फिंगर मिन्यूशिया रिकॉर्ड - फिंगर इमेज रिकॉर्ड (FMR-FIR) मोडैलिटी | 05 Aug 2023

प्रिलिम्स के लिये:

आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), आधार लॉक, सिलिकॉन थम्स

मेन्स के लिये:

AePS से संबंधित कमजोरियाँ, वित्तीय लेनदेन में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करने की चुनौतियाँ, AePS धोखाधड़ी को रोकने में वित्तीय साक्षरता और डिजिटल कौशल की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने इन-हाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (AI/ML) प्रौद्योगिकी-आधारित फिंगर मिन्यूशिया रिकॉर्ड - फिंगर इमेज रिकॉर्ड (FMR-FIR) मोडैलिटी शुरू की है।

  • यह तकनीक, विशेष रूप से आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) द्वारा लेनदेन को बढ़ाने के लिये डिज़ाइन की गई है, जिसका उद्देश्य क्लोन फिंगरप्रिंट के दुरुपयोग सहित धोखाधड़ी गतिविधियों से निपटना है।

फिंगर मिंटिया रिकॉर्ड - फिंगर इमेज रिकॉर्ड (FMR-FIR) मोडैलिटी:

  • परिचय:
    • FMR-FIR मोडैलिटी आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) के भीतर सुरक्षा उपायों को मज़बूत करने के लिये UIDAI द्वारा विकसित एक उन्नत AI/ML-आधारित तकनीक है।
  • मुख्य विशेषताएँ और कार्यक्षमता:
    • हाइब्रिड प्रमाणीकरण:
      • आधार प्रमाणीकरण (Aadhaar Authentication) के दौरान फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक्स को स्थापित करने के लिये FMR-FIR दो अलग-अलग घटकों [फिंगर मिन्यूशिया (अंगुलियों की बारीक रेखाएँ- Finger Minutiae) और फिंगर इमेज (Finger Image)] के विश्लेषण को जोड़ता है।
    • जीवंतता का पता लगाना:
      • मोडेलिटी (Modality) का प्राथमिक कार्य कैप्चर किये गए फिंगरप्रिंट की सजीवता का आकलन करना है।
      • यह वास्तविक, "जीवित" अंगुली और क्लोन (Cloned) या नकली फिंगरप्रिंट के बीच अंतर कर सकता है, जिससे धोखाधड़ी के प्रयासों को रोका जा सकता है।
    • वास्तविक समय सत्यापन:
      • FMR-FIR वास्तविक समय में काम करता है, प्रमाणीकरण प्रक्रिया के दौरान तत्काल सत्यापन परिणाम प्रदान करता है।
    • धोखाधड़ी से बेहतर रोकथाम:
      • क्लोन किये गए फिंगरप्रिंट के उपयोग का पता लगाकर और उसे रोककर, प्रौद्योगिकी AePS धोखाधड़ी के जोखिम को काफी कम कर देती है।
  • तर्क और कार्यान्वयन:
    • उभरते खतरों को संबोधित करना: क्लोन किये गए फिंगरप्रिंट से जुड़ी धोखाधड़ी गतिविधियों के उद्भव के कारण AePS लेनदेन की सुरक्षा के लिये एक परिष्कृत समाधान के विकास की आवश्यकता है ।
      • भारत में भुगतान-संबंधी धोखाधड़ी में वृद्धि हुई है, वित्त वर्ष 2011 में 700,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
      • भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) की पर्यवेक्षित संस्थाओं के आँकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2013 में यह आँकड़ा अकल्पनीय रूप से बढ़कर लगभग 20 मिलियन हो गया।
      • जबकि साइबर धोखाधड़ी के बारे में सीमित जागरूकता के कारण कई मामले दर्ज नहीं किये जाते हैं, इसमें वित्तीय धोखाधड़ी सबसे महत्त्वपूर्ण है।
    • सिलिकॉन आधारित धोखाधड़ी: सिलिकॉन का उपयोग करके बनाए गए नकली फिंगरप्रिंट के माध्यम से अनधिकृत धोखाधड़ी के मामलों ने अधिक सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत दृष्टिकोण की आवश्यकता को प्रेरित किया।
    • AI/ML का एकीकरण: कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग प्रौद्योगिकियों का एकीकरण फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की सटीकता और प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
  • लाभ और निहितार्थ:
    • UIDAI की FMR-FIR तकनीक सुरक्षा को मज़बूत करती है, कमजोरियों को कम करती है, लेन-देन के आत्मविश्वास को बढ़ाती है और सामाजिक कल्याण के लिये तकनीकी नवाचार के उदाहरण के रूप में कार्य करती है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI):

