भारतीय अर्थव्यवस्था
स्थानीय मत्स्य प्रजातियों हेतु आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम
- 02 Mar 2023
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प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मत्स्य पालन बंदरगाह, महासागरीय धाराएँ, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम (MPEDA), 1972। मेन्स के लिये:भारत में मत्स्य क्षेत्र की स्थिति, भारत के मत्स्य क्षेत्र से जुड़े मुद्दे, मत्स्य क्षेत्र से संबंधित हालिया सरकारी पहल। |
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research- ICAR)-CIBA कैंपस, चेन्नई में तीन राष्ट्रीय कार्यक्रमों की शुरुआत की।
तीन राष्ट्रीय कार्यक्रम:
- भारतीय सफेद झींगा का आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम:
- झींगा पालन/उत्पादन का भारत के समुद्री खाद्य निर्यात में 42000 करोड़ रुपए के साथ लगभग 70% का योगदान है, लेकिन यह ज़्यादातर प्रशांत महासागरीय सफेद झींगा प्रजातियों पेनियस वन्नामेई (Penaeus Vannamei) के एक विदेशी विशिष्ट रोगजनक-मुक्त स्टॉक पर निर्भर करता है।
- एक ही प्रजाति पर निर्भरता को कम कर सफेद झींगा की स्वदेशी प्रजातियों को बढ़ावा देने के लिये ICAR-CIBA द्वारा मेक इन इंडिया फ्लैगशिप कार्यक्रम के तहत भारतीय सफेद झींगा, पेनिअस इंडिकस (Penaeus indicus) के आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में लिया गया है
- झींगा उत्पाद बीमा:
- ICAR-CIBA ने एक झींगा उत्पाद बीमा (Shrimp Crop Insurance) योजना प्रारंभ की है। उत्पाद प्रभार प्रीमियम किसान की स्थिति एवं आवश्यकताओं के आधार पर 3.7 से 7.7% उत्पादन लागत पर आधारित है तथा किसान को कुल फसल नुकसान की स्थिति में उत्पादन लागत के 80% नुकसान, अर्थात् 70% से अधिक उत्पाद नुकसान की भरपाई की जाएगी।
- जलीय पशु रोगों के लिये राष्ट्रीय निगरानी कार्यक्रम (NSPAAD): भारत सरकार ने किसान-आधारित रोग निगरानी प्रणाली को सशक्त करने हेतु वर्ष 2013 में NSPAAD को लागू किया। प्रथम चरण के परिणामों ने सिद्ध किया है कि रोगों के कारण होने वाले राजस्व नुकसान में कमी आई है, जिससे किसानों की आय और निर्यात में वृद्धि हुई है।
- चरण- II: भारत सरकार ने NSPAAD चरण- II को सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना कार्यक्रम के तहत मंज़ूरी दी है। चरण- II को पूरे भारत में लागू किया जाएगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. नीली क्रांति को परिभाषित करते हुए, भारत में मत्स्यपालन विकास की समस्याओं और रणनीतियों की व्याख्या कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2018) |