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H3N8 बर्ड फ्लू से संबंधित पहला मानव केस

  • 28 Apr 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

H3N8 बर्ड फ्लू, इन्फ्लूएंज़ा, SARS-CoV-2, इन्फ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार का पहला मानव मामला

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य, पशु-पालन का अर्थशास्त्र, बर्ड फ्लू और इन्फ्लूएंज़ा

चर्चा में क्यों?

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) ने बताया की एक चार वर्षीय लड़का बर्ड फ्लू के H3N8 वेरिएंट के कारण  बुखार सहित कई लक्षणों के साथ संक्रमित पाया गया है।

  • H3N8 वेरिएंट इससे पहले विश्व में घोड़ों, कुत्तों, पक्षियों व सील में पाया गया है।
  • हालांँकि इससे पहले H3N8 का कोई मानवीय मामला सामने नहीं आया है। 

बर्ड फ्लू:

  • एवियन इन्फ्लूएंज़ा जिसे अनौपचारिक रूप से एवियन फ्लू या बर्ड फ्लू के रूप में जाना जाता है, इसे "पक्षियों के अनुकूल वायरस के कारण होने वाला इन्फ्लूएंज़ा" के रूप में संदर्भित किया जाता है। 
    • अधिकांश एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस मनुष्यों को संक्रमित नहीं करते हैं; हालांँकि कुछ, जैसे-  A (H5N1) और A (H7N9) लोगों में गंभीर संक्रमण का कारण बनते हैं।
  • H5N1 हेतु कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
  • अधिकांश एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस मनुष्यों को संक्रमित नहीं करते हैं, हालाँकि कुछ, जैसे- A (H5N1) और A (H7N9), प्रजातियों की बाधा को पार करते हुए मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों में भी बीमारी या उप-संक्रमण का कारण बनते हैं। 
  • एवियन (H5N1) वायरस उप-प्रकार, एक अत्यधिक रोगजनक वायरस ने वर्ष 1997 में हांँगकांँग, चीन में एक पोल्ट्री महामारी के प्रकोप के दौरान पहली बार मनुष्यों को संक्रमित किया था।

इन्फ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार: 

  • इन्फ्लूएंज़ा वायरस चार प्रकार के होते हैं: इन्फ्लूएंज़ा A, B, C और D
    • इन्फ्लूएंज़ा A और B दो प्रकार के इन्फ्लूएंज़ा लगभग प्रत्येक वर्ष मौसमी संक्रमण जनित महामारी का कारण बनते हैं।
    •  इन्फ्लूएंज़ा विषाणु C सामान्यतः मनुष्यों में प्रभाव डालता है लेकिन यह विषाणु कुत्तों एवं सूअरों को भी प्रभावित करता है। 
    • इन्फ्लूएंज़ा D मुख्य रूप से मवेशियों में पाया जाता है। इस विषाणु के अब तक मनुष्यों में संक्रमण या बीमारी उत्पन्न करने के कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
    • एवियन इन्फ्लूएंज़ा टाइप A वायरस
  • इन्फ्लूएंज़ा A वायरस को दो प्रकार के प्रोटीन HA (Hemagglutinin) और NA (Neuraminidase) के आधार पर 18HA और 11NA उप-प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। 
  • इन दो प्रोटीनों के कई संयोजन संभव हैं जैसे- H5N1, H7N2, H9N6, H17N10, H18N11 आदि।
  • इन्फ्लूएंज़ा A के सभी ज्ञात उप-प्रकार H17N10 और H18N11 उप-प्रकारों को छोड़कर अन्य सभी वायरस पक्षियों को संक्रमित कर सकते हैं, जो केवल चमगादड़ों में पाए गए हैं।

बर्ड फ्लू वायरस संबंधी चिंता का कारण:

