पोलियो के टीके का विकास | 05 Jul 2024

प्रिलिम्स के लिये:

पोलियो, वैक्सीन व्युत्पन्न पोलियोवायरस, विश्व स्वास्थ्य संगठन, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम

मेन्स के लिये:

पोलियोवायरस, भारत तथा विश्व में पोलियो टीकाकरण और उनके उन्मूलन हेतु कार्यक्रम, पोलियो पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यक्रम।

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

टीके के प्रति झिझक, गलत सूचना, संघर्ष, गरीबी और साथ ही इन अलग-थलग क्षेत्रों तक सीमित पहुँच के कारण वाइल्ड पोलियोवायरस, अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के बड़े शहरों में पुनः प्रकट होने लगा है।

  • चूँकि वर्ष 2026 के अंत तक पोलियो का उन्मूलन नहीं किया जा सकता, इसलिये विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल के अपने लक्ष्य में असफल होने की आशंका है।
  • इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (IPV) और ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) नामक दो टीकों ने दुनिया से पोलियो को लगभग खत्म करने में मदद की है।

पोलियो टीकों के विकास का इतिहास क्या है?

  • दो पोलियो टीकों का विकास- जोनास साल्क द्वारा निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV) तथा अल्बर्ट सबिन द्वारा ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) कई प्रमुख सफलताओं का परिणाम था:
    • गैर-तंत्रिका कोशिकाओं में पोलियोवायरस का संवर्धन:
      • वर्ष 1948 में सूक्ष्म जीव वैज्ञानिकों ने पोलियो वायरस को केवल तंत्रिका कोशिकाओं में विकसित करने के बजाय, मानव मांसपेशियों तथा त्वचा कोशिकाओं में विकसित करने की विधि की खोज की, जैसा कि पहले माना जाता था।
      • इससे पोलियो वायरस के बड़े पैमाने पर उत्पादन की अनुमति प्राप्त की, जो वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास के लिये विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण था।
    • निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV) का विकास:
      • पोलियो वायरस को विकसित करके एवं उसे निष्क्रिय करके तथा परीक्षण प्रतिभागियों को इंजेक्शन देकर, जोनास साल्क ने पहला प्रभावी पोलियो टीका निर्मित किया गया।
      • जैसे ही IPV को मांसपेशियों में प्रविष्ट कराया गया, इसने सिस्टेमिक/प्रणालीगत प्रतिरक्षा उत्पन्न की।
    • ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV):
      • अल्बर्ट सबिन ने OPV विकसित किया, जिसमें जीवित, कमज़ोर पोलियोवायरस स्ट्रेन शामिल थे जिन्हें मौखिक रूप से दिया जाता था।
      • OPV ने आँत में एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की, जहाँ वायरस अपना संक्रमण शुरू करता है।

नोट:

  • प्रतिरक्षा प्रणाली के 2 मुख्य भाग होते हैं: सिस्टेमिक/प्रणालीगत (रक्त, मस्तिष्क और अन्य अंग प्रणालियों सहित) तथा म्यूकोसल/श्लैष्मिक (पाचन और श्वसन प्रणाली, मूत्रजननांगी पथ और आँखों की आंतरिक परत सहित)।
    • बाह्य वातावरण के साथ बार-बार संपर्क के कारण अतिरिक्त सुरक्षा के लिये म्यूकोसल घटकों को श्लेष्म झिल्ली के साथ पंक्तिबद्ध किया जाता है।

IPV और OPV के लाभ तथा हानियाँ क्या हैं? 

इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (IPV)

ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV )

लाभ:

  • IPV को मृत या निष्क्रिय पोलियोवायरस से बनाया जाता है जिसका तात्पर्य यह है कि इसके कारण बीमारी का कारण नहीं बन सकता है।
  • IPV प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तियों के उपयोग के लिये सुरक्षित है, क्योंकि इसमें जीवित वायरस नहीं होता है।
  • IPV एक दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रदान करता है और सुरक्षा बनाए रखने के लिये इसके अत्यधिक सेवन की आवश्यकता नहीं होती है।

हानियाँ:

  • OPV की अपेक्षा IPV का उत्पादन और नियंत्रण अधिक महँगा है। पूर्ण प्रतिरक्षा प्राप्त करने के लिये IPV को कई बार (प्रायः एक बार में 2-4 शॉट्स) उपयोग करने की आवश्यकता होती है। 
  • IPV द्वारा प्राप्त म्यूकोसल प्रतिरक्षा OPV की अपेक्षा कम है, जो वायरस के संचरण को बाधित करने की इसकी क्षमता को सीमित कर सकता है।

लाभ:

  • IPV की अपेक्षा OPV के उत्पादन और नियंत्रण की लागत कम है।
  • प्रभावी प्रतिरक्षा के लिये OPV का केवल एक या सीमित संख्या में उपयोग ही पर्याप्त है।
  • OPV बेहतर म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रदान कर सकता है, जो वायरस के संचरण को बाधित करने में मदद करता है।

हानियाँ:

