भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में फिनटेक अग्रणी | 13 Jun 2024

प्रिलिम्स के लिये:

फिनटेक उद्योग, इंटरनेट, क्रिप्टोकरेंसी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), जन धन योजना, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, इंडियास्टैक, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC), भारतीय रिज़र्व बैंक, डिजिटल रुपी, डिजिटल ऋण

मेन्स के लिये:

भारतीय संदर्भ में फिनटेक का महत्त्व, सरकारी पहलों द्वारा संचालित फिनटेक का विकास, फिनटेक उद्योग से संबंधित मुद्दे

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

फिनटेक कंपनियाँ, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में उद्यमियों के लिये एक आकर्षक विकल्प बनी हुई हैं।

  • Tracxn (एक कंपनी जो निजी कंपनियों के लिये मार्केट इंटेलिजेंस डेटा प्रदान करती है) के आँकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में स्टार्ट-अप्स में निवेश किये गए सभी इक्विटी निवेश में फिनटेक का हिस्सा वर्तमान में 15% से अधिक है।

फिनटेक क्या हैं?

  • परिचय:
    • फिनटेक, "फाइनेंशियल" और "टेक्नोलॉजी" पदों का संयोजन है, जो ऐसे व्यवसायों को संदर्भित करता है जो वित्तीय सेवाओं एवं प्रक्रियाओं को वर्द्धित अथवा स्वचालित करने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं।
  • प्रकार:
    • डिजिटल भुगतान: ये मोबाइल वॉलेट, ऑनलाइन भुगतान गेटवे और समकक्षीय/पीयर-टू-पीयर (P2P) भुगतान जैसे डिजिटल भुगतान समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण- फोनपे, पेटीएम आदि।
    • वैकल्पिक ऋण: इन्हें मार्केटप्लेस लेंडिंग अथवा समकक्षीय उधार (P2P लेंडिंग) भी कहा जाता है, ये लेन-देन ऑनलाइन होते हैं और उच्च-लाभ चाहने वाले निवेशकों को पारंपरिक उधारदाताओं द्वारा अनदेखा किये गए देनदारों से जोड़ते हैं। इसके उदाहरणों में लेंडिंग क्लब, प्रॉस्पर, पेपाल वर्किंग कैपिटल, गोफंडमी आदि शामिल हैं।
    • बीमा: ये स्वास्थ्य, जीवन और कार बीमा जैसे डिजिटल बीमा समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण- डिजिट इंश्योरेंस, पॉलिसीबाज़ार आदि।
    • इन्वेस्टमेंटटेक: ये स्टॉक ट्रेडिंग, म्यूचुअल फंड और क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग जैसे डिजिटल निवेश समाधान प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिये ज़ीरोधा, ग्रो इत्यादि।
    • इसके अन्य प्रकारों में फसल ऋण जोखिम प्रबंधन (उदाहरण: सैटश्योर), ऑनलाइन धोखाधड़ी का पता लगाना (उदाहरण: ट्यूटेलर), ऋण प्रबंधन (डैट निर्वाण) और बैंकिंग-एज़-ए-सर्विस प्लेटफॉर्म (उदाहरण: फिडपे) शामिल हैं।

भारत में फिनटेक उद्योग की क्या स्थिति है?

