बेहतर पहुँच और सेवा उत्कृष्टता | 25 Oct 2022
प्रिलिम्स के लिये:सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), NPA, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक। मेन्स के लिये:बेहतर पहुँच और सेवा उत्कृष्टता |
चर्चा में क्यों?
बेहतर पहुँच और सेवा उत्कृष्टता (EASE) सुधारों के एक हिस्से के रूप में सरकार नए खंडों को जोड़कर अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिये क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) का लाभ उठाने की योजना बना रही है।
प्रमुख बिंदु:
- पहल तथा लक्ष्य केंद्र द्वारा किये जा रहे EASE सुधार कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।
- ग्रामीण बैंकों को फसल ऋण के अलावा ट्रैक्टर, छोटे उद्यमों, शिक्षा और आवास के लिये ऋण देने के साथ-साथ ग्रामीण समुदायों के लिये ऋण प्रदान करने के लिये कहा जाएगा।
- केंद्र सरकार शिक्षा ऋण के लिये गारंटी सीमा 7.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने के प्रस्ताव पर काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बैंक शिक्षा क्षेत्र को ऋण की सुविधा देना फिर से शुरू करें।
- सरकार की योजना RRB की लाभप्रदता में सुधार जारी रखने की है।
- कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान लगातार दो वर्षों के नुकसान के बाद RRB ने वित्त वर्ष 2011 में 1,682 करोड़ रुपए का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया, जिसमें से 43 RRBs में से 30 ने शुद्ध लाभ दर्ज किया।
महत्त्व:
- यह RRBs को अपने वृहत ग्रामीण नेटवर्क और स्थानीय समझ का लाभ उठाकर व्यवसाय का विस्तार करने में मदद करेगा तथा शिक्षा, आवास एवं सूक्ष्म व्यवसायों जैसे उद्देश्यों के लिये ग्रामीण उपभोक्ताओं तक ऋण की पहुँच में भी वृद्धि करेगा।
- RRB को छोटे उद्यमों, आवास और शिक्षा के लिये ऋण प्रदान करने हेतु निर्देश से इन क्षेत्रों के लिये ऋण प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
- RRB को अधिक प्रतिस्पर्द्धी और व्यवसाय के अनुकूल बनने की दिशा में निर्देशित किया जाएगा यानि उन्हें ग्राहक अनुकूल बनाने का एजेंडा सबसे प्राथमिक है।
- RRB के लिये EASE कार्यक्रम परिचालनों को डिजिटल बनाने और RRB को एक-दूसरे से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
EASE सुधार क्या है?
- इसे सरकार और PSB द्वारा संयुक्त रूप से जनवरी 2018 में लॉन्च किया गया था।
- यह इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की ओर से बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा तैयार किया गया।
- इसका उद्देश्य लाभप्रदता, परिसंपत्ति गुणवत्ता, ग्राहक सेवा और डिजिटल क्षमताओं में सुधार के लिये PSB में नए युग के सुधारों को बढ़ावा देना है।
- EASE सुधार एजेंडा के तहत विभिन्न चरण:
- EASE 1.0: EASE 1.0 रिपोर्ट ने पारदर्शी रूप से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के समाधान में PSB के प्रदर्शन में महत्त्वपूर्ण सुधार दिखाया।
- EASE 2.0: EASE 2.0 को EASE 1.0 की नींव पर बनाया गया था और सुधार प्रक्रिया को अपरिवर्तनीय बनाने, प्रणालियों को मजबूत करने तथा परिणामों को प्रभावित करने के लिये छह विषयों में नए सुधार कार्य बिंदु पेश किये गए, ये छह विषय हैं:
- ज़िम्मेदार बैंकिंग
- ग्राहक प्रतिक्रिया
- क्रेडिट ऑफ-टेक
- उद्यमी मित्र के रूप में PSB (MSME के क्रेडिट प्रबंधन के लिये SIDBI पोर्टल)
- वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण
- शासन और मानव संसाधन (HR)
- EASE 3.0: यह तकनीक का उपयोग करते हुए सभी ग्राहकों के लिये बैंकिंग को आसान बनाने का प्रयास करता है।
- डायल-ए-लोन और PSBloansin59minutes.com।
- फिनटेक और ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ साझेदारी,
- क्रेडिट@क्लिक करें,
- तकनीक-सक्षम कृषि ऋण,
- EASE बैंकिंग आउटलेट आदि।
- EASE 4.0: यह ग्राहक-केंद्रित डिजिटल परिवर्तन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये PSB को तकनीक-सक्षम, सरलीकृत और सहयोगी बैंकिंग के लिये प्रतिबद्ध करता है।
- इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख विषय प्रस्तावित किये गए:
- 24×7 बैंकिंग
- उत्तर-पूर्वी राज्यों पर फोकस
- बैड बैंक
- बैंकिंग क्षेत्र के बाह्य क्षेत्रों से धन का सृजन:
- फिनटेक क्षेत्र का लाभ उठाना
- EASE 5.0:
- बदलती उपभोक्ता अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये प्रतिस्पर्द्धी गतिशीलता और तकनीकी वातावरण को बदलने के लिये PSB अत्याधुनिक क्षमताओं में निवेश करते रहेंगे और जारी सुधारों को तेज़ करेंगे।
- यह छोटे व्यवसायों और कृषि का समर्थन करने पर ज़ोर देने के साथ डिजिटल ग्राहक अनुभव एवं एकीकृत तथा समावेशी बैंकिंग पर ध्यान केंद्रित करता है।
- ये पहलें विविध विषयों पर केंद्रित होंगी जैसे- व्यवसाय वृद्धि, लाभप्रदता, जोखिम, ग्राहक सेवा, संचालन व क्षमता निर्माण।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs):
- परिचय:
- RRBs वित्तीय संस्थान हैं जो कृषि और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों हेतु पर्याप्त ऋण सुनिश्चित करते हैं।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना नरसिंहम वर्किंग ग्रुप (1975) की सिफारिशों के आधार पर और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के विनियमन के बाद की गई थी।
- पहला क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक "प्रथम ग्रामीण बैंक" 2 अक्तूबर, 1975 को स्थापित किया गया था।
- RRBs को अपने कुल ऋण का 75% प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण के रूप में प्रदान करना आवश्यक है।
- हितधारक:
- एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की इक्विटी केंद्र सरकार, संबंधित राज्य सरकार और प्रायोजक बैंक के पास 50:15:35 के अनुपात में होती है।
- उद्देश्य:
- ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे और सीमांत किसानों, खेतिहर मज़दूरों, कारीगरों तथा छोटे उद्यमियों को ऋण एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
- शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण ज़माओं के बहिर्वाह को रोकना और क्षेत्रीय असंतुलन को कम करना तथा ग्रामीण रोज़गार सृजन में वृद्धि करना।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. भारत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)
उपर्युक्त में से किसे/किन्हें भारत में "वित्तीय समावेशन" प्राप्त करने के लिये उठाए गए कदमों के रूप में माना जा सकता है? (a) केवल 1 और 2 प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा/से संस्थान अनुदान/प्रत्यक्ष ऋण सहायता प्रदान करता/करते है/हैं? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
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