भारतीय अर्थव्यवस्था
फोस्टेरिंग इफेक्टिव एनर्जी ट्रांज़ीशन 2022
- 21 May 2022
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व आर्थिक मंच, ऊर्जा संक्रमण। मेन्स के लिये:सुचारू ऊर्जा संक्रमण के लिये आगे की राह |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने ‘फोस्टेरिंग इफेक्टिव एनर्जी ट्रांज़ीशन 2022’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है, जो पर्यावरण की स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा न्याय तथा सामर्थ्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिये एक अनुकूलित ऊर्जा संक्रमण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों द्वारा त्वरित कार्रवाई का आह्वान करती है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
- ऊर्जा संक्रमण बढ़ते जलवायु परिवर्तन की परिस्थितियों के साथ अनुकूलन नहीं कर पा रहा है और यूक्रेन में युद्ध के परिणामस्वरूप ऊर्जा की मांग, ईंधन आपूर्ति बाधाओं, मुद्रास्फीति के दबावों एवं पुन: रूपांतरित ऊर्जा आपूर्ति शृंखलाओं में महामारी के बाद हाल के जटिल व्यवधानों ने इस संक्रमण को और भी चुनौतिपूर्ण बना दिया है।
- उच्च ऊर्जा की कीमतें, ऊर्जा आपूर्ति की कमी का जोखिम और जीवाश्म ईंधन की बढ़ती मांग एक साथ ऊर्जा सामर्थ्य, ऊर्जा सुरक्षा एवं पहुँच तथा स्थिरता को चुनौती दे रही है।
- किफायती ऊर्जा आपूर्ति तक पहुँच में कमी न्यायोचित परिवर्तन के लिये एक प्रमुख खतरे के रूप में उभरी है।
- औद्योगिक गतिविधियाँ मानवजनित उत्सर्जन की तुलना में 30% अधिक उत्सर्जन करती हैं , फिर भी कई उद्योगों को कार्बनीकरण के लिये कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- ईंधन आयात: उन्नत अर्थव्यवस्था वाले 34 देशों में से 11 अपने ईंधन आयात के 70% से अधिक के लिये केवल तीन व्यापार भागीदारों पर निर्भर हैं।
अनुशंसाएँ:
- जलवायु प्रतिबद्धताएँ और दीर्घकालिक दृष्टिकोण:
- अधिक-से-अधिक देशों को बाध्यकारी जलवायु प्रतिबद्धताएँ अपनाने की आवश्यकता है, वहीं घरेलू और क्षेत्रीय ऊर्जा प्रणालियों के लिये दीर्घकालिक दृष्टिकोण का निर्माण करने, डीकार्बोनाइज़ेशन परियोजनाओं हेतु निजी क्षेत्र के निवेशकों को आकर्षित करने एवं उपभोक्ताओं और कार्यबल को समायोजित करने में सहयोग की आवश्यकता है।
- संक्रमण की अनिवार्यता पर समग्र दृष्टिकोण:
- इस चरण के माध्यम से संक्रमण की गति को बनाए रखने के लिये पर्याप्त सक्षम और समर्थन तंत्र का विकास करना महत्त्वपूर्ण है।
- वर्तमान में पहले से कहीं ज़्यादा समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो तीन संक्रमण अनिवार्यताओं- ऊर्जा की वहनीयता, उपलब्धता और स्थिरता का त्वरित गति से समवर्ती रूप से वितरण करता हो।
- कुशल उपभोग और व्यावहारिक हस्तक्षेप को प्रोत्साहित करना:
- उचित समर्थन उपायों के माध्यम से सबसे कमज़ोर लोगों की रक्षा के लिये कार्रवाई आवश्यक है, जिससे कुशल उपभोग को प्रोत्साहित किया जा सके।
- व्यावहारिक हस्तक्षेप और चौथी औद्योगिक क्रांति तकनीक घरेलू एवं व्यवसायिक दोनों स्तरों पर इसमें समान रूप से सहायता कर सकती हैं।
- ऊर्जा विविधता और सुरक्षा:
- दोहरा विविधीकरण (आपूर्ति स्रोत और आपूर्ति मिश्रण) देशों की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करने का प्रमुख साधन है।
- अल्पावधि में आयात भागीदारों के पारिस्थितिकी तंत्र में विविधता लाने और लंबी अवधि में कम कार्बन विकल्पों के साथ घरेलू ऊर्जा के पोर्टफोलियो में विविधता लाने से इस क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण लाभ मिल सकता है।
- आपूर्ति-पक्ष हस्तक्षेप और मांग-पक्ष क्षमताएँ :
- आपूर्ति-पक्ष हस्तक्षेपों को मांग-पक्ष क्षमता के साथ संतुलित करने की आवश्यकता है।
- वर्तमान ऊर्जा बाज़ार की अस्थिरता और सुरक्षा बाधाएँ स्वच्छ ऊर्जा की मांग को बढ़ाकर तथा औद्योगिक एवं अंतिम उपभोक्ताओं दोनों से अधिक कुशल ऊर्जा खपत को प्रोत्साहित कर संक्रमण को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करती हैं।
- नियामक ढाँचा:
- आवश्यक कार्रवाइयों और निवेशों के लिये नियामक ढाँचे को मजबूत करने की आवश्यकता है।
- कानूनी रूप से बाध्यकारी ढाँचे में जलवायु प्रतिबद्धताओं को शामिल करने से न केवल यह सुनिश्चित होगा कि ये प्रतिबद्धताएँ राजनीतिक दबावों को सहन कर सकती हैं, बल्कि दीर्घकालिक कार्यान्वयन प्रयासों को विनियमित करने के लिये प्रवर्तन तंत्र भी प्रदान करती हैं।
- स्वच्छ ऊर्जा की मांग:
- स्वच्छ ऊर्जा की मांग कम उत्सर्जन वाले उद्योगों के विकास के लिये आवश्यक परियोजनाओं और निवेश को बढ़ावा देने वाला एक अनिवार्य कारक साबित हो सकता है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम:
- परिचय:
- वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक गैर-लाभकारी स्विस संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुई थी।
- स्विस सरकार द्वारा इसे सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- मिशन:
- WEF वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग जगत की परियोजनाओं को आकार देने हेतु व्यापार, राजनीतिक, शिक्षा क्षेत्र और समाज के अन्य प्रतिनिधियों को शामिल करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।
- संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष: क्लॉस श्वाब (Klaus Schwab)।
- WEF द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्टों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
- ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (Energy Transition Index- ETI)
- वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट (Global Competitiveness Report)
- वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट (Global IT Report)
- WEF द्वारा INSEAD और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाता है।
- वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट (Global Gender Gap Report)
- वैश्विक जोखिम रिपोर्ट (Global Risk Report)
- वैश्विक यात्रा और पर्यटन रिपोर्ट (Global Travel and Tourism Report)
विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन विश्व के देशों की 'ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स' रैंकिंग ज़ारी करता है? (2017) (A) विश्व आर्थिक मंच उत्तर: A
प्रश्न. 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस इंडेक्स' में भारत की रैंकिंग कभी-कभी खबरों में देखने को मिलती है। निम्नलिखित में से किसने उस रैंकिंग की घोषणा की है? (2016) (a) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) उत्तर: C
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