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भारतीय राजनीति

राज्य सरकार के मंत्रियों की विदेश यात्रा

  • 05 Aug 2022
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वर्ल्ड सिटीज़ समिट, कैबिनेट सचिवालय, विदेश मंत्रालय (MEA), गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, केंद्रीय प्रशासनिक मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय्व।

मेन्स के लिये:

केंद्र-राज्य संबंध और राज्यों में राज्यपाल की भूमिका का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सिंगापुर में आयोजित विश्व शहर शिखर सम्मेलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री के भाग लेने की अनुमति को अस्वीकृत कर दिया गया।

  • साथ ही दिल्ली के राज्य परिवहन मंत्री ने राज्य सरकार के मंत्रियों की निजी विदेश यात्राओं के लिये केंद्र द्वारा यात्रा मंज़ूरी की आवश्यक शर्त को रद्द कराने हेतु दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की।

मुद्दा:

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री को सिंगापुर सरकार ने विश्व शहर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया था लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी यात्रा मंज़ूरी को अस्वीकृत कर दिया था।
    • इसके अलावा केंद्र सरकार का मानना है कि सिंगापुर की यह यात्रा "उचित नहीं" थी, क्योंकि इसमें ज़्यादातर महापौरों ने भाग लिया था और किसी भी मामले में, दिल्ली में शहरी शासन केवल राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है।
  • साथ ही वर्ष 2019 में दिल्ली के मुख्यमंत्री के 7वें C-40 विश्व महापौर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये कोपेनहेगन की प्रस्तावित यात्रा को MEA ने बिना कोई कारण बताए खारिज़ कर दिया था।

अनुमोदन हेतु आवश्यक प्रावधान:

  • वर्ष 1982 में कैबिनेट सचिवालय ने राज्य सरकार और केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्रियों तथा राज्य सरकार के अधिकारियों की विदेश यात्रा के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये।
    • राज्य सरकारों के सदस्यों द्वारा अपनी आधिकारिक क्षमता में विदेश यात्राओं के लिये विदेश मंत्रालय (MEA), गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रशासनिक मंत्रालय से मंज़ूरी की आवश्यकता होती है।
  • इसके अलावा वर्ष 2004 में एक अन्य आदेश परिचालित किया गया, जिसमें प्रावधानों को इस हद तक संशोधित किया गया था कि अंतिम आदेश वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किये जाने थे।
    • इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्रियों को आधिकारिक यात्रा से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
  • वर्ष 2010 में फिर से एक और निर्देश जारी किया गया जिसने राज्य सरकार के मंत्रियों की निजी यात्राओं के लिये राजनीतिक मंज़ूरी अनिवार्य कर दी।

दायर की गई याचिका का आधार:

  • निजता के अधिकार का उल्लंघन:
    • मंत्रियों द्वारा विदेश जाने की अनुमति राज्य सरकार से लेना उनके निजता के अधिकार और संवैधानिक पद की गरिमा का उल्लंघन है।
  • राज्यपाल के कार्यालय का अधिकार क्षेत्र:
    • प्रस्तावित सिंगापुर यात्रा के खिलाफ सलाह देना राज्यपाल के अपने कार्यालय प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
  • अनुच्छेद 21 का उल्लंघन:
    • राज्यपाल और केंद्र सरकार द्वारा मनमाने एवं सत्ता का गैर-ज़िम्मेदारना कार्यान्वयन राष्ट्रीय हित तथा सुशासन के खिलाफ है, साथ ही अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत विदेश यात्रा के अधिकार को प्रभावित करता है।

स्रोत: द हिंदू

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