपाती हो सकते हैं। 
    • यह भेदभाव को जन्म दे सकता है और मौज़ूदा सामाजिक पूर्वाग्रहों को मज़बूत कर सकता है।
  • गोपनीयता: GAI मॉडल के प्रशिक्षण हेतु बड़ी मात्रा में डेटा तक पहुँच की आवश्यकता होती है, जिसमें व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी शामिल हो सकती है।
    • इस बात का जोखिम है कि इस डेटा का उपयोग अनैतिक उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है, जैसे– लक्षित विज्ञापन या राजनीतिक हेरफेर के लिये।
  • गलत सूचना के लिये जवाबदेही: चूँकि GAI मॉडल नई सामग्री जैसे चित्र, ऑडियो या टेक्स्ट उत्पन्न कर सकते हैं इसलिये इसका उपयोग फेक न्यूज़ या अन्य दुर्भावनापूर्ण सामग्री उत्पन्न करने हेतु किया जा सकता है, यह जाने बिना कि आउटपुट के लिये कौन उत्तरदायी है।
    • इससे उत्तरदायित्व पर नैतिक दुविधा उत्पन्न हो सकती हैं।
  • स्वचालित यंत्र एवं रोज़गार को कम करना: GAI में कई प्रक्रियाओं को स्वतः संचालित करने की क्षमता है, जिससे उन क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों के रोज़गार का विस्थापन हो सकता है।  
    • यह रोज़गार के विस्थापन के लिये AI का उपयोग करने की नैतिकता और श्रमिकों तथा समाज पर संभावित प्रभाव के बारे में प्रश्न उठाता है।

जेनरेटिव AI के लिये भारत की पहल क्या हैं?

    • जेनरेटिव AI रिपोर्ट लॉन्च करना: भारत सरकार के राष्ट्रीय AI पोर्टल ‘INDIAai’ द्वारा जेनरेटिव AI, AI नीति, AI शासन एवं शिक्षा जगत से संलग्न कई प्रमुख व्यक्तियों के साथ जेनरेटिव AI के प्रभाव, इससे संबंधित नैतिक एवं विनियामक प्रश्न और भारत के समक्ष इससे संबंधित मौजूद अवसरों के संदर्भ में तीन बैठकों का आयोजन किया गया है।
    • GPAI में शामिल होना: वर्ष 2020 में भारत, ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना हेतु 15 अन्य देशों के साथ शामिल हुआ था। इस गठबंधन का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों के उत्तरदायित्वपूर्ण उपयोग हेतु ढाँचा स्थापित करना है।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता(AI) पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना: भारत सरकार अनुसंधान एवं विकास में निवेश करके, स्टार्टअप तथा इनोवेशन हब का समर्थन करके, AI नीतियों के साथ रणनीतियों का निर्माण करके और साथ ही AI  शिक्षा व कौशल को बढ़ावा देकर देश के भीतर AI पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिये समर्पित है।
      • कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति: सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुसंधान के साथ उसे अपनाने के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की है।
      • अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन: इस मिशन के भागों के रूप में AI एवं ML पर आईआईटी खड़गपुर में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) की स्थापना की गई है। उनका लक्ष्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, तकनीशियनों एवं टेक्नोक्रेट की अगली पीढ़ी के विकास के लिये अत्याधुनिक प्रशिक्षण के साथ-साथ क्षमता निर्माण में वृद्धि करना है।
      • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) रिसर्च, एनालिटिक्स एंड नॉलेज एसिमिलेशन प्लेटफॉर्म: यह एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका लक्ष्य AI के संबंध में भारत को उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी बनाने साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शहरीकरण एवं गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में परिवर्तन लाना है।

    निष्कर्ष:

    • जेनरेटिव AI, एक शक्तिशाली एवं आशाजनक तकनीक है जिसके कई लाभ हैं। हालाँकि इसमें कई चुनौतियाँ तथा जोखिम भी हैं जिनका प्रभावी और ज़िम्मेदारीपूर्ण विनियमन द्वारा समाधान करने की आवश्यकता है।
    • भारत को जेनेरिक AI कार्यान्वयन के लिये सक्रिय एवं संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिये जो इसकी सुरक्षा, सुरक्षा के साथ नैतिक उपयोग भी सुनिश्चित  करता है।

      UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

    प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

    1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना 
    2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना
    3. रोगों का निदान  
    4. टेक्स्ट-से-स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन  
    5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

    नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

    (a) केवल 1, 2, 3 और 5
    (b) केवल 1, 3 और 4
    (c) केवल 2, 4 और 5
    (d) 1, 2, 3, 4 और 5

    उत्तर: (b)


    प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2018)

    कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द  

    संदर्भ/विषय

    1

    बेले II प्रयोग

    कृत्रिम बुद्धि

    2

    ब्लॉकचेन तकनीक

    डिजिटल/क्रिप्टो मुद्रा

    3

    CRISPR–Cas9

    कण भौतिकी

    उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

    (a) केवल 1और 3  
    (b) केवल 2 
    (c) केवल 2 और 3  
    (d) केवल 1, 2 और 3

    उत्तर: (b)