  • फिनटेक इकोसिस्टम: भारत फिनटेक के क्षेत्र में विश्व में अपना वर्चस्व बनाए हुए है और 155 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के संयुक्त मूल्य के साथ अमेरिका और ब्रिटेन के बाद तीसरे स्थान पर है।
    • सूनीकॉर्न (सून टू बी यूनिकॉर्न का संक्षेप) के संदर्भ में फिनटेक की हिस्सेदारी एक तिहाई है।
    • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की पहल स्टार्टअप इंडिया के अनुसार, भारत के फिनटेक उद्योग का बाज़ार आकार वर्ष 2025 तक 150 बिलियन अमरीकी डॉलर होने की उम्मीद है।
  • अपनाने की उच्च दर: आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, भारत में फिनटेक कंपनियों को अपनाने की दर 87% देखी गई जबकि इसकी वैश्विक औसत दर 64% है।
  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना: भारत में फिनटेक कंपनियों की डिजिटल भुगतान लेन-देन में 70% की हिस्सेदारी है, जो वित्त वर्ष 2019 की तुलना में वित्त वर्ष 2022 में दो गुना वृद्धि को दर्शाती है।
  • वित्तीय समावेशन: इससे 10 मिलियन से अधिक लोगों और छोटे व्यवसायों को मोबाइल-आधारित सेवाओं तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बचत खातों, बीमा, निवेश विकल्पों एवं ऋण सुविधाओं तक पहुँच प्राप्त हुई है।
  • ऋण प्रक्रिया का सुलभ होना: पीयर-टू-पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म से ऋण सुलभ होने के साथ व्यक्तियों एवं छोटे व्यवसायों को पारंपरिक वित्तीय संस्थानों की आवश्यकता के बिना धन तक पहुँच प्राप्त हुई है।
  • लोक निवेश में वृद्धि: निवेश प्लेटफॉर्म तथा रोबो-सलाहकार, स्टॉक एवं म्यूचुअल फंड के साथ अन्य वित्तीय साधनों में निवेश को अधिक सुलभ बना रहे हैं।

फिनटेक के विकास को बढ़ावा देने से संबंधित सरकारी पहल:

  • डिजिटल आइडेंटिटी इंफ्रास्ट्रक्चर (JAM ट्रिनिटी):
    • जन धन योजना (PMJDY): विश्व के इस सबसे बड़े वित्तीय समावेशन कार्यक्रम द्वारा 450 मिलियन से अधिक लोगों को बैंक खाते उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे फिनटेक कंपनियों के लिये इन खातों के ज़रिये स्पष्ट तौर पर नए वित्तीय उत्पाद एवं सेवाएँ जैसे कि प्रेषण, ऋण, बीमा तथा पेंशन प्रदान करने हेतु व्यापाक आधार मिला है।
    • आधार: विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार आधार के माध्यम से भारत में 570 मिलियन से अधिक वयस्कों (जो पहले बैंकिंग सेवाओं से वंचित थे) के लिये बैंक खाता खोलने में सहायता मिली है।
      • आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) द्वारा आधार कार्ड धारकों को अपने आधार नंबर और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) का उपयोग करके वित्तीय लेन-देन में सहायता मिली है।
  • एकीकृत भुगतान इंटरफेस: UPI लेनदेन की मात्रा में प्रतिवर्ष 49% की वृद्धि देखी गई है।
    • अधिक से अधिक बैंक UPI को अपना रहे हैं और इस क्रम में इसमें शामिल बैंकों की संख्या अप्रैल 2023 के 414 से बढ़कर अप्रैल 2024 में 581 हो गई। यह UPI लेन-देन में समग्र वृद्धि का परिचायक है।
  • विनियामक सहायता एवं नवाचार:
    • वर्ष 2017 में RBI ने पीयर-टू-पीयर (P2P) ऋण देने वाले प्लेटफॉर्म को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के रूप में मान्यता दी है जिससे व्यक्तियों तथा छोटे व्यवसायों के लिये ऋण पहुँच का विस्तार हुआ है।
  • नियामक सैंडबॉक्स (RS) और फिनटेक रिपॉज़िटरी:
    • RS एक ऐसा बुनियादी ढाँचा है जो फिनटेक भागीदारों को अपने उत्पादों या समाधानों को बड़े पैमाने पर शुरू करने के क्रम में आवश्यक विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने से पहले परीक्षण करने में मदद करता है, जिससे स्टार्ट-अप के समय एवं लागत में बचत होती है। RBI द्वारा वर्ष 2017 में एक विनियामक सैंडबॉक्स की शुरुआत की गई।
    • इसके अतिरिक्त वर्ष 2021 में शुरू किया गया फिनटेक रिपॉज़िटरी, फिनटेक कंपनियों के लिये एक केंद्रीकृत सूचना केंद्र के रूप में कार्य करने एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के साथ विनियामक अनुपालन को सुव्यवस्थित करता है।
  • स्व-नियामक संगठन (SRO) की रूपरेखा:
    • वर्ष 2023 में, RBI ने उद्योग-नेतृत्व वाले स्व-नियमन की आवश्यकता के साथ उत्तरदायित्वपूर्ण विकास को प्रोत्साहित करने के लिये फिनटेक क्षेत्र में स्व-नियामक संगठनों (SRO) के लिये एक रूपरेखा निर्मित की है।
    • ये SRO उद्योग में संरक्षक की तरह कार्य करते हैं, आचार संहिता, शिकायत निवारण तंत्र एवं उपभोक्ता संरक्षण मानकों की स्थापना के साथ-साथ उनका कार्यान्वयन भी करते हैं।