  • OPV में जीवित, कमज़ोर पोलियोवायरस होता है, जो कई मामलों में उत्परिवर्तित हो सकता है और वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस (VDPV) प्रकोप का कारण बन सकता है।
  • OPV को प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तियों में उपयोग के लिये अनुशंसित नहीं किया जाता है क्योंकि जीवित वायरस जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
  • OPV-व्युत्पन्न प्रतिरक्षा, IPV-व्युत्पन्न प्रतिरक्षा जितनी दीर्घकालिक नहीं हो सकती है।

नोट:

विश्व ने पोलियो के उन्मूलन हेतु दोनों टीकों का इस्तेमाल किया है। 

  • नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड और आइसलैंड जैसे कुछ देश पूर्ण रूप से IPV पर निर्भर थे। 
  • हालाँकि अधिकतर देशों ने दोनों टीकों के संयोजन का इस्तेमाल किया। 
    • इन देशों ने बेहतर सुरक्षा और प्रशासन में आसानी के लिये OPV को प्राथमिकता दी तथा फिर जब नेचुरल पोलियो के मामलों की संख्या शून्य होने के साथ IPV का उपयोग शुरू किया।

पोलियो से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • पोलियो (poliomyelitis) एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख के माध्यम से शरीर में प्रवेश करती है और आँत में अपना संचरण बढ़ाते हुए तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करती है।
  • यह मुख्य रूप से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है।
    • पोलियोवायरस की ऊष्मायन (Incubation) अवधि आमतौर पर 7-10 दिन होती है, लेकिन यह 4-35 दिनों तक हो सकती है।
  • पोलियोवायरस संक्रमण के आरंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में अकड़न और अंगों में दर्द शामिल हैं।
    • पोलियोवायरस से संक्रमित 90% लोगों में कोई लक्षण नहीं या न्यून लक्षण होते हैं, जिनकी अक्सर पहचान करना भी मुश्किल हो जाता है।
  • 200 में से एक संक्रमण के मामले में पैरों का स्थायी पक्षाघात (Paralysis) हो जाता है जो संक्रमण के कुछ घंटों के भीतर हो सकता है।
    • पोलियो वायरस से लकवाग्रस्त 5-10% लोगों की श्वसन की माँसपेशियों के स्थिर होने से मृत्यु हो जाती है।
  • यह वायरस संक्रमित लोगों, आम तौर पर बच्चों, के मल के ज़रिए फैलता है और खराब स्वच्छता तथा सफाई व्यवस्था वाले क्षेत्रों में तेज़ी से फैल सकता है।
  • जंगली पोलियोवायरस के कारण होने वाले मामलों में 1988 से 99% से ज़्यादा की कमी आई है। अनुमान है कि 125 से ज़्यादा स्थानिक देशों में 350 000 मामले थे, जो अब घटकर सिर्फ़ दो स्थानिक देश अफगानिस्तान और पाकिस्तान रह गए हैं (अक्टूबर 2023 तक)।
  • तीन साल तक पोलियो के कोई मामले न आने के बाद, भारत को वर्ष 2014 में WHO द्वारा पोलियो-मुक्त प्रमाण-पत्र मिला।

पोलियो उन्मूलन के लिये क्या उपाय किये गए हैं?

  • वैश्विक:
    • वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल: इसे वर्ष 1988 में राष्ट्रीय सरकारों द्वारा शुरू किया गया था और इसका नेतृत्व विश्व स्वास्थ्य संगठन, रोटरी इंटरनेशनल, संयुक्त राज्य अमेरिका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention - CDC) तथा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children's Fund - UNICEF) ने किया था।
    • विश्व पोलियो दिवस: यह दिवस प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को मनाया जाता है ताकि देशों से इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सतर्क रहने का आह्वान किया जा सके।
  • भारत:
    • पल्स पोलियो कार्यक्रम:
    • गहन मिशन इंद्रधनुष 2.0
    • सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Programme - UIP): इसे वर्ष 1985 में 'प्रतिरक्षण के विस्तारित कार्यक्रम’ (Expanded Programme of Immunization) में संशोधन के साथ शुरू किया गया था।
      • इस कार्यक्रम के उद्देश्य:
        • टीकाकरण कवरेज में तेज़ी से वृद्धि
        • सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
        • स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर एक विश्वसनीय कोल्ड चेन सिस्टम की स्थापना
        • ज़िलेवार प्रदर्शन की निगरानी के लिये तंत्र बनाना
        • वैक्सीन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना आदि शामिल हैं। 

और पढ़ें: गिनी कृमि रोग

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत सरकार द्वारा चलाया गया 'मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016)

(a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का प्रतिरक्षण
(b) पूरे देश में स्मार्ट सिटि का निर्माण
(c) बाहरी अंतरिक्ष में पृथ्वी-सदृश ग्रहों के लिये भारत की स्वयं की खोज 
(d) नई शिक्षा-नीति

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017) 

  1. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण संबंधी जागरूकता उत्पन्न करना।
  2.  छोटे बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में रक्ताल्पता को कम करना। 
  3.  बाजरा, मोटे अनाज और अपरिष्कृत चावल के उपभोग को बढ़ाना।
  4.   मुर्गी के अंडों के उपभोग को बढ़ाना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4 

उत्तर: (a)