दिल्ली विधानसभा हेतु समयपूर्व चुनाव की मांग | 21 Sep 2024
प्रिलिम्स के लिये:अनुच्छेद 239AA, NCT, अनुसूची VII, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम 2021 के तहत दिल्ली के लिये विशेष प्रावधान। मेन्स के लिये:अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली के लिये विशेष प्रावधान, केंद्रशासित प्रदेशों का प्रशासन। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में शीघ्र विधानसभा चुनाव कराने का आह्वान किया है, तथा उन्होंने महाराष्ट्र के साथ ही दिल्ली में भी चुनाव कराए जाने का अनुरोध किया, जहाँ 26 नवंबर 2024 से पहले नई विधानसभा के लिये चुनाव होना है।
- दिल्ली विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को समाप्त होगा।
चुनