पहली हरित हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजना: आंध्र प्रदेश | 16 Dec 2021
प्रिलिम्स के लिये:ग्रीन हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड प्रोजेक्ट, डीकार्बोनाइजिंग, हाइड्रोजन के रूप, NTPC मेन्स के लिये:ग्रीन हाइड्रोजन और वर्ष 2070 तक भारत के कार्बन न्यूट्रल बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में इसका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा आंध्र प्रदेश में सिम्हाद्री (विशाखापत्तनम के पास) संयंत्र में देश की पहली ग्रीन हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजना की शुरुआत की गई है।
प्रमुख बिंदु
- हरित हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजना के बारे में:
- यह अनूठी परियोजना के प्रारूप को NTPC द्वारा इन-हाउस डिज़ाइन किया गया है। यह बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं का अग्रदूत होगा। यह वर्ष 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- परियोजना के पास स्थापित फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट से इनपुट पावर लेकर उन्नत 240 kW सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलाइज़र का उपयोग कर हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
- इससे पहले NTPC ने तेलंगाना के रामागुंडम् में भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट के विकास का काम शुरू किया था।
- दिन के दौरान उत्पादित हाइड्रोजन को उच्च दबाव पर संग्रहीत किया जाएगा और 50 किलोवाट ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल का उपयोग करके विद्युतीकृत किया जाएगा।
- एक ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल (या SOFC) एक विद्युत रासायनिक रूपांतरण उपकरण है जो ईंधन के ऑक्सीकरण द्वारा सीधे विद्युत उत्पन्न करता है।
- महत्त्व:
- एक से अधिक माइक्रोग्रिड को परिनियोजित करने में सहायक:
- यह परियोजना देश के विभिन्न ऑफ-ग्रिड और रणनीतिक स्थानों में मल्टीपल माइक्रोग्रिड के अध्ययन के लिये उपयोगी होगी।
- स्वच्छ ऊर्जा विकास जलवायु परिवर्तन और इसके विनाशकारी प्रभावों को सीमित करने के खिलाफ एक महत्त्वपूर्ण हथियार है।
- यह परियोजना देश के विभिन्न ऑफ-ग्रिड और रणनीतिक स्थानों में मल्टीपल माइक्रोग्रिड के अध्ययन के लिये उपयोगी होगी।
- डीकार्बोनाइजिंग के लिये संभावनाएंँ:
- यह देश के दूर-दराज के क्षेत्रों जैसे- लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, आदि जो डीजल जनरेटर पर निर्भर है में डीकार्बोनाइज (Decarbonizing) की संभावनाओं को खोलेगा हैं।
- डीकार्बोनाइजिंग का अर्थ है पर्यावरण में जारी गैसीय कार्बन यौगिकों की मात्रा को हटाना या कम करना।
- NTPC रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (NTPC REL) ने भी हरित हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना हेतु केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के साथ एक समझौता किया है।
- यह देश के दूर-दराज के क्षेत्रों जैसे- लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, आदि जो डीजल जनरेटर पर निर्भर है में डीकार्बोनाइज (Decarbonizing) की संभावनाओं को खोलेगा हैं।
- ऊर्जा सुरक्षा:
- हाइड्रोजन ईंधन भारत की ऊर्जा सुरक्षा में निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है, जिसके द्वारा अपने 85% तेल और 53% गैस आवश्यकताओं का आयात करता है।
- स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिये भारत उर्वरक संयंत्रों और तेल रिफाइनरियों हेतु हरित हाइड्रोजन खरीदना अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है।
- NTPC परिवहन के लिये सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (City Gas Distribution- CGD) नेटवर्क के लिये ईंधन को प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर हाइड्रोजन का लाभ उठाने पर भी विचार कर रही है।
- एक से अधिक माइक्रोग्रिड को परिनियोजित करने में सहायक:
- संबंधित पहल:
- भारतीय रेलवे द्वारा मौजूदा डीज़ल इंजन को रेट्रोफिटिंग करके हाइड्रोजन-ईंधन सेल प्रौद्योगिकी-आधारित ट्रेन के देश के पहले प्रयोग की घोषणा की गई है।
- राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (NHM):
- केंद्रीय बजट (2021-22) ने ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करने के मिशन की घोषणा की है।
- राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) लक्ष्य: यह वर्ष 2022 तक 100 गीगावॉट ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखता है।
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए)
ग्रीन हाइड्रोजन
- यह पवन और सौर जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों द्वारा संचालित इलेक्ट्रोलाइज़र का उपयोग करके जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके उत्पादित किया जाता है।
- ईंधन भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिये एक गेम-चेंजर हो सकता है, जो अपने तेल का 85% और गैस आवश्यकताओं का 53% आयात करता है।
- स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिये भारत उर्वरक संयंत्रों और तेल रिफाइनरियों के लिये हरित हाइड्रोजन खरीदना अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है।
हाइड्रोजन
- स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिये हाइड्रोजन पृथ्वी पर सबसे प्रचुर तत्त्वों में से एक है।
- हाइड्रोजन का प्रकार उसके बनने की प्रक्रिया पर निर्भर करता है:
- ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
- इसके तहत विद्युत द्वारा जल (H2O) को हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (O2) में विभाजित किया जाता है।
- उपोत्पाद: जल, जलवाष्प।
- ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन कोयले का उपयोग करके किया जाता है जहाँ उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
- ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen) प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होता है जहाँ संबंधित उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
- ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen) प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होती है, जहाँ कार्बन कैप्चर और स्टोरेज का उपयोग करके उत्सर्जन को कैप्चर किया जाता है।
- ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (NTPC)
- NTPC लिमिटेड विद्युत मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (Public Sector Undertaking- PSU) है।
- NTPC आरईएल (REL) की 100 % हिस्सेदारी वाली कंपनी है।
- भारत की सबसे बड़ी विद्युत कंपनी, NTPC की स्थापना वर्ष 1975 में भारत के विद्युत विकास में तेज़ी लाने के लिये की गई थी।
- इसका उद्देश्य नवाचार द्वारा संचालित किफायती, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से विश्वसनीय बिजली तथा संबंधित समाधान प्रदान करना है।
- मई 2010 में इसे महारत्न कंपनी (Maharatna company) घोषित किया गया।
- यह नई दिल्ली में स्थित है।