  • सांविधिक प्राधिकारी: UIDAI 12 जुलाई, 2016 को आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों का पालन करते हुए ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ के अधिकार क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है।
    • UIDAI की स्थापना भारत सरकार द्वारा जनवरी 2009 में योजना आयोग के तत्त्वावधान में एक संलग्न कार्यालय के रूप में की गई थी।
  • जनादेश: UIDAI को भारत के सभी निवासियों को एक 12-अंकीय विशिष्ट पहचान (UID) संख्या (आधार) प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है।
    • 31 अक्तूबर, 2021 तक UIDAI ने 131.68 करोड़ आधार नंबर जारी किये थे।

आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (Aadhaar Enabled Payment System- AePS):

  • AEPS एक बैंक के नेतृत्व वाला मॉडल है जो आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके किसी भी बैंक के बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (BC)/बैंक मित्र के माध्यम से POS (प्वाइंट ऑफ सेल/माइक्रो ATM) पर ऑनलाइन इंटरऑपरेबल वित्तीय लेन-देन की अनुमति देता है।
  • यह प्रणाली वित्तीय लेन-देन में एक और सुरक्षा व्यवस्था है क्योंकि इन लेन-देन को करते समय बैंक विवरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इसका परिचालन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) की एक संयुक्त पहल भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा किया जाता है।
  • यह OTP, बैंक खाता विवरण और अन्य वित्तीय जानकारी की आवश्यकता को समाप्त करता है।
  • आधार नामांकन के दौरान केवल बैंक का नाम, आधार संख्या और कैप्चर किये गए फिंगरप्रिंट के साथ लेन-देन किया जा सकता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स

प्रश्न 1.भारत में व्यक्तियों के लिये साइबर बीमा के तहत धन की हानि और अन्य लाभों के भुगतान के अलावा, निम्नलिखित में से कौन-से लाभ आमतौर पर कवर किये जाते हैं? (वर्ष 2020)

  1. किसी के कंप्यूटर तक पहुँच को बाधित करने वाले मैलवेयर के मामले में कंप्यूटर सिस्टम की बहाली की लागत।
  2. एक नए कंप्यूटर की लागत अगर ऐसा साबित हो जाता है कि कुछ असामाजिक तत्त्वों ने जानबूझकर इसे नुकसान पहुँचाया है।
  3. साइबर जबरन वसूली के मामले में नुकसान को कम करने के लिए एक विशेष सलाहकार को काम पर रखने की लागत।
  4. यदि कोई तीसरा पक्ष मुकदमा दायर करता है तो न्यायालय में बचाव की लागत

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(A) केवल 1, 2 और 4
(B) केवल 1, 3 और 4
(C) केवल 2 और 3
(D) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न 2. भारत में निम्नलिखित में से किसके लिये साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना कानूनी रूप से अनिवार्य है? (2017)

  1. सेवा प्रदाताओं
  2. डेटा केंद्र
  3. कॉर्पोरेट निकाय

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. आधार कार्ड का उपयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता हैै।
  2. एक बार जारी होने के बाद आधार संख्या को जारीकर्त्ता प्राधिकारी द्वारा समाप्त या छोड़ा नहीं जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)


मेन्स

प्रश्न. साइबर सुरक्षा के विभिन्न घटक क्या हैं? साइबर सुरक्षा में चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जाँच करें कि भारत ने व्यापक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति को किस हद तक सफलतापूर्वक विकसित किया है। (वर्ष 2022)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस