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भारतीय इतिहास

पुदुचेरी का स्थापना दिवस

  • 02 Jul 2024
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पुदुचेरी, मंत्रिपरिषद, चोलों, विजयनगर साम्राज्य, तीसरा कर्नाटक युद्ध, केंद्रशासित प्रदेश, राज्य का दर्जा

मेन्स के लिये:

आधुनिक भारतीय इतिहास, स्वतंत्रता के बाद भारत का एकीकरण और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा राज्य का दर्जा की मांग।

चर्चा में क्यों?

हर साल 1 जुलाई को पुदुचेरी के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 लागू हुआ था, जिसके तहत पुदुचेरी को विधानसभा और मंत्रिपरिषद प्रदान की गई थी।

पुदुचेरी के बारे में मुख्य तथ्य:

  • परिचय: 
    • पुदुचेरी शहर दक्षिण-पूर्वी भारत में स्थित पुदुचेरी केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी है। इस UT का गठन वर्ष 1962 में फ्राँस के भारत में चार पूर्व उपनिवेशों में से एक के रूप में किया गया था। 
    • पुदुचेरी (अब पुदुचेरी) और कराईकल भारत के दक्षिणपूर्वी कोरोमंडल तट के साथ यनम, पूर्वी तट के साथ उत्तर में और माहे, केरल राज्य से घिरे पश्चिमी मालाबार तट पर स्थित है।
    • विविध संस्कृति को समायोजित करने के लिये, इसके बहु-राज्यीय स्थान के कारण, पुदुचेरी को केंद्रशासित प्रदेश के रूप में मान्यता दी गई है।