  • SARS-CoV-2 की उत्पत्ति के बारे में अटकलों ने पशु और पक्षी-जनित वायरस के बारे में चिंताएँ बढ़ा दी हैं।  
  • नए स्ट्रेन का उद्भव, विशेष रूप से पालतू जानवरों और पक्षियों के बीच विकास व अनिवार्यता का क्रम है तथा मनुष्यों को संक्रमित करने वाले नए वायरस की छिटपुट रिपोर्टें मिली हैं।  
  • जब तक एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस पोल्ट्री में फैलते हैं, तब तक मनुष्यों में एवियन इन्फ्लूएंज़ा का हल्के स्तर पर संक्रमण होना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है लेकिन यह इन्फ्लूएंज़ा महामारी के लगातार बढ़ते खतरे के प्रति एक चेतावनी के रूप में कार्य कर रहा है।

मनुष्यों में प्रसार का तरीका:

  • एवियन इन्फ्लूएंजज़ा वायरस के कई उप-प्रकार और स्ट्रेन अब विश्व भर में पाए जाते हैं, उनमें से कुछ मनुष्यों की मौत का कारण बने हुए हैं और अन्य कुक्कुट किसानों को गंभीर नुकसान पहुंँचाते हैं।
  • हालांँकि मानव से मानव संचरण जो ज़्यादातर अंतरंग और निरंतर शारीरिक संपर्क के बाद होता है दुर्लभ माना जाता है जो बड़े स्तर पर घातक है तथा अनुमानित 60% मामलों में घातक साबित होता है। 
  • पक्षी के अंतर्ग्रहण के माध्यम से फैलने वाले फ्लू के कोई ज्ञात उदाहरण नहीं हैं, भले ही लोग किसी संक्रमित पक्षी का सेवन करते समय उचित सुरक्षा और सावधानी बरतते हो।  
  • मनुष्यों में पक्षी संक्रमण के लक्षण किसी भी अन्य मौसमी फ्लू के समान होते हैं जैसे-बुखार, शरीर में दर्द, गले में खराश, नाक बहना, सिरदर्द, थकान, आदि। हालाँकि यह बहुत जल्दी गंभीर रूप धारण कर सकता है और श्वसन संकट का कारण बन सकता है।

बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के उपाय: 

  • एक बड़े पोल्ट्री उद्योग के साथ एक प्रमुख कृषि राष्ट्र के रूप में भारत ने एवियन इन्फ्लूएंज़ा से निपटने के लिये केंद्र के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग द्वारा तैयार की गई एक कार्य योजना को लागू किया है।
    • इसमें प्रकोप की सूचना देने, प्रभावित क्षेत्र से पक्षियों को हटाने और किसानों को मुआवज़ा देने के लिये निवारक जाँच और परीक्षण हेतु एक स्पष्ट प्रोटोकॉल शामिल है। 
    • वायरस के उप-प्रकारों का शीघ्र पता लगाने व पहचान करने से रोकथाम के उपायों को शुरू करने में मदद मिलती है।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य संदेश, प्रकोप के दौरान कुक्कुट खपत पर सलाह के साथ साथ-साथ अफवाह फैलने से रोकना आवश्यक है।
  • उपायों की प्रभावशीलता स्वाभाविक रूप से उस तत्परता पर निर्भर करती है जिसके साथ राज्य स्तर पर पशुपालन विभाग नमूने एकत्र करता है और जब किसी बीमारी का प्रकोप बढ़ने वाला हो तो चेतावनी जारी करता है।

विगत  वर्ष के प्रश्न:

H1N1 वायरस का कभी-कभी समाचारों में उल्लेख किया जाता है, निम्नलिखित में से यह  किस रोग से संबंधित है? (2015)

(a) एड्स
(b) बर्ड फ्लू
(c) डेंगू
(d) स्वाइन फ्लू

उत्तर: (D)

व्याख्या:

  • H1N1 वायरस स्वाइन फ्लू से संबंधित है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2009 में H1N1 के कारण होने वाले फ्लू को वैश्विक महामारी घोषित किया था।
  • स्वाइन फ्लू के लक्षणों में बुखार, खाँसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमज़ोरी और शरीर में दर्द शामिल हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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