भारतीय अर्थव्यवस्था
डिजिटल मुद्रा
- 12 Aug 2022
- 13 min read
प्रिलिम्स के लिये:संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास निकाय (UNCTAD), डिजिटल मुद्रा, बिटकॉइन, एथेरियम, ब्लॉकचैन, सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राएँ, आभासी मुद्राएँ। मेन्स के लिये:डिजिटल मुद्राओं का महत्त्व और चुनौतियाांँ। |
चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास निकाय (UNCTAD) के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2021 में सात प्रतिशत से अधिक भारतीयों के पास क्रिप्टोकरेंसी के रूप में डिजिटल मुद्रा थी।
- साथ ही जनसंख्या के हिस्से के रूप में डिजिटल मुद्रा स्वामित्व के लिये शीर्ष 20 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में भारत सातवें स्थान पर था।
अध्ययन की अन्य मुख्य विशेषताएँ:
- विकासशील देश शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं में से 15 के लिये ज़िम्मेदार है, जिनकी आबादी क्रिप्टोकरेंसी में भागीदारी रखती हैं।
- यूक्रेन इस सूची में सबसे ऊपर है जिसके बाद रूस, वेनेज़ुएला, सिंगापुर, केन्या और अमेरिका का स्थान है।
- विकासशील देशों सहित कोविड -19 महामारी के दौरान क्रिप्टोकरेंसी का वैश्विक उपयोग तेज़ी से बढ़ा है।
अध्ययन में शामिल किये गये मुद्दे:
- अस्थिर वित्तीय संपत्ति:
- निजी डिजिटल मुद्राओं ने कुछ को पुरस्कृत किया है और प्रेषण की सुविधा दी है, लेकिन वे एक अस्थिर वित्तीय संपत्ति हैं जो सामाजिक जोखिम और लागत भी ला सकती हैं।
- अनियंत्रित:
- चूँकि इन डिजिटल मुद्राओं को विनियमित नहीं किया जाता है, विकासशील देशों में उनकी मांग में तेज़ी से वृद्धि हुई है क्योंकि यह प्रेषण की सुविधा में मदद करता है और मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में कार्य करता है।
- अस्थिर प्रणाली:
- बाज़ार में हालिया डिजिटल मुद्रा की समस्या से पता चलता है कि क्रिप्टोकरेंसी रखना निजी जोखिम हैं, लेकिन अगर केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता की रक्षा के लिये कदम उठाता है, तो यह समस्या सार्वजनिक हो जाती है।
- मौद्रिक संप्रभुता को खतरा:
- यदि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान का एक व्यापक साधन बन जाती है और यहाँ तक कि घरेलू मुद्राओं को अनौपचारिक रूप से बदल देती है (एक प्रक्रिया जिसे क्रिप्टोकरण कहा जाता है), तो यह देशों की मौद्रिक संप्रभुता को खतरे में डाल सकता है।
- घरेलू नीतियों पर प्रतिकूल प्रभाव:
- विकासशील देशों में क्रिप्टोकरेंसी घरेलू संसाधन जुटाने की गतिविधि को धीमा कर सकती है।
अध्ययन द्वारा रेखांकित सुझाव:
- सरकार को प्रेषण की सुविधा प्रदान करनी चाहिये, क्योंकि इसके अवैध प्रवाह के माध्यम से कर अपवंचन और परिहार को बढ़ावा मिल सकता है।
- अध्ययन ने अधिकारियों से विकासशील देशों में क्रिप्टोकरेंसी के विस्तार को रोकने के लिये कदम उठाने का आग्रह किया, जिसमें क्रिप्टो एक्सचेंजों, डिजिटल वॉलेट और विकेंद्रीकृत वित्त को विनियमित करके क्रिप्टोकरेंसी के व्यापक वित्तीय विनियमन को सुनिश्चित करना और विनियमित वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी (स्थिर स्टॉक सहित) रखने या ग्राहकों को संबंधित उत्पादों की पेशकश करने से रोकना शामिल है।
- इसने अन्य उच्च जोखिम वाली वित्तीय परिसंपत्तियों की तरह डिजिटल मुद्राओं से संबंधित विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया।
- इसके अलावा एक सुरक्षित, विश्वसनीय और लागत प्रभावी सार्वजनिक भुगतान प्रणाली प्रदान करना जो डिजिटल युग के लिये उपयुक्त हो; डिजिटल मुद्रा कर उपायों, विनियमों और सूचना साझाकरण पर वैश्विक कर सामंजस्य को लागू कर डिजिटल मुद्राओं की विकेंद्रीकृत प्रकृति, सीमाहीन और छद्म नाम की विशेषताओं को समायोजित करने के लिये पूंजी नियंत्रण को नया स्वरूप प्रदान किया जाना चाहिये।
डिजिटल मुद्रा:
- परिचय:
- यह एक भुगतान विधि है जो केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में मौजूद है और मूर्त नहीं है।
- इसे कंप्यूटर, स्मार्टफोन और इंटरनेट जैसी तकनीक की मदद से संस्थाओं या उपयोगकर्त्ताओं के बीच स्थानांतरित किया जा सकता है।
