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गंगा उत्सव 2021- द रिवर फेस्टिवल

  • 02 Nov 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

गंगा उत्सव 2021, स्वच्छ गंगा के लिये राष्ट्रीय मिशन, राष्ट्रीय गंगा परिषद 

मेन्स के लिये:

गंगा संरक्षण और संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गंगा उत्सव-द रिवर फेस्टिवल 2021 का 5वाँ संस्करण शुरू हुआ है जो राष्ट्रीय नदी गंगा की महिमा का जश्न मनाता है।

  • 4 नवंबर, 2008 को गंगा को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था।
  • इस कार्यक्रम में गंगा तरंग पोर्टल एवं गंगा ज्ञान पोर्टल के शुभारंभ के साथ कई अन्य कार्यक्रम भी शामिल होंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • परिचय:
    • स्वच्छ गंगा के लिये राष्ट्रीय मिशन (NMCG) सार्वजनिक नदी कनेक्शन को मज़बूत करने के लिये हर साल त्योहार मनाता है।
      • NMCG 2016 में स्थापित राष्ट्रीय गंगा परिषद का कार्यान्वयन विंग है, जिसने राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NRGBA) को स्थानांतरित किया था।
      • NMCG को गंगा उत्सव 2021 के पहले दिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है, जो एक घंटे में फेसबुक पर अपलोड किये गए सबसे अधिक हस्तलिखित नोट हैं।
    • उत्सव के तहत कहानी, लोककथाओं, प्रख्यात हस्तियों के साथ संवाद, प्रश्नोत्तरी, प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा नृत्य तथा संगीत प्रदर्शन, फोटो दीर्घाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से रहस्यमय व सांस्कृतिक नदी गंगा का जश्न मनाया जाता है।
    • यह गंगा के पुनरुद्धार में जनभागीदारी (लोगों की भागीदारी) के महत्त्व पर प्रकाश डालता है, जिसमें गंगा नदी के कायाकल्प के लिये हितधारकों की भागीदारी और सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • महोत्सव के दौरान आयोजित कार्यक्रम:
    • सतत् अधिगम और गतिविधि पोर्टल:
      • सतत् अधिगम और गतिविधि पोर्टल (CLAP) एक अधिगम पोर्टल है जो बच्चों को साल भर व्यस्त रखने के लिये गतिविधियों, क्विज़, क्रॉसवर्ड, चर्चा मंचों का आयोजन करेगा।
      • सभी गतिविधियों का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को हमारी नदियों की रक्षा तथा  उन्हें बहाल करने के लिये कार्रवाई हेतु संवेदनशील बनाना एवं प्रेरित करना है।
    •  गंगा मशाल:
      • यह गंगा टास्क फोर्स (GTF) के नेतृत्व में एक अभियान है जो गंगा नदी के किनारे 23 स्टेशनों सहित मार्ग की यात्रा करेगा जो स्थानीय लोगों और नेहरू युवा केंद्र संगठन जैसे निकायों तथा गंगा मित्र, गंगा प्रहरी, गंगा दूत जैसे स्वयंसेवी समूहों को संवेदनशील बनाने में मदद करेगा।
        • गंगा मित्र, गंगा प्रहरी, गंगा दूत ज़मीनी स्तर पर गठित समर्पित स्वैच्छिक समूह हैं, जिनके संसाधनों का बड़े पैमाने पर उपयोग समुदाय और जनता को जोड़ने के लिये किया जाता है।
        • GTF दिसंबर 2020 तक चार साल की अवधि के लिये रक्षा मंत्रालय की मंज़ूरी के साथ गंगा की सेवाओं में तैनात पूर्व सैनिकों की बटालियन की एक इकाई है।
    • गंगा क्वेस्ट:
      • यह गंगा, नदियों और पर्यावरण पर एक राष्ट्रीय ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी है जिसे पहली बार वर्ष 2019 में नमामि गंगे कार्यक्रम को मज़बूत करने के लिये बच्चों व युवाओं को गंगा नदी के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु एक शैक्षिक कार्यक्रम के रूप में संकल्पित किया गया था।
  • गंगा नदी के संरक्षण हेतु सरकारी कार्यक्रम:
    • गंगा एक्शन प्लान: घरेलू सीवेज के अवरोधन और उपचार द्वारा पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिये यह पहला ‘रिवर एक्शन प्लान’ था
      • राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना इस योजना का विस्तार है, जिसका उद्देश्य गंगा कार्य योजना चरण-2 के तहत गंगा नदी की सफाई करना है।
    • राष्ट्रीय नदी गंगा बेसिन प्राधिकरण: इसका गठन वर्ष 2009 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-3 के तहत किया गया था।
    • स्वच्छ गंगा कोष: इसे वर्ष 2014 में गंगा की सफाई, अपशिष्ट उपचार संयंत्रों की स्थापना और नदी की जैविक विविधता के संरक्षण के लिये बनाया गया था।
    • भुवन-गंगा वेब एप: यह गंगा नदी में प्रवेश करने वाले प्रदूषण की निगरानी में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
    • अपशिष्ट निपटान पर प्रतिबंध: वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गंगा में किसी भीप्रकार के कचरे के निपटान पर प्रतिबंध लगा दिया।

गंगा नदी:

  • यह भारत की सबसे लंबी नदी है जो 2,510 किमी. तक पहाड़ों, घाटियों और मैदानों में बहती है और हिंदुओं द्वारा पृथ्वी पर सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजनीय है।
  • यह हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर के हिम क्षेत्रों में भागीरथी नदी के रूप में निकलती है और अलकनंदा, यमुना, सोन, गुमटी, कोसी तथा घाघरा जैसी अन्य नदियाँ इसमें मिलती हैं।
  • गंगा नदी का बेसिन दुनिया के सबसे उपजाऊ और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है जो 1,000,000 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • गंगा नदी डॉल्फिन एक लुप्तप्राय जानवर है जो विशेष रूप से इस नदी में निवास करती है।
  • बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले यह बांग्लादेश के सुंदरबन में गंगा डेल्टा का निर्माण करती है।

स्रोत: पीआईबी

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