अंतर्राष्ट्रीय संबंध
FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा
- 07 Mar 2022
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प्रिलिम्स के लिये:फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, Financial Action Task Force मेन्स के लिये:मनी लॉन्ड्रिंग, भारत और उसके पड़ोसी, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) ने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' या ‘इन्क्रीज्ड मॉनीटरिंग लिस्ट’ में बनाए रखा है। FATF में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) शामिल है जिसके साथ भारत ने फरवरी 2021 में एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- FATF की ग्रे लिस्ट में 17 देश हैं।
- एक समीक्षा के बाद ज़िम्बाब्वे को सूची से बाहर कर दिया गया है क्योंकि यह सभी मापदंडों का अनुपालन करता है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- FATF ने 34 में से 32 कार्य बिंदुओं को पूरा करने के बावजूद मौजूदा पाकिस्तान को श्रेणी से हटाने का फैसला किया।
- इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने FATF की वर्ष 2018 की कार्य योजना में 27 में से 26 कार्य मदों और FATF के एशिया पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (एपीजी) की 2021 की कार्य योजना की सात कार्य मदों को पूरा किया है।
- जून 2021 में पाकिस्तान की 2019 एपीजी म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट में पहचानी गई अतिरिक्त कमियों के जवाब में पाकिस्तान ने एक नई कार्य योजना के अनुसार इन रणनीतिक कमियों को दूर करने के लिये उच्च-स्तरीय प्रतिबद्धता ज़ाहिर की, जो मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग का मुकाबला करने पर केंद्रित है।
- देश में कुल 34 कार्य बिंदुओं के साथ दो समवर्ती कार्य योजनाएँ थीं, जिनमें से 30 को या तो पूरी तरह से या बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिये संबोधित किया गया था।
- FATF ने पाकिस्तान को प्रगति जारी रखने के लिये प्रोत्साहित एवं आतंकवाद के वित्तपोषण की जाँच और अभियोजन के प्रयासों के लिये प्रेरित किया।
- जून 2018 के बाद से पाकिस्तान ने FATF और APG के साथ काम करने के लिये एक उच्च-स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धता ज़ाहिर की, ताकि अपने धनशोधन विरोधी/आतंकवाद के वित्तपोषण (एएमएल/सीएफटी) का मुकाबला करने तथा आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण संबंधों को मज़बूत किया जा सके।
- पृष्ठभूमि:
- FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ’ग्रे सूची’ में रखने के बाद 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना जारी की थी। यह कार्रवाई योजना धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने से संबंधित है।
- पाकिस्तान को पहली बार वर्ष 2008 में सूची में रखा गया था, वर्ष 2009 में इसे सूची से हटा दिया गया और वर्ष 2012 से वर्ष 2015 तक यह पुनः निगरानी के अधीन रहा।
- ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल होने के कारण किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशिया विकास बैंक जैसी विश्व संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करने की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF):
- परिचय:
- FATF का गठन वर्ष 1989 में जी-7 देशों की पेरिस में आयोजित बैठक में हुआ था।
- FATF मनी लांड्रिंग, टेरर फंडिंग जैसे मुद्दों पर दुनिया में विधायी और नियामक सुधार लाने के लिये आवश्यक राजनीतिक इच्छा शक्ति पैदा करने का काम करता है। यह व्यक्तिगत मामलों को नहीं देखता है।
- उद्देश्य:
- FATF का उद्देश्य मनी लॉड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण जैसे खतरों से निपटना और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिये अन्य कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
- मुख्यालय:
- इसका सचिवालय पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग विकास संगठन (OECD) के मुख्यालय में स्थित है।
- सदस्य देश:
- वर्तमान में FATF में भारत समेत 39 सदस्य देश और 2 क्षेत्रीय संगठन (यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद) शामिल हैं। भारत वर्ष 2010 से FATF का सदस्य है।
- FATF की सूचियाँ:
- ग्रे लिस्ट:
- जिन देशों को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिये सुरक्षित स्थल माना जाता है, उन्हें FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है।
- इस सूची में शामिल किया जाना संबंधित देश के लिये एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है कि उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया सकता है।
- ब्लैक लिस्ट:
- असहयोगी देशों या क्षेत्रों (Non-Cooperative Countries or Territories- NCCTs) के रूप में पहचाने गए देशों को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है। ये देश आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
- इस सूची में देशों को शामिल करने अथवा हटाने के लिये FATF इसे नियमित रूप से संशोधित करती है।
- वर्तमान में, ईरान और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK) उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार या ब्लैक लिस्ट में हैं।
- ग्रे लिस्ट:
- सत्र:
- FATF प्लेनरी, FATF का निर्णय लेने वाला निकाय है। इसके सत्रों का आयोजन प्रतिवर्ष तीन बार होता है।