- यद्यपि यह भौतिक मुद्राओं के समान है, डिजिटल मुद्रा स्वामित्व के सीमाहीन हस्तांतरण के साथ-साथ तात्कालिक लेनदेन की अनुमति देती है।
- डिजिटल करेंसी को डिजिटल मनी और साइबर कैश के नाम से भी जाना जाता है।
- जबकि भौतिक मुद्राएँ, जैसे कि बैंक नोट और ढाले हुए सिक्के मूर्त हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी निश्चित भौतिक विशेषताएँ और प्रकार्य हैं।
- विशेषताएँ:
- डिजिटल मुद्राओं को केंद्रीकृत या विकेंद्रीकृत किया जा सकता है।
- फिएट मुद्रा, यह भौतिक रूप में मौजूद होती है, जो एक केंद्रीय बैंक और सरकारी एजेंसियों द्वारा उत्पादन और वितरण की एक केंद्रीकृत प्रणाली है।
- प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी, जैसे कि- बिटकॉइन और एथेरियम, विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा प्रणाली के उदाहरण हैं।
- फिएट मुद्रा, यह भौतिक रूप में मौजूद होती है, जो एक केंद्रीय बैंक और सरकारी एजेंसियों द्वारा उत्पादन और वितरण की एक केंद्रीकृत प्रणाली है।
- डिजिटल मुद्राओं को केंद्रीकृत या विकेंद्रीकृत किया जा सकता है।
- प्रकार: इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की मुद्राएँ मौजूद हैं। मोटे तौर पर, तीन अलग-अलग प्रकार की मुद्राएँ हैं:
क्रिप्टोकरेंसी:
- क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्राएँ हैं जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित और सत्यापित करने हेतु क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती हैं।
- क्रिप्टोग्राफी का उपयोग ऐसी मुद्राओं के निर्माण को प्रबंधित और नियंत्रित करने के लिये भी किया जाता है।
- बिटकॉइन और एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण हैं।
- क्रिप्टोग्राफी का उपयोग ऐसी मुद्राओं के निर्माण को प्रबंधित और नियंत्रित करने के लिये भी किया जाता है।
आभासी मुद्राएँ (Virtual Currencies):
- आभासी मुद्राएँ डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर संस्थापक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल मुद्राएँ हैं।
- आभासी मुद्राओं को परिभाषित नेटवर्क प्रोटोकॉल द्वारा एल्गोरिथम रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।
- आभासी मुद्रा का उदाहरण गेमिंग नेटवर्क टोकन है जिसका अर्थशास्त्र डेवलपर्स द्वारा परिभाषित और नियंत्रित किया जाता है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राएँ:
- केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएँ (CBDC) किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई विनियमित डिजिटल मुद्राएँ हैं।
- CBDC पारंपरिक फिएट मुद्रा का पूरक या प्रतिस्थापन हो सकता है।
- फिएट मुद्रा के विपरीत (जो भौतिक और डिजिटल दोनों रूपों में मौजूद है) CBDC विशुद्ध रूप से डिजिटल रूप में मौजूद है।
- इंग्लैंड, स्वीडन और उरुग्वे कुछ ऐसे देश हैं जो अपनी मूल फिएट मुद्राओं का डिजिटल संस्करण लॉन्च करने की योजना पर विचार कर रहे हैं।
डिजिटल मुद्रा | आभासी मुद्रा | क्रिप्टोकरेंसी |
विनियमित या अनियमित मुद्रा जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है। | एक अनियमित डिजिटल मुद्रा जो उसके विकासकर्त्ता/विकासकर्त्ताओं, उसके संस्थापक संगठन, या उसके परिभाषित नेटवर्क प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित होती है। | एक आभासी मुद्रा जो लेनदेन को सुरक्षित और सत्यापित करने के साथ-साथ नई मुद्रा इकाइयों के निर्माण को प्रबंधित एवं नियंत्रित करने हेतु क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। |
- लाभ:
- इसका तेज़ी से आहरण किया जा सकता है,
- साथ ही भौतिक निर्माण की आवश्यकता नहीं है अतः लागत बचाता है।
- इसके अलावा मौद्रिक और राजकोषीय नीति के कार्यान्वयन में आसानी एवं लेनदेन की लागत को सस्ता बनाते हैं।
- हानि:
- हैकिंग के लिये अतिसंवेदनशील।
- अस्थिर मूल्य।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न: "ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी" के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d)
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