स्टार्टअप की मदद के लिये स्थापित कोष | 27 Sep 2022
प्रिलिम्स के लिये:स्टार्टअप, स्टार्टअप क्षेत्र में सरकारी हस्तक्षेप और योजनाएँ मेन्स के लिये:स्टार्टअप परितंत्र और इसका महत्त्व, सरकारी हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने 88 वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) के लिये 2016 में शुरू किये गए स्टार्टअप इंडिया निवेश के लिये फंड ऑफ फंड के तहत 7,385 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
- बदले में AIF ने 720 स्टार्टअप में 11,206 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
स्टार्टअप की मदद के लिये स्थापित कोष:
- विषय:
- FSS के तहत भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) को सहायता दी जाती है, जो बदले में स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं।
- FFS की घोषणा 10,000 करोड़ रुपए के कोष के साथ की गई थी। .
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से 14वें और 15वें वित्त आयोग चक्र (वित्त वर्ष 2016-2020 तथा वित्त वर्ष 2021-2025) में इस राशि का संग्रह किया जाना है।
- FFS ने शुरुआती चरण, बीज चरण और विकास चरण में स्टार्टअप के लिये पूंजी उपलब्ध कराई है।
- इसने घरेलू पूंजी जुटाने, विदेशी पूंजी पर निर्भरता को कम करने और घरेलू एवं नए उद्यम पूंजी कोष को प्रोत्साहित करने में भी भूमिका निभाई है।.
- प्रदर्शन:
- FFS के अंतर्गत तय राशि योजना के शुभारंभ के बाद से 21% से अधिक की CAGR (यौगिक वार्षिक वृद्धि दर) दर से प्रतिवर्ष बढ़ी है।
- इस योजना के संचालन के लिये उत्तरदायी भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) द्वारा हाल ही में सुधारों की एक शृंखला शुरू की है ताकि FFS के तहत सहायता प्राप्त वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) को त्वरित गिरावट प्राप्त करके अभीष्ट स्थिति प्राप्त करने के सक्षम बनाया जा सके।
- इसके परिणामस्वरूप गिरावट की राशि में साल-दर-साल 100% की वृद्धि हुई है।
- FFS ने AIFs समर्थित 88 में से 67 AIF को एंकर करने में मदद की है।
- इनमें से 38 बिल्कुल नए निवेश प्रबंधक हैं जो FFS के भारतीय स्टार्टअप्स के लिये उद्यम पूंजी निवेश के मुख्य उद्देश्य के अनुरूप हैं।
- FFS के माध्यम से समर्थित प्रदर्शन करने वाले स्टार्टअप मूल्यांकन में 10 गुना से अधिक की वृद्धि दर्शा रहे हैं, उनमें से कई ने यूनिकॉर्न स्थिति (1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का मूल्यांकन) प्राप्त कर ली है।
वैकल्पिक निवेश कोष:
- विषय:
- वैकल्पिक निवेश कोष भारत में स्थापित या निगमित कोई भी कोष जो निजी रूप से एक जमा निवेश साधन है तथा अपने निवेशकों के लाभ के लिये एक परिभाषित निवेश नीति के अनुसार निवेश करने हेतु परिष्कृत निवेशकों, चाहे भारतीय हो या विदेशी, से धन एकत्र करता है।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) विनियम (AIFs), 2012 के विनियम 2(1)b में AIFs की परिभाषा दी गई है।
- एक कंपनी, या सीमित देयता भागीदारी (LLP) के माध्यम से, एक वैकल्पिक निवेश कोष स्थापित किया जा सकता है।
- श्रेणी:
- आवेदक निम्नलिखित श्रेणियों में से एक में AIF के रूप में पंजीकरण की मांग कर सकते हैं:
- श्रेणी I:
- वेंचर कैपिटल फंड (एंजेल फंड सहित)
- SME फंड
- सामाजिक उद्यम निधि
- इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
- श्रेणी II:
- इसमें वे AIF शामिल हैं जो श्रेणी I और III में नहीं आते हैं और जो SEBI (वैकल्पिक निवेश निधि) विनियमों में अनुमति के अनुसार दिन-प्रतिदिन की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के अलावा अन्य उधार नहीं लेते हैं।
- उदाहरण: रियल एस्टेट फंड, प्राइवेट इक्विटी फंड (PE फंड), डिस्ट्रेस्ड एसेट्स के लिये फंड आदि।
- श्रेणी III:
- ये AIF, विविध एवं जटिल व्यापारिक रणनीतियों का प्रयोग करते हैं तथा सूचीबद्ध या गैर-सूचीबद्ध डेरिवेटिव में निवेश कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- उदाहरण: हेज फंड, पब्लिक इक्विटी में निजी निवेश (PIPE) फंड आदि।
भारत में स्टार्टअप्स की स्थिति:
- स्टार्टअप का परिचय:
- स्टार्टअप शब्द एक कंपनी के संचालन के पहले चरण को संदर्भित करता है। स्टार्टअप एक या एक से अधिक उद्यमियों द्वारा स्थापित किये जाते हैं जो मांग वाले उत्पाद या सेवा संबंधी उद्यम विकसित करना चाहते हैं।
- ये कंपनियांँ आमतौर पर उच्च लागत और सीमित राजस्व के साथ शुरू होती हैं, यही वजह है कि वे उद्यम पूंजीपतियों जैसे विभिन्न स्रोतों से पूंजी की तलाश करती हैं।
- भारत में स्थिति:
- राष्ट्रीय परिदृश्य:
- अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारितंत्र बन गया है।
- भारत में 75,000 स्टार्टअप हैं।
- 49% स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों में हैं।
- वर्तमान में 105 यूनिकॉर्न हैं, जिनमें से 44 को वर्ष 2021 में और 19 को वर्ष 2022 में प्रारंभ किया गया था।
- आईटी, कृषि, विमानन, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भी स्टार्टअप उभर रहे हैं।
- वैश्विक नवाचार सूचकांक:
- विश्व की 130 अर्थव्यवस्थाओं में भारत को वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) की वैश्विक रैंकिंग में वर्ष 2015 के 81वें से 2021 में 46वें स्थान पर रखा गया है।
- भारत 34 निम्न मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर है और GII के संदर्भ में 10 मध्य और दक्षिणी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में प्रथम स्थान पर है।
- अन्य रैंकिंग:
- प्रकाशन:
- राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन डेटाबेस के आधार पर वर्ष 2013 के छठे स्थान से विश्व स्तर पर तीसरे (2021) स्थान पर पहुँच गया।
- पेटेंट:
- रेजिडेंट पेटेंट फाइलिंग के मामले में विश्व स्तर पर 9वें (2021) स्थान पर है।
- अनुसंधान प्रकाशनों की गुणवत्ता:
- 2013ं के 13वें स्थान से वैश्विक स्तर पर 9वें (2021) स्थान पर पहुँच गया।
- प्रकाशन:
- राष्ट्रीय परिदृश्य:
- स्टार्टअप के लिये पहल:
- नवाचारों के विकास और दोहन के लिये राष्ट्रीय पहल (निधि)
- स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान (SIAP)
- स्टार्टअप पारितंत्र को समर्थन पर राज्यों की रैंकिंग (RSSSE)
- स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS):
- इसका उद्देश्य स्टार्टअप को अवधारणा के प्रमाण, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, बाज़ार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार:
- उन उत्कृष्ट स्टार्टअप्स और पारितंत्र एनेबलर्स की पहचान और उन्हें पुरस्कृत करना जो नवाचार एवं प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देकर आर्थिक गतिशीलता में योगदान दे रहे हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. वेंचर कैपिटल से तात्पर्य है: (2014) (A) उद्योगों को प्रदान की जाने वाली एक अल्पकालिक पूंजी उत्तर: (B) व्याख्या:
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