भारत में फिनटेक सेक्टर के संभावित विकास क्षेत्र क्या हैं?

  • SME ऋण: लघु एवं मध्यम उद्यमों (SME) को पारंपरिक क्रेडिट चैनलों तक पहुँचने में प्राय: चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
    • वैकल्पिक डेटा स्रोतों एवं AI-संचालित क्रेडिट स्कोरिंग का लाभ उठाने वाले फिनटेक समाधान ऋण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर सकते हैं और साथ ही SME हेतु ऋण को अधिक सुलभ बना सकते हैं।
  • ब्लॉकचेन-आधारित फिनटेक समाधान भुगतान को सुव्यवस्थित कर सकते हैं, और साथ ही पारदर्शिता में सुधार कर सकते हैं, तथा आपूर्ति शृंखला में व्यवसायों के लिये कार्यशील पूंजी प्रबंधन को बढ़ा सकते हैं।
    • आपूर्ति शृंखला वित्तपोषण: पारंपरिक वित्तपोषण की आपूर्ति शृंखला पद्धतियाँ प्राय: बोझिल होती हैं और उनमें पारदर्शिता का अभाव होता है।
  • एग्रीटेक: फसल ऋण जोखिम प्रबंधन, किसानों के लिये सूक्ष्म बीमा और साथ ही कृषि उत्पादों के लिये डिजिटल बाज़ार के समाधान, ग्रामीण समुदायों को आवश्यक सहायता प्रदान कर सकते हैं तथा उन्हें सशक्त कर सकते हैं।
  • विनियामक परिदृश्य एवं दीर्घकालिक स्थिरता: यद्यपि यह अस्थायी रूप से सतर्क निवेश माहौल को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन फिनटेक क्षेत्र में "उपयोगकर्त्ता हानि" को कम करने के लिये RBI का दृष्टिकोण अंततः एक उत्कृष्ट विकास को संबोधित करता है।
    • स्पष्ट एवं सुपरिभाषित विनियमन उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ाएंगे तथा पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास भी उत्पन्न करने के साथ-साथ दीर्घकालिक निवेशकों को भी आकर्षित करेंगे तथा सतत् विकास को बढ़ावा देंगे।

