भारतीय अर्थव्यवस्था
डिजिटल भुगतान सूचकांक: RBI
- 02 Jan 2021
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) द्वारा देश में डिजिटल/कैशलेस भुगतान की स्थिति के अध्ययन के लिये एक समग्र डिजिटल भुगतान सूचकांक (Digital Payments Index-DPI) जारी किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
सूचकांक के बारे में:
- RBI द्वारा DPI के मापन में 5 व्यापक पैरामीटर्स को शामिल किया गया है जो देश में विभिन्न समयावधि में हुए डिजिटल भुगतान का गहन अध्ययन करने में सक्षम हैं।
- 5 व्यापक पैरामीटर्स:
- भुगतान एनेबलर्स (वज़न 25%)
- भुगतान अवसंरचना - मांग पक्ष कारक (10%)
- भुगतान अवसंरचना - आपूर्ति पक्ष कारक (15%)
- भुगतान प्रदर्शन (45%)
- उपभोक्ता केंद्रित (5%)।
- इसका निर्माण मार्च 2018 में आधार अवधि के रूप में किया गया है, अर्थात मार्च 2018 के लिये DPI स्कोर 100 निर्धारित किया गया है।
- इसे मार्च 2021 से 4 माह के अंतराल के साथ आरबीआई की वेबसाइट पर अर्द्ध-वार्षिक आधार पर प्रकाशित किया जाएगा।
वर्ष 2019 तथा वर्ष 2020 के लिये सूचकांक मूल्य:
- मार्च 2019 और मार्च 2020 के लिये DPI क्रमशः 153.47 और 207.84 रहा जो प्रशंसनीय वृद्धि का संकेत देता है।
डिजिटल भुगतान परिदृश्य:
- डेटा विश्लेषण:
- विश्वव्यापी भारत डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (Q2) के दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface- UPI) भुगतानों की मात्रा में 82% की वृद्धि तथा कुल कीमतों (Value) में 99% की वृद्धि दर्ज की गई जो पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में अधिक है।
- दूसरी तिमाही में 19 बैंक UPI प्रणाली में शामिल हो गए, जिससे सितंबर 2020 तक UPI सेवा प्रदान करने वाले बैंकों की कुल संख्या 174 हो गई,जबकि BHIM एप द्वारा 146 बैंकों के ग्राहकों को सेवा उपलब्ध कराई जा रही थी।
- वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में मर्चेंट एक्वाइरिंग बैंकों द्वारा तैनात किये गए पॉइंट ऑफ सेल (PoS) टर्मिनल की संख्या 51.8 लाख से अधिक थी, जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
- मर्चेंट एक्वाइरिंग बैंक वे बैंक होते हैं, जो एक व्यापारी/मर्चेंट की ओर से भुगतान को संसाधित करते हैं।
- वर्ष 2018 में अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (BIS) द्वारा भारत को उन 24 देशों में सातवाँ स्थान दिया गया था, जहाँ संस्थान द्वारा डिजिटल भुगतान को ट्रैक किया जाता है।
- हाल की पहलें
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने हाल ही में व्हाट्सएप को क्रमबद्ध तरीके से अधिकतम 20 मिलियन पंजीकृत उपयोगकर्त्ताओं के साथ ऑनलाइन भुगतान सेवा प्रदान करने को मंज़ूरी प्रदान की थी।
- साथ ही NPCI ने ‘थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर’ (TPA) द्वारा संसाधित एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) लेन-देन की कुल मात्रा पर 30 प्रतिशत कैप लगाई है, जिसे जनवरी 2021 से लागू किया गया है।
- टियर-III से टियर-VI शहरों तथा पूर्वोत्तर राज्यों में अधिग्राहकों को पॉइंट ऑफ सेल (Point of Sale-PoS) से संबंधित अवसंरचना स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये रिज़र्व बैंक ने भुगतान अवसंरचना विकास कोष (PIDF) का गठन किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित अन्य सर्वेक्षण/रिपोर्ट्स
- उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (CCC- त्रैमासिक)
- परिवार संबंधी मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (IES- त्रैमासिक)
- वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (अर्द्ध-वार्षिक)
- मौद्रिक नीति रिपोर्ट (अर्द्ध-वार्षिक)
- विदेशी मुद्रा भंडार की प्रबंधन रिपोर्ट (अर्द्ध-वार्षिक)