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भारतीय अर्थव्यवस्था

दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा

  • 26 Nov 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये 

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा

मेन्स के लिये 

आर्थिक विकास में औद्योगिक गलियारों की भूमिका 

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार ने राज्य में विकास और रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिये दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) के साथ दो विशेष क्षेत्रों को विकसित करने की योजना बनाई है। 

प्रमुख बिंदु

  • पृष्ठभूमि
    • भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अलग-अलग औद्योगिक गलियारे परियोजनाओं को विकसित किया जा रहा है।
    • सरकार के इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में ऐसे औद्योगिक शहरों का विकास करना है, जो कि भविष्य में विश्व के सबसे अच्छे विनिर्माण और निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्द्धा करने में सक्षम होंगे, और ये देश की प्रगति में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।
      • इन औद्योगिक गलियारों से रोज़गार के अवसरों और आर्थिक विकास में बढ़ोतरी होगी, जिससे अंततः भारत के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
    • इस कार्यक्रम के लिये कुल स्वीकृत राशि तकरीबन 20,084 करोड़ रुपए है। कार्यक्रम के तहत 11 औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं को शुरू किया गया है, और इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024-25 तक चार चरणों में कुल 30 परियोजनाओं को विकसित किया जाएगा।
    • विकास और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में मौजूद सभी औद्योगिक गलियारों के समन्वित और एकीकृत विकास के लिये राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य कर रहा है।
  • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC)
    • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC) भारत सरकार द्वारा घोषित पहली औद्योगिक गलियारा विकास परियोजना है।
    • इस विकास परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा विकास निगम (DMICDC), को वर्ष 2008 में निगमित किया गया था।
      • हालाँकि वर्ष 2016 में भारत भर के अन्य औद्योगिक गलियारों को भी DMICDC के दायरे में शामिल कर दिया गया और DMICDC का नाम बदलकर राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) कर दिया गया।
    • इस परियोजना का उद्देश्य तीव्र गति और कनेक्टिविटी का लाभ उठाते हुए स्मार्ट और सतत् औद्योगिक शहरों का निर्माण करना है, ताकि लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके।
      • ये सभी औद्योगिक शहर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों जैसे राज्यों में होंगे।
    • यह पहली बार है जब भारत ने प्रमुख आर्थिक चालक के रूप में विनिर्माण के साथ नियोजित शहरीकरण की प्रक्रिया को अपनाया है।
      • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) का लक्ष्य स्थानीय वाणिज्य और विदेशी निवेश को बढ़ाने तथा सतत् विकास प्राप्त करने के लिये विश्व-स्तरीय प्रतिस्पर्द्धी औद्योगिक वातावरण और अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ एक मज़बूत आर्थिक आधार तैयार करना है।

क्या होता है औद्योगिक गलियारा?

  • एक अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं और औद्योगिक गलियारे, इस परस्पर-निर्भरता को पहचानते हुए उद्योग और बुनियादी ढाँचे के बीच प्रभावी एकीकरण प्रदान करते हैं, जिससे समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास होता है।
  • औद्योगिक गलियारा मूल रूप से मल्टी-मॉडल परिवहन सेवाओं से युक्त गलियारा होता है, जो कि विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए दो विशिष्ट स्थानों को जोड़ता है।

स्रोत: द हिंदू

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