शासन व्यवस्था
गोल 2.0
- 21 Jul 2022
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:गोल कार्यक्रम, डिजिटल प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, ई-स्किल इंडिया पोर्टल, समग्र शिक्षा मेन्स के लिये:भारतीय समाज के लिये डिजिटल सशक्तीकरण का महत्त्व, संबंधित सरकारी पहल |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जनजातीय मामलों के मंत्रालय और मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने गोल प्रोग्राम (GOAL 2.0) का दूसरा चरण शुरू किया है।
GOAL कार्यक्रम:
- GOAL (गोइंग ऑनलाइन एज़ लीडर्स) कार्यक्रम को मई 2020 में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था और यह दिसंबर 2021 में पूरा हुआ।
- इसका उद्देश्य मेंटॉर (सलाहकार या प्रशिक्षण देने वाला) और मेंटी (प्रशिक्षु) की अवधारणा के माध्यम से जनजातीय युवाओं व महिलाओं का डिजिटल सशक्तीकरण करना है।
- यह कार्यक्रम पूरी तरह से मेटा (फेसबुक इंडिया) द्वारा वित्तपोषित है।
- इस चरण में प्रशिक्षुओं को तीन पाठ्यक्रम आधारों में प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।
- संचार व जीवन कौशल
- डिजिटल उपस्थिति को सक्षम बनाना
- नेतृत्व व उद्यमिता
GOAL 2.0:
- परिचय:
- GOAL 2.0 कार्यक्रम जनजातीय समुदाय के सभी लोगों के लिये खुला है।
- चरण- I में एक प्रशिक्षक को दो प्रशिक्षकों से जोड़कर ऑनलाइन डिजिटल मेंटरशिप प्रदान की गई।
- GOAL 2.0 कार्यक्रम जनजातीय समुदाय के सभी लोगों के लिये खुला है।
- उद्देश्य:
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य फेसबुक लाइव सत्र और एक डिजिटल शिक्षण उपकरण- मेटा बिज़नेस कोच के माध्यम से जनजातीय युवाओं के कौशल को बढ़ाना और उन्हें डिजिटल रूप में सक्षम बनाना है।
- 50,000 वन धन स्वंय सहायता समूहों के 10 लाख से अधिक सदस्यों पर विशेष फोकस रहेगा।
- उन्हें अपने उत्पादों की बाज़ार मांग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन के संबंध में डिजिटल रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
- GOAL 2.0 के तहत विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग विशेषज्ञों द्वारा क्रमिक सत्रों के आधार पर प्रशिक्षुओं की आवश्यकताओं के अनुरूप चैटबॉट के प्रावधान के साथ जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकिें वे अधिकतम भागीदारी के साथ लाभान्वित हो सकें।
- शामिल एजेंसियाँ:
- इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के समन्वय से जनजातीय कार्य मंत्रालय इस कार्यक्रम के तहत चुने गए 175 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) में से प्रत्येक में 6 डिजिटल कक्षाएँ संचालित करेगा।
- यह परियोजना ERNET की ओर से कार्यान्वित की जा रही है जो इलेक्ट्रॉनिकी एवं और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeITY) के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
कौशल विकास के लिये कुछ अन्य पहलें:
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):
- स्किल इंडिया मिशन के तहत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) इस योजना को लागू कर रहा है।
- PMKVY 3.0 के तहत डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं उद्योग 4.0 पर कौशल विकास हेतु भी ध्यान दिया गया है।
- क्षेत्र कौशल परिषदों (SSC) ने नई और उभरती डिजिटल तकनीकों व उद्योग 4.0 कौशल जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में भी रोज़गार का सृजन किया है।
- ई-स्किल इंडिया पोर्टल:
- MSDE के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) ने eSkill India पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन कौशल कार्यक्रम शुरू किया है।
- यह मंच साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, प्रेडिक्टिव मॉडलिंग, सांख्यिकीय व्यापार विश्लेषिकी, क्लाउड तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर सीखने का अवसर प्रदान करता है, साथ ही डिज़ाइन विधि, परियोजना प्रबंधन और डिजिटल मार्केटिंग जैसे पेशेवर कौशल भी प्रदान करता है।
- समग्र शिक्षा:
- 'समग्र शिक्षा' के व्यावसायिक शिक्षा घटक के तहत आने वाले स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के आदिवासी छात्रों सहित स्कूली छात्रों के लिये राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुरूप व्यावसायिक पाठ्यक्रम पेश किये जाते हैं।
- इसमें संचार कौशल, स्व-प्रबंधन कौशल, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी कौशल, उद्यमिता कौशल एवं हरित कौशल शामिल हैं।