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भारतीय अर्थव्यवस्था

कोविड -19 के दौरान स्कूल बंद होने का आर्थिक प्रभाव

  • 28 May 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सकल घरेलू उत्पाद, एशियाई विकास बैंक। 

मेन्स के लिये:

भारतीय शिक्षा प्रणाली और अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 का प्रभाव। 

 चर्चा में क्यों?

एशियाई विकास बैंक (ADB) के एक शोधपत्र के अनुसार, कोविड-19 की वजह से स्कूलों के बंद होने के कारण दक्षिण एशिया में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सबसे अधिक गिरावट दिखने की संभावना है। 

  • स्कूल बंद होने से वैश्विक जीडीपी और रोज़गार में संकुचन देखा गया। यह स्थिति समय के साथ और विकराल होने की आशंका है। 
  • भारत उन देशों में शामिल है जहांँ कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे लंबे समय तक स्कूल बंद रहे। 

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: 

  • वैश्विक परिदृश्य:  
    • GDP पर प्रभाव: 
      • सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2024 में 0.19%, 2028 में 0.64% और 2030 में 1.11% की गिरावट का अनुमान लगाया गया है, जिसका कुल अनुमान 943 बिलियन डॉलर है। 
    • कुशल श्रम पर प्रभाव: 
      • स्कूल बंद होने से वर्ष 2030 तक दुनिया भर में लगभग 5.44 मिलियन लोगों के कुशल श्रम बल को रोज़गार से वंचित होना पड़ेगा। 
      • रोजगार के वर्ष 2024 में 0.05%, वर्ष 2026 में 0.25% और वर्ष 2030 में 0.75% तक घटने की संभावना है, जिससे कुल 94.86 बिलियन डॉलर की मज़दूरी का नुकसान होगा। 
    • अकुशल श्रम पर प्रभाव:  
      • रोज़गार वर्ष 2025 में 0.22%, वर्ष 2027 में 0.51% और वर्ष 2030 में 1.15% तक घटने का अनुमान है। 
      • वर्ष 2030 में लगभग 35.69 मिलियन लोग अकुशल श्रम-बल की ओर पलायन करेंगे, जो कि 121.54 बिलियन डॉलर की मज़दूरी का नुकसान होगा। 
  • विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं पर अलग-अलग प्रभाव: 
    • एशिया भर में सबसे बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी ग्रामीण छात्र आबादी के साथ-साथ सबसे गरीब और द्वितीय संपत्ति पंचमक/क्विंटाइल (Second Wealth Quintile) में शामिल हैं। यह इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के कारण है जिससे ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न हुई है। 
    • कई प्रभावित छात्रों का अकुशल श्रम-बल की ओर पलायन हुआ, जो अर्थव्यवस्थाएँ अकुशल श्रम रोज़गार की उच्च हिस्सेदारी रखती हैं उन्हें सीखने में नुकसान के साथ आय अर्जन में भी कमी का सामना करना पड़ा। 
  • भारतीय परिदृश्य: 
    • GDP पर प्रभाव: 
      • इसकी GDP में  प्रतिशत के संदर्भ में वर्ष 2023 में 0.34%, 2026 में 1.36% और 2030 में 3.19% कम होने की संभावना है। 
      • वर्ष 2030 तक 943 बिलियन डॉलर की वैश्विक GDP गिरावट में भारत का  हिस्सा 10% होने का अनुमान है। 
    • श्रम पर प्रभाव: 
      • वर्तमान में भारत के कार्यबल में 408.4 मिलियन अकुशल और 72.65 मिलियन कुशल श्रम-बल शामिल हैं। 
      • कुशल और अकुशल श्रम रोज़गार में क्रमशः 1% और 2% की गिरावट के साथ अकुशल कार्यबल की ओर एक महत्त्वपूर्ण प्रवासन की संभावना है। 

सकल घरेलू उत्पाद के बारे में: 

  • GDP किसी देश में आर्थिक गतिविधि का एक पैमाना है। यह किसी देश के वस्तु और सेवाओं के वार्षिक उत्पादन का कुल मूल्य है। यह उपभोक्ताओं की ओर से आर्थिक उत्पादन का विवरण प्रदान करता है। 
  • GDP = निजी उपभोग + सकल निवेश + सरकारी निवेश + सरकारी खर्च + (निर्यात-आयात) 

एशियाई विकास बैंक: 

  • एशियाई विकास बैंक (ADB) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है। इसकी स्थापना 19 दिसंबर, 1966 को हुई थी। 
  • ADB में कुल 68 सदस्य शामिल हैं, भारत ADB का एक संस्थापक सदस्य है। 
  • इसका उद्देश्य एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सामाजिक व आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। 
  • 31 दिसंबर, 2019 तक ADB के पाँच सबसे बड़े शेयरधारकों में जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका (प्रत्येक कुल शेयरों के 15.6% के साथ), पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (6.4%), भारत (6.3%) और ऑस्ट्रेलिया (5.8%) शामिल हैं। 
  • ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है। 

आगे की राह 

  • भारत सरकार मौद्रिक सहजता, राजकोषीय प्रोत्साहन और सहायक वित्तीय विनियमन जैसे प्रयासों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है। हाल ही में इसने ई-श्रम पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। हालाँकि महामारी के दौरान सीखने के नुकसान के प्रभाव का सामना करने के लिये डिजिटल विभाजन को कम करने पर ज़ोर देने के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में उच्च निवेश की आवश्यकता है। 
  • महामारी से प्रभावित छात्रों का आकलन कर उनके सीखने की प्रक्रिया का समर्थन किया जा सकता है। 
  • बजट में सरकार को शिक्षा पर खर्च को प्राथमिकता देनी चाहिये। पर्याप्त धन और संसाधनों के वितरण में ग्रामीण, आर्थिक रूप से कमज़ोर और सामाजिक रूप से वंचित समूहों के उन छात्रों को प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिये जो महामारी से सबसे अधिक प्रभावित रहे। 
  • इसके अतिरिक्त विद्यालयों से उत्तीर्ण होने से पूर्व युवाओं के लिये युवा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये जाने चाहिये। 
  • शैक्षिक सुधारों के प्रत्यक्ष प्रयासों के साथ-साथ दूरस्थ शिक्षा को भी बढ़ावा देना चाहिये। 

स्रोत: द हिंदू 

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