  • पुदुचेरी का इतिहास:
    • प्राचीन इतिहास:
      • अरिकेमेडु में हुए उत्खनन से पता चलता है कि रोमन लोग पहली शताब्दी ई. में पुदुचेरी पहुँचे थे और साथ ही इस क्षेत्र का समुद्री इतिहास भी अधिक समृद्ध है।
      • चौथी शताब्दी ई. के आसपास पुदुचेरी क्षेत्र काँचीपुरम के पल्लव साम्राज्य का हिस्सा था, जिसके बाद चोलों ने इस पर अधिकार कर लिया।
      • उत्तर भारत के मुस्लिम शासकों के संक्षिप्त शासन के बाद विजयनगर साम्राज्य ने लगभग 1638 ई. तक संपूर्ण दक्षिण भारत पर नियंत्रण कर लिया, जिसके बाद बीजापुर के सुल्तान ने नियंत्रण स्थापित किया।
    • औपनिवेशिक इतिहास:
      • आधुनिक पुदुचेरी की नींव 1673 ई. में तब रखी गई जब फ्राँसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी ने बीजापुर के सुल्तान के अधीन वलीकोंडापुरम के किलेदार से सफलतापूर्वक फरमान (एक परमिट) प्राप्त किया।
      • 1693 ई. में डचों ने पुदुचेरी पर अधिकार कर लिया था लेकिन 1699 ई. में रिज़विक की संधि द्वारा इसे फ्राँसीसी कंपनी को वापस कर दिया गया था।
      • 1674 ई. में, फ्रेंकोइस मार्टिन को फ्राँसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा पुदुचेरी  का प्रथम गवर्नर नियुक्त किया गया, जिसने पुदुचेरी को एक छोटे से मछली पकड़ने वाले गाँव से एक समृद्ध बंदरगाह शहर में बदलने की महत्त्वाकांक्षी परियोजना शुरू की।
        • वर्ष 1720 में जोसेफ फ्राँसिस डुप्लेक्स को पुदुचेरी में एक उच्च पद नियुक्त किया गया।
      • वर्ष 1674 में गवर्नर बनने के बाद, फ्रेंकोइस मार्टिन (Francois Martin) ने इसे एक महत्त्वपूर्ण स्थान और भारत में फ्राँसीसियों के गढ़ के रूप में विकसित किया।
      • वांडीवाश की लड़ाई (1960) जो तीसरे कर्नाटक युद्ध की निर्णायक लड़ाई थी, अंग्रेज़ों द्वारा जीत ली गई और युद्ध के बाद हुई पेरिस शांति संधि (1763) के तहत फ्राँसीसियों को भारत में उनकी फैक्ट्रियाँ (पुदुचेरी सहित) वापस लौटा दी गईं।
      • पेरिस शांति संधि (1763) के तहत पुदुचेरी और चंदननगर फ्राँस को वापस कर दिये गए, लेकिन वे वहाँ केवल व्यापारिक गतिविधियाँ ही कर सकते थे।
    • स्वतंत्रता के बाद:
      • 1 नवंबर, 1954 को पुदुचेरी एक केंद्रशासित प्रदेश बन गया, जब भारत में फ्राँसीसी कब्ज़े वाले क्षेत्र भारतीय संघ में स्थानांतरित हो गए और 280 वर्षों का फ्राँसीसी शासन समाप्त हो गया।
      • हालाँकि वर्ष 1963 में पेरिस में फ्राँसीसी संसद द्वारा भारत के साथ संधि की पुष्टि के बाद पुदुचेरी आधिकारिक तौर पर भारत का अभिन्न अंग बन गया।
  • पुदुचेरी की राजनीतिक स्थिति:
    • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239 और संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति ने पुदुचेरी सरकार का कार्य (आवंटन) नियम 1963 तैयार किया है।
    • पुदुचेरी में निर्वाचित विधानमंडल हैं तथा पुदुचेरी के उपराज्यपाल संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम 1963 द्वारा निर्देशित होते हैं।
    • पुदुचेरी विधानसभा समवर्ती और राज्य सूची के तहत किसी भी मुद्दे पर कानून बना सकती है।
    • पुदुचेरी (नाम-परिवर्तन) अधिनियम, 2006 के तहत पुदुचेरी का नाम परिवर्तित कर पुदुचेरी कर दिया गया।
    • उद्योग आकर्षित करने, रोज़गार अवसर सृजित करने और पर्यटन के लिये बुनियादी ढाँचे को संवर्द्धित करने हेतु अधिक अधिकार प्राप्त करने के लिये लंबे समय से पुदुचेरी को राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग की गई है
  • संस्कृति: 
    • श्री अरबिंदो आश्रम (फ्राँसीसी-तमिल वास्तुकला वाला एक सुनियोजित शहर) और ऑरोविले (एक प्रयोगात्मक टाउनशिप) वैयक्तिक तथा सामूहिक वास के नए रूपों के संबंध में श्री अरबिंदो के दृष्टिकोण को वास्तविक रूप देने का एक प्रयास था जो संपूर्ण विश्व के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
    • पुदुचेरी भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है जिसमें फ्राँसीसी परंपरा की छटा है (औपनिवेशिक शासन के परिणामस्वरूप)।

और पढ़ें: पुदुचेरी द्वारा राज्य के दर्जे की मांग, जम्मू-कश्मीर और पुदुचेरी में महिला कोटा के लिये विधेयक

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. राज्यों और क्षेत्रों का राजनीतिक तथा प्रशासनिक पुनर्गठन एक नित्य जारी प्रक्रिया रही है। पुदुचेरी द्वारा राज्य के दर्जे की मांग के संदर्भ में विवेचना कीजिये।

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. पुदुचेरी (अब पुदुचेरी) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)

  1. पुदुचेरी पर कब्ज़ा करने वाली पहली यूरोपीय शक्ति पुर्तगाली थे। 
  2. पुदुचेरी पर कब्ज़ा करने वाली दूसरी यूरोपीय शक्ति फ्राँसीसी थे। 
  3. अंग्रेज़ों ने पुदुचेरी पर कभी कब्ज़ा नहीं किया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

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