फिनटेक से संबंधित संचालन समिति की सिफारिशें

  • परिचय: 
    • फिनटेक से संबंधित मुद्दों पर सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता वाली संचालन समिति ने वर्ष 2019 में वित्त मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
    • समिति का गठन फिनटेक से संबंधित नियमों को अधिक लचीला बनाने तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था।
  • फिनटेक के संबंध में मुख्य टिप्पणियाँ:
    • बैंकिंग संस्थाओं को आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली जैसे महत्त्वपूर्ण भुगतान बुनियादी ढाँचे तक पहुँच का लाभ प्राप्त होता है। यह गैर-बैंकिंग फिनटेक कंपनियों के लिये समान अवसर प्रदान करने में बाधा उत्पन्न करता है।
    • नवीन उत्पादों के परीक्षण के लिये नियंत्रित वातावरण, अर्थात विनियामक सैंडबॉक्स का अभाव, प्रयोग को प्रतिबंधित करता  है तथा विकास को धीमा करता है।
    • फिनटेक से नए डेटा गोपनीयता एवं सुरक्षा जोखिम उत्पन्न होते हैं। वर्तमान नियमों के साथ डेटा सुरक्षा अधिनियम में सुरक्षित एवं विकासोन्मुखी वातावरण को बढ़ावा देने हेतु समायोजन की आवश्यकता हो सकती है।
    • फिनटेक सेवाओं का विस्तार: साइबर सुरक्षा, धोखाधड़ी नियंत्रण के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम को बढ़ावा देने के लिये फिनटेक के उपयोग को प्रोत्साहित करना। वर्चुअल बैंकिंग एवं वित्तीय साधनों के डीमटेरियलाइजेशन (भौतिक प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करना) का अन्वेषण करना शामिल है।
  • अनुशंसाएँ:
    • पदोन्नति के लिये नीतिगत कार्रवाइयाँ:
      • सरकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को बैक-एंड ऑटोमेशन के लिये AI का लाभ उठाना चाहिये।
      • व्यापार वित्त में ब्लॉकचेन समाधान लागू करने के लिये  MSME के साथ सहयोग करना।
    • वित्तीय समावेशन:
      • आसान ऋण पहुँच को सक्षम करने हेतु AI/ML आधारित क्रेडिट स्कोरिंग का उपयोग करके किसानों के लिये एक क्रेडिट रजिस्ट्री विकसित करना।
      • कृषि फसल बीमा योजनाओं में दावों और प्रीमियम भुगतान के प्रबंधन के लिये फिनटेक का उपयोग करना।
      • लघु बचत उत्पादों, सूक्ष्म पेंशन योजनाओं और सरकारी पेंशन के लिये एक साझा डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाएँ, जिससे डिजिटल सदस्यता की सुविधा मिल सके।
    • सहयोग और समन्वय:
      • प्रत्येक वित्तीय क्षेत्र नियामक के लिये उद्योग विशेषज्ञों के साथ फिनटेक पर एक सलाहकार परिषद का गठन करना।
      • नियामक निकायों के बीच बेहतर समन्वय के लिये एक अंतर-नियामक तकनीकी समूह की स्थापना करना।
      • फिनटेक-सक्षम प्रौद्योगिकियों के संभावित अनुप्रयोगों का पता लगाने के लिये एक अंतर-मंत्रालयी समूह का गठन किया जाएगा।
      • फिनटेक जोखिमों और लाभों पर ज्ञान साझा करने के लिये अन्य देशों के साथ सहयोग करना।
    • डेटा संरक्षण: वित्तीय क्षेत्र से संबंधित डेटा संरक्षण चुनौतियों से निपटने के लिये वित्त मंत्रालय के अंतर्गत एक टास्क फोर्स की स्थापना की जाएगी।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में फिनटेक की बढ़ती प्रमुखता पर चर्चा कीजिये, इस क्षेत्र के सामने आने वाले प्रमुख चालकों और नियामक चुनौतियों पर प्रकाश डालिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. “ब्लॉकचेन तकनीक” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. यह एक सार्वजनिक खाता है जिसका हर कोई निरीक्षण कर सकता है, परंतु जिसे कोई भी एक उपभोक्ता नियंत्रित नहीं करता।
  2. ब्लॉकचेन की संरचना और अभिकल्प ऐसा है कि इसका समूचा डेटा केवल क्रिप्टोकरेंसी के विषय में हैं। 
  3. ब्लॉकचेन के आधारभूत वैशिष्ट्य पर आधारित अनुप्रयोगों को बिना किसी व्यक्ति की अनुमति के विकसित किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न. भारत के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2010)

  1. बैंकों का राष्ट्रीयकरण
  2. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का गठन
  3. बैंक शाखाओं द्वारा गाँवों को अपनाना

उपर्युक्त में से किसे भारत में "वित्तीय समावेशन" प्राप्त करने के लिये उठाए गए कदम माना जा सकता है?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)