ऑनलाइन गेमिंग हेतु नियमों का मसौदा | 03 Jan 2023
प्रिलिम्स के लिये:सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021, ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र। मेन्स के लिये:ऑनलाइन गेमिंग हेतु नियमों का मसौदा। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने ऑनलाइन गेमिंग के लिये नियमों का मसौदा जारी किया है।
- प्रस्तावित नियमों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 में संशोधन के रूप में पेश किया गया है।
नियमों का मसौदा:
- स्व-नियामक निकाय:
- ऑनलाइन खेलों को एक स्व-नियामक निकाय के साथ पंजीकृत करना होगा और निकाय द्वारा मात्र स्वीकृत खेलों को ही भारत में कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति प्राप्त होगी।
- स्व-नियामक निकाय में ऑनलाइन गेमिंग, सार्वजनिक नीति, सूचना प्रौद्योगिकी, मनोविज्ञान और चिकित्सा सहित विविध क्षेत्रों के पाँच सदस्यों का एक निदेशक मंडल होगा।
- स्व-नियामक निकाय की संख्या एक या उससे अधिक हो सकती है और उन सभी को पंजीकरण के मानदंडों का विवरण देने वाली एक रिपोर्ट के साथ केंद्र को उन खेलों के बारे में सूचित करना होगा जिन्हें उन्होंने पंजीकृत किया है।
- ऑनलाइन खेलों को एक स्व-नियामक निकाय के साथ पंजीकृत करना होगा और निकाय द्वारा मात्र स्वीकृत खेलों को ही भारत में कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति प्राप्त होगी।
- अतिरिक्त सावधानी:
- ऑनलाइन गेमिंग फर्मों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी, जिसमें उपयोगकर्त्ताओं के KYC, पारदर्शी निकासी (Transparent Withdrawal) और पैसे की वापसी तथा खेल संबंधी उचित वितरण शामिल है।
- KYC के लिये उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित संस्थाओं हेतु निर्धारित मानदंडों का पालन करना होगा।
- रैंडम नंबर जनरेशन सर्टिफिकेट:
- गेमिंग कंपनियों को एक रैंडम नंबर जनरेशन सर्टिफिकेट भी सुरक्षित करना होगा, जो आमतौर पर उन प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग किया जाता है जो यह सुनिश्चित करने के लिये कार्ड गेम की पेशकश करते हैं कि गेम आउटपुट सांख्यिकीय रूप से यादृच्छिक और अप्रत्याशित हैं।
- उन्हें एक प्रतिष्ठित प्रमाणित निकाय से "नो बॉट सर्टिफिकेट" भी प्राप्त करना होगा।
- सट्टेबाज़ी पर प्रतिबंध:
- ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को खेलों के परिणाम पर सट्टेबाज़ी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- अनुपालन:
- सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को भी एक अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना होगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि प्लेटफॉर्म मानदंडों का पालन कर रहा है, एक नोडल अधिकारी जो सरकार के साथ संपर्क अधिकारी के रूप में कार्य करेगा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करेगा तथा एक शिकायत अधिकारी जो उपयोगकर्त्ता की शिकायतों का समाधान करेगा।
नियम की आवश्यकता:
- भारत में लगभग 40 से 45% गेमर्स महिलाएँ हैं और इसलिये गेमिंग इकोसिस्टम को सुरक्षित रखना और भी महत्त्वपूर्ण था।
- यह ऑनलाइन गेमिंग के लिये व्यापक विनियमन हेतु पहला कदम माना जाता है और राज्य-वार विनियामक अंतर को कम करेगा जो उद्योग के लिये एक बड़ी चुनौती थी।
- भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का राजस्व वर्ष 2025 में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
- यह उद्योग वर्ष 2017-2020 के बीच भारत में 38% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound Annual Growth Rate- CAGR) से बढ़ा, जबकि चीन में यह 8% और अमेरिका में 10% था।
- VC फर्म सिकोइया और प्रबंधन परामर्श कंपनी BCG की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 तक राजस्व में 153 अरब रुपए तक पहुँचने के लिये 15% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।