भारतीय अर्थव्यवस्था
वैश्विक पवन दिवस
- 16 Jun 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:पवन ऊर्जा, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत, सरकारी पहल मेन्स के लिये:पवन ऊर्जा का महत्त्व, पवन ऊर्जा परियोजनाओं की चुनौतियाँ, संबंधित सरकारी पहल |
चर्चा में क्यों?
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy- MNRE) द्वारा 15 जून, 2023 को “पवन - ऊर्जा: पॉवरिंग द फ्यूचर ऑफ इंडिया” की थीम के साथ वैश्विक पवन दिवस मनाया गया।
- MNRE ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (GW) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है और ज़मीनी स्तर से 150 मीटर ऊपर पवन एटलस भी राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (National Institute of Wind Energy- NIWE) द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसमें 1,164 GW तटवर्ती पवन क्षमता का अनुमान लगाया गया है।
वैश्विक पवन दिवस:
- वैश्विक पवन दिवस, वर्ष 2007 से पवन ऊर्जा को ऊर्जा के स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोत के रूप में बढ़ावा देने का एक वार्षिक कार्यक्रम है।
- यह यूरोपीय पवन ऊर्जा संघ (EWEA) द्वारा प्रारंभ किया गया और साथ ही वैश्विक पवन ऊर्जा परिषद (GWEC) में शामिल किया गया।
- GWEC एक सदस्य-आधारित संगठन है जो संपूर्ण पवन ऊर्जा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है।
पवन ऊर्जा:
- विषय:
- पवन ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा का एक रूप है जो विद्युत उत्पन्न करने के लिये वायु की गतिज ऊर्जा का उपयोग करती है।
- क्रियाविधि:
- पवन टर्बाइनों का उपयोग करके पवन ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, ये ऐसे उपकरण हैं जिनमें ब्लेड होते हैं जो वायु चलने पर घूमते हैं।
- ब्लेड के घूमने से एक जनरेटर चलता है जो विद्युत उत्पन्न करता है।
- पवन ऊर्जा भूमि या अपतट पर उत्पन्न की जा सकती है, जहाँ तेज़ और अधिक सुसंगत हवाएँ होती हैं।
- गैसों का उत्सर्जन:
- पवन ऊर्जा विद्युत उत्पन्न करने का एक स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोत है जो ग्रीनहाउस गैसों या अन्य प्रदूषकों का उत्सर्जन नहीं करती है।
- उपयोग:
- पवन ऊर्जा का उपयोग घरों, व्यवसायों, खेतों और अन्य अनुप्रयोगों के लिये किया जा सकता है। पवन ऊर्जा विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में से एक है।
- पवन ऊर्जा के बारे में कुछ तथ्य:
- वैश्विक:
- विश्व का सबसे विशाल पवन ऊर्जा बाज़ार चीन है जिसकी क्षमता 237 GW से अधिक है। इसके बाद अमेरिका और जर्मनी का स्थान है।
- चीन के पास गान-सु (Gansu) प्रांत में विश्व का सबसे बड़ा ऑनशोर विंड फार्म भी है, जो गोबी रेगिस्तान के बाहरी इलाके में स्थित है।
- भारत विशिष्ट:
- भारत विश्व में पवन ऊर्जा क्षमता (अप्रैल 2023 तक 42.8 GW के साथ) में चौथे स्थान पर है और भारत में तटवर्ती तथा अपतटीय पवन ऊर्जा उत्पादन दोनों की एक बड़ी संभावना है।
- कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में भारत के संक्रमण और वर्ष 2030 तक 50% गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा एवं वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये पवन ऊर्जा महत्त्वपूर्ण है।
- तमिलनाडु ने जून 2022 तक उच्चतम पवन ऊर्जा क्षमता की स्थापना की, इसके बाद गुजरात और कर्नाटक का स्थान आता है।
- वैश्विक:
- भारतीय पहल:
- राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति: राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति, 2018 का प्रमुख उद्देश्य पवन और सौर संसाधनों, पारेषण अवसंरचना तथा भूमि के सबसे प्रभावी एवं कुशल उपयोग के लिये बड़े ग्रिड से जुड़े पवन-सौर पीवी हाइब्रिड सिस्टम को बढ़ावा देने के लिये एक रूपरेखा प्रदान करना है।
- राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति: राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति को अक्तूबर, 2015 में भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में 7600 किमी. की भारतीय तटरेखा के साथ अपतटीय पवन ऊर्जा विकसित करने के उद्देश्य से अधिसूचित किया गया था।
- वैश्विक पहल:
- डेनमार्क द्वारा स्थापित वैश्विक अपतटीय पवन गठबंधन (GOWA), अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) और वैश्विक पवन ऊर्जा परिषद (GWEC) को नवंबर 2022 में COP27 में आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था, जहाँ देशों का एक बड़ा समूह अपतटीय पवन के तीव्र संवर्द्धन हेतु सहमत हुआ था।
- आने वाले तीन वर्षों के लिये संस्थापक एवं कोलंबिया गठबंधन की सह-अध्यक्षता करेंगे।
- डेनमार्क द्वारा स्थापित वैश्विक अपतटीय पवन गठबंधन (GOWA), अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) और वैश्विक पवन ऊर्जा परिषद (GWEC) को नवंबर 2022 में COP27 में आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था, जहाँ देशों का एक बड़ा समूह अपतटीय पवन के तीव्र संवर्द्धन हेतु सहमत हुआ था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्नप्रश्न. देश में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के संदर्भ में इनकी वर्तमान स्थिति और प्राप्त किये जाने वाले लक्ष्यों का विवरण दीजिये। प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एल.ई.डी) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के महत्त्व की विवेचना संक्षेप में कीजिये। (2016) |