वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2023 | 21 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय (CCIT)। मेन्स के लिये:वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI), विश्व स्तर पर आतंकवाद से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ। |
चर्चा में क्यों?
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (Global Terrorism Index- GTI) में भारत 13वें स्थान पर है। रिपोर्ट से पता चलता है कि हमलों और मौतों में कमी के बावजूद अफगानिस्तान लगातार चौथे वर्ष भी आतंकवाद से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश बना हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- GTI रिपोर्ट को टेररिज़्म ट्रैकर और अन्य स्रोतों के डेटा का उपयोग करके थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा तैयार किया गया है।
- टेररिज़्म ट्रैकर 1 जनवरी, 2007 से आतंकवादी हमलों की घटनाओं का रिकॉर्ड प्रदान कर रहा है।
- डेटासेट में वर्ष 2007 से 2022 की अवधि की लगभग 66,000 आतंकवादी घटनाएँ शामिल हैं।
- वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से होने वाली मौतों में 9% की कमी आई, यह संख्या घटकर 6,701 मौतों पर पहुँच गई है, जो वर्ष 2015 में अपने चरम से 38% कम है।
- पाकिस्तान वर्ष 2022 में दुनिया भर में आतंकवाद से संबंधित मौतों के संदर्भ में दूसरे स्थान पर रहा, जहाँ 643 मौतें आतंकवाद के कारण हुईं।
- दक्षिण एशिया सबसे खराब औसत GTI स्कोर वाला क्षेत्र बना हुआ है।
- दक्षिण एशिया में वर्ष 2022 में आतंकवाद से 1,354 मौतें दर्ज की गईं।
- इस्लामिक स्टेट (IS) और उसके सहयोगी लगातार आठवें वर्ष विश्व स्तर पर सबसे घातक आतंकवादी समूह हैं, वर्ष 2022 में किसी भी समूह की तुलना में सबसे अधिक हमले और मौतें दर्ज की गईं।
विश्व स्तर पर आतंकवाद से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ:
- आतंकवाद का वित्तपोषण: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) और विश्व बैंक के अनुसार, अपराधियों द्वारा एक वर्ष में चार ट्रिलियन डॉलर तक का धनशोधन करने का अनुमान है। दान और वैकल्पिक प्रेषण विधियों के माध्यम से आतंकवादियों द्वारा धन के प्रेषण को भी गोपनीय रखा गया है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को कलंकित करता है और प्रणाली की अखंडता को लेकर जनता के विश्वास को समाप्त करता है।
- आतंकवाद विरोधी उपायों का राजनीतिकरण: आतंकवादियों की पहचान करने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (P5) के सदस्य देश अलग-अलग स्तरों पर वीटो शक्ति का प्रयोग करते हैं।
- आतंकवाद को परिभाषित करने के लिये कोई सर्वसम्मत मानदंड नहीं होने से आतंकवाद को भी फायदा होता है क्योंकि इससे कुछ राष्ट्रों को ऐसे मामले में चुप रहने और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई पर अपने वीटो का उपयोग करने की अनुमति प्राप्त होती है।
- आतंकवादियों द्वारा उभरती प्रौद्योगिकी का उपयोग: कंप्यूटिंग और दूरसंचार में व्यापक इंटरनेट तक पहुँच, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एवं वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क जैसे नवाचारों ने विश्व भर में अधिक संख्या में कट्टरपंथियों के लिये नए प्रकार के संचालन को संभव बना दिया है तथा यह एक उभरता हुआ खतरा है।
आगे की राह
- काउंटर टेररिज़्म एजेंडे को फिर से सक्रिय करना: विश्व भर में आतंकवादियों की पहचान करने के मामले में देशों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है साथ ही P5 देशों की वीटो शक्ति को सीमित करते हुए आतंकवाद के वैश्विक एजेंडे को फिर से सक्रिय करना अति आवश्यक है।
- आतंकवाद की सार्वभौमिक परिभाषा को अपनाना: आतंकवाद की सार्वभौमिक परिभाषा को अपनाने की भी आवश्यकता है ताकि संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सभी सदस्य देश इसे अपने स्वयं के आपराधिक कानूनों में शामिल कर सकें, आतंकवादी समूहों पर प्रतिबंध लगा सकें, विशेष कानूनों के तहत आतंकवादियों पर मुकदमा चला सकें और सीमा पार आतंकवाद को विश्व भर में एक प्रत्यर्पणीय अपराध घोषित कर सकें।
- वर्ष 1986 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय (Comprehensive Convention on International Terrorism- CCIT) को लेकर एक मसौदा दस्तावेज़ का प्रस्ताव रखा। हालाँकि इसे अभी UNGA द्वारा अपनाया जाना बाकी है।
- टेरर फंडिंग पर अंकुश लगाना: इस संबंध में ठोस कानूनों की आवश्यकता है, जिसके लिये बैंकों को ग्राहकों पर नज़र रखने और आतंकवाद को रोकने के लिये संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट करने की आवश्यकता है।
- साथ ही भारत क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की दिशा में कार्य कर सकता है
- साथ ही भारत क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की दिशा में कार्य कर सकता है
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'हैंड-इन-हैंड 2007' संयुक्त आतंकवाद विरोधी सैन्य प्रशिक्षण भारतीय सेना के अधिकारियों और निम्नलिखित में से किस देश की सेना के अधिकारियों द्वारा आयोजित किया गया था? (2008) (a) चीन उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. आतंकवाद की महाविपत्ति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये एक गंभीर चुनौती है। इस बढ़ते हुए संकट के नियंत्रण के लिये आप क्या-क्या हल सुझाते हैं? आतंकी निधियन के प्रमुख स्रोत क्या हैं? (2017) |