शासन व्यवस्था
राष्ट्रीय वायु खेल नीति मसौदा
- 03 Jan 2022
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत में खेल से संबंधित पहलें, ASFI और FAI के विषय में। मेन्स के लिये:भारत में खेल विकास नीतियाँ, राष्ट्रीय वायु खेल नीति का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय वायु खेल नीति मसौदा (NASP) जारी किया है, जिसके तहत संबंधित सेवाओं और उनके उपकरणों को प्रदान करने वाली संस्थाओं को पंजीकृत करने की आवश्यकता होगी और ऐसा नहीं होने पर दंड का भी प्रावधान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय
- नीति में देश में हवाई खेलों के लिये दो स्तरीय शासन संरचना का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें ‘एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (ASFI) नामक एक शीर्ष शासी निकाय और प्रत्येक हवाई खेल के लिये विशिष्ट संघ शामिल होंगे।
- ‘एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय होगा और लॉज़ेन स्थित (स्विट्ज़रलैंड) ‘फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनल (FAI) तथा हवाई खेलों से संबंधित अन्य वैश्विक प्लेटफार्मों में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।
- यह हवाई खेलों के विभिन्न पहलुओं का विनियमन करेगा, जिसमें प्रमाणन, प्रतियोगिताएँ आयोजित करना, पुरस्कार और दंड आदि शामिल हैं।
- प्रत्येक हवाई खेल संघ उपकरण, बुनियादी अवसंरचना, कर्मियों और प्रशिक्षण हेतु अपने सुरक्षा मानकों का निर्धारण करेगा तथा गैर-अनुपालन के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई को निर्दिष्ट करेगा। ऐसा करने में असमर्थ होने पर ASFI द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
- यह प्रस्तावित है कि देश में लोकप्रिय हवाई खेल क्षेत्रों जैसे हिमाचल प्रदेश में बीर बिलिंग, सिक्किम में गंगटोक, महाराष्ट्र में हडपसर और केरल में वागामोन को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु हवाई खेलों के लिये एक ‘नियंत्रण क्षेत्र’ घोषित किया जा सकता है।
- नीति में देश में हवाई खेलों के लिये दो स्तरीय शासन संरचना का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें ‘एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (ASFI) नामक एक शीर्ष शासी निकाय और प्रत्येक हवाई खेल के लिये विशिष्ट संघ शामिल होंगे।
- शामिल गतिविधियांँ:
- इसमें एरोबेटिक्स, एरोमॉडलिंग, प्रायोगिक विमान, बैलूनिंग, ड्रोन, ग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग, पैराग्लाइडिंग, माइक्रोलाइटिंग, पैरामोटरिंग, स्काईडाइविंग और विंटेज एयरक्राफ्ट जैसी गतिविधियां शामिल होंगी।
- उद्देश्य:
- इस नीति का दृष्टिकोण वर्ष 2030 तक भारत को शीर्ष एयर स्पोर्ट्स (Air Sports) राष्ट्रों में से एक बनाना है।
- यह देश के एयर स्पोर्ट्स क्षेत्र को सुरक्षित, किफायती, सुलभ और टिकाऊ बनाकर इसे बढ़ावा देने की परिकल्पना करता है।
- नीति एयर स्पोर्ट्स के लिये भारत की क्षमता का लाभ उठाने का प्रयास करती है और सुरक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम उपायों को सुनिश्चित करने पर मज़बूती से ध्यान केंद्रित करती है।
- इसका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू डिज़ाइन, विकास और एयर स्पोर्ट्स उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देना है। कुछ वर्षों के लिये उपकरणों पर आयात शुल्क माफ करना, साथ ही जीएसटी परिषद से एयर स्पोर्ट्स उपकरणों पर जीएसटी दर को 5% या उससे कम करने पर विचार करने का अनुरोध करना है।
- महत्त्व:
- स्कूलों और कॉलेजों को अपने पाठ्यक्रम में हवाई खेलों को शामिल करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे छात्रों को एफएआई की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
- भारत में एयर स्पोर्ट्स की दुनिया में अग्रणी देशों में शामिल होने की क्षमता हैक्योकि यहाँ एक बड़ा भौगोलिक क्षेत्र, विविध स्थलाकृति और उचित मौसम की स्थिति विद्यमान है।
- इसकी एक बड़ी आबादी में युवा शामिल हैं। इसमें साहसिक खेलों और विमानन को बढ़ावा दिया गया है।
- हवाई खेल गतिविधियों से प्रत्यक्ष राजस्व के अलावा, विशेष रूप से देश के पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा, पर्यटन, बुनियादी ढाँचे और स्थानीय रोज़गार विकास के मामले में लाभ कई गुना अधिक हो सकता है।
- देश भर में एयर स्पोर्ट्स हब बनाने से दुनिया भर से एयर स्पोर्ट्स प्रोफेशनल और पर्यटक भी यहाँ आएंगे।
खेल विकास के लिये सरकार की पहल
- खेलो इंडिया योजना।
- राष्ट्रीय खेल विकास कोष।
- राष्ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता (NSTC) योजना।
- भारतीय खेल प्राधिकरण प्रशिक्षण केंद्र योजना (एसटीसी)।
- विशेष क्षेत्र खेल (एसएजी) योजना।
- टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स)
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स