अंतरिक्ष क्षेत्र के लिये आसान FDI नीति | 27 Feb 2024
प्रिलिम्स के लिये:प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023, आदित्य L1, चंद्रयान-3, मार्स ऑर्बिटर मिशन, भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र, FDI से संबंधित हालिया रुझान मेन्स के लिये:अंतरिक्ष क्षेत्र, भारत में FDI निषिद्ध क्षेत्रों से संबंधित FDI- नीति में प्रमुख संशोधन |
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष उद्योग से संबंधित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में संशोधन को मंज़ूरी दी।
- यह विकास भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 के अनुरूप है, जो संवर्द्धित निजी भागीदारी के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में देश के सामर्थ्य का विस्तार करने का प्रयास करती है।
अंतरिक्ष क्षेत्र के लिये FDI नीति में हालिया संशोधन क्या हैं?
- 100% FDI की अनुमति: संशोधित नीति के तहत, अंतरिक्ष क्षेत्र में 100% FDI की अनुमति है, जिसका उद्देश्य संभावित निवेशकों को भारतीय अंतरिक्ष कंपनियों में आकर्षित करना है।
- उदारीकृत प्रवेश मार्ग: विभिन्न अंतरिक्ष गतिविधियों के लिये प्रवेश मार्ग इस प्रकार हैं:
- स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 74% तक: उपग्रह-विनिर्माण और प्रचालन, सैटेलाइट डेटा उत्पाद तथा ग्राउंड सेगमेंट तथा यूज़र सेगमेंट।
- 74% के बाद ये गतिविधियाँ सरकारी मार्ग के अंतर्गत आती हैं।
- स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 49% तक: प्रक्षेपण यान और संबंधित प्रणालियाँ या उपप्रणालियाँ, अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित करने तथा रिसीव करने के लिये स्पेसपोर्ट का निर्माण।
- 49% के बाद ये गतिविधियाँ सरकारी मार्ग के अंतर्गत आती हैं।
- स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 100% तक: उपग्रहों, ग्राउंड सेगमेंट और यूज़र सेगमेंट के लिये घटकों (पार्ट-पुर्ज़ों) तथा प्रणालियों/उप-प्रणालियों का विनिर्माण।
- स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 74% तक: उपग्रह-विनिर्माण और प्रचालन, सैटेलाइट डेटा उत्पाद तथा ग्राउंड सेगमेंट तथा यूज़र सेगमेंट।
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रमुख विकास क्या हैं?
- परिचय:
- वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 2-3% (यूएस: 40%, यूके: 7%) है और साथ ही यह भी आशा है कि वर्ष 2030 तक इसकी हिस्सेदारी 10% से अधिक हो जाएगी।
- इसरो, विश्व की छह सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है।
- वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 2-3% (यूएस: 40%, यूके: 7%) है और साथ ही यह भी आशा है कि वर्ष 2030 तक इसकी हिस्सेदारी 10% से अधिक हो जाएगी।
- हाल के प्रमुख सफल मिशन:
- प्रक्षेपण यानों में प्रगति:
- अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के लिये मिशन
- अन्य प्रमुख विकास:
भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- इसरो की भूमिका में परिवर्तन: इसरो परिचालन अंतरिक्ष प्रणालियों के निर्माण से बाहर निकलकर उन्नत प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- निजी सहभागिता प्रोत्साहन:
- गैर-सरकारी संस्थाओं (NGE) को स्व-स्वामित्व वाली, खरीदी गई अथवा पट्टे पर ली गई उपग्रह प्रणालियों के माध्यम से राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष आधारित संचार सेवाएँ प्रदान करने की अनुमति है।
- NGE को लॉन्च वाहनों, शटल सहित अंतरिक्ष परिवहन प्रणालियों का निर्माण एवं संचालन करने के साथ-साथ अंतरिक्ष परिवहन के लिये पुनर्प्रयोज्य, पुनर्प्राप्ति योग्य तथा पुनर्विन्यास करने योग्य प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को विकसित करने के लिये प्रोत्साहित किया गया।
- NGE को क्षुद्रग्रह संसाधनों अथवा अंतरिक्ष संसाधनों की व्यावसायिक पुनर्प्राप्ति में संलग्न होने की अनुमति दी गई।
- लागू कानूनों के अनुसार प्राप्त संसाधनों के साथ-साथ स्वामित्व रखने, परिवहन एवं उपयोग करने तथा विक्रय करने का हकदार है।
- उद्योग सहयोग तथा व्यावसायीकरण: भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र को स्वायत्त रूप से अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, मार्गदर्शन करने तथा अधिकृत करने का अधिकार प्राप्त है।
- न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड विभिन्न कार्य करता है जिनमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और प्लेटफाॅर्मों का व्यावसायीकरण, अंतरिक्ष घटकों का निर्माण करना, उनकी लीज़िंग अथवा खरीद करना तथा अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं का विपणन शामिल है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश क्या है?
- परिचय: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) का आशय किसी विदेशी इकाई द्वारा दूसरे देश में किसी व्यवसाय अथवा निगम में किये गए निवेश से है।
- FDI इक्विटी (सामान्य शेयर) उपकरणों के रूप में हो सकता है अथवा यह किसी व्यवसाय में स्वामित्व हिस्सेदारी के नियंत्रण के रूप में हो सकता है।
- भारत में FDI:
- गैर भारतीय निवासी द्वारा भारत में किये गए निवेश को FDI कहा जाता है। यह निम्नलिखित रूप में हो सकता है:
- एक असूचीबद्ध भारतीय कंपनी में निवेश।
- किसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की पोस्ट-इश्यू पेड-अप इक्विटी पूंजी के 10% अथवा उससे अधिक में निवेश।
- वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में कुल FDI अंतर्वाह 70.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार वर्ष 2022-23 में भारत की FDI में सबसे अधिक योगदान संयुक्त राज्य अमेरिका का था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद सबसे अधिक निवेश मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम और सिंगापुर का था।
- इसके अतिरिक्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में FDI का बाज़ार मूल्य रुपए के संदर्भ में 6.9% बढ़ गया जिसका मुख्य कारण गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में FDI में हुई वृद्धि थी।
- गैर भारतीय निवासी द्वारा भारत में किये गए निवेश को FDI कहा जाता है। यह निम्नलिखित रूप में हो सकता है:
- भारत में FDI हेतु मार्ग:
- स्वचालित मार्ग/व्यवस्था: स्वचालित मार्ग के तहत अनिवासी निवेशक अथवा भारतीय कंपनी में निवेश के लिये भारत सरकार से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
- सरकारी मार्ग: इसके अंतर्गत निवेश से पहले भारत सरकार से मंज़ूरी प्राप्त करना आवश्यक होता है।
- इस मार्ग के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्तावों पर संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग द्वारा विचार किया जाता है।
- भारत में FDI निषिद्ध क्षेत्र:
- द्यूत और सट्टेबाज़ी
- चिट फंड
- निधि कंपनी
- अंतरणीय विकास अधिकार (TDR) में व्यापार
- रियल एस्टेट बिज़नेस
- तंबाकू उत्पादों का विनिर्माण
- निजी क्षेत्र के निवेश के लिये खुले नहीं क्षेत्र: इसमें परमाणु ऊर्जा और रेलवे परिचालन (समेकित FDI नीति के तहत अनुमत गतिविधियों को छोड़कर) शामिल हैं।
- लॉटरी व्यवसाय: इसमें सरकारी या निजी लॉटरी और ऑनलाइन लॉटरी शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त में से किसे/किन्हें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में सम्मिलित किया जा सकता है/किये जा सकते हैं? (a) 1, 2 और 3 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की क्या योजना है और इससे हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम को क्या लाभ होगा? (2019) प्रश्न. अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर चर्चा कीजिये। इस तकनीक के अनुप्रयोग ने भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायता की? (2016) |