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बाल कल्याण और सहायता सुनिश्चित करना: मिशन वात्सल्य योजना

  • 17 Jul 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मिशन वात्सल्य, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, एकीकृत बाल संरक्षण योजना

मेन्स के लिये:

मिशन वात्सल्य, सरकारी नीतियाँ एवं हस्तक्षेप, बच्चों से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?   

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये मिशन वात्सल्य शुरू किया गया है।

  • ग्राम स्तरीय बाल कल्याण और संरक्षण समिति (CW&PC) उन बच्चों की पहचान करेगी जो कठिन परिस्थितियों में हैं, अनाथ हैं या सड़कों पर रह रहे हैं। इन बच्चों को मिशन वात्सल्य योजना के तहत सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • ये सुविधाएँ बाल कल्याण समिति (CWC) की सिफारिशों और प्रायोजन तथा फोस्टर केयर अनुमोदन समिति (SFCAC) से अनुमोदन के आधार पर प्रदान की जाएंगी। 

मिशन वात्सल्य: 

  • ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: 
    • वर्ष 2009 से पूर्व: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तीन योजनाएँ लागू कीं: 
      • देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों एवं कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के लिये किशोर न्याय कार्यक्रम।
      • सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिये एकीकृत कार्यक्रम।
      • बाल गृहों की सहायता हेतु योजना।
    • वर्ष 2010: इन योजनाओं का विलय एकीकृत बाल संरक्षण योजना में कर दिया गया।
    • वर्ष 2017: बाल संरक्षण सेवा योजना का नाम परिवर्तित किया गया।
    • वर्ष 2021-22: मिशन वात्सल्य के रूप में पुनः प्रस्तुत किया गया।
  • परिचय: 
    • भारत में बाल संरक्षण सेवाओं के लिये अम्ब्रेला योजना।
    • इसका लक्ष्य देश के प्रत्येक बच्चे के लिये एक स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना है।
    • मिशन वात्सल्य के घटकों में शामिल हैं:
      • वैधानिक निकायों की कार्यप्रणाली में सुधार करना।
      • सेवा वितरण संरचनाओं को सुदृढ़ बनाना।
      • संस्थागत देखभाल और सेवाओं को उन्नत बनाना।
      • गैर-संस्थागत समुदाय-आधारित देखभाल को प्रोत्साहित करना।
      • आपातकालीन सेवाओं तक पहुँच प्रदान करना।
      • प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण
  • उद्देश्य: 
    • बच्चों द्वारा अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने तथा सभी क्षेत्रों में उनके फलने-फूलने का अवसर सुनिश्चित करना। 
    • बाल विकास के लिये एक संवेदनशील, सहायक एवं समन्वित पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना।
    • किशोर न्याय अधिनियम, 2015 को लागू करने में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता करना।
    • सतत् विकास लक्ष्य (SDG) को प्राप्त करना।
  • बच्चों के लिये गैर-संस्थागत देखभाल के प्रकार: 
    • आर्थिक संरक्षण:  
      • सरकारी सहायता प्राप्त आर्थिक संरक्षण: सरकारी निधि के माध्यम से प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता।
      • निजी सहायता प्राप्त आर्थिक संरक्षण: निजी स्रोतों या व्यक्तियों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता।
    • पालन-पोषण संबंधी देखभाल: 
      • बच्चे की देखभाल एवं पुनर्वास की ज़िम्मेदारी एक असंबंधित परिवार द्वारा ली जाती है।
      • बच्चे के पालन-पोषण के लिये पालक माता-पिता को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
    • दत्तक ग्रहण: 
      • ऐसे बच्चों के लिये उपयुक्त परिवार ढूँढना जो कानूनी रूप से गोद लेने के लिये स्वतंत्र हो।
      • केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) गोद लेने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है।
    • दत्तक ग्रहण पश्चात् देखभाल: 
      • 18 वर्ष की आयु होने पर बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 
      •  यह समर्थन उन्हें समाज में फिर से जुड़ने और आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है।
      • इस सहायता को 18 वर्ष से 21 वर्ष की आयु तक बढ़ाया जा सकता है, जिसे 23 वर्ष तक बढ़ाने की संभावना है। 

नोट: मिशन के तहत प्रदत्त आर्थिक संरक्षण और पालन-पोषण कार्यक्रम को लागू करने एवं निगरानी के लिये प्रत्येक ज़िले में एक SFCAC होगा।

बाल कल्याण समितियाँ:

  • ज़रूरतमंद बच्चों की सुरक्षा और देखभाल के लिये प्रत्येक ज़िले या ज़िलों के समूह में राज्य सरकारों द्वारा बाल कल्याण समितियों (CWC) का गठन किया जाता है। 
  • प्रत्येक CWC में एक अध्यक्ष और चार सदस्य होते हैं, जिनमें कम-से-कम एक महिला तथा बच्चों से संबंधित मामलों का एक विशेषज्ञ शामिल होता है।
  • किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत प्रत्येक ज़िले में कम-से-कम एक CWC की स्थापना करना अनिवार्य है। 
  • बाल कल्याण समिति (CWC) किशोर न्याय अधिनियम/नियमों में परिभाषित कार्यों और भूमिकाओं का पालन करती है।
  • यह समिति मजिस्ट्रेटों की एक पीठ के रूप में कार्य करती है और इसके पास बच्चों की देखभाल, सुरक्षा, उपचार, विकास और पुनर्वास से संबंधित मामलों का निपटान करने का अधिकार है।
  • मिशन वात्सल्य CWC की प्रभावी कार्यप्रणाली को स्थापित और सुनिश्चित करने के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बुनियादी ढाँचा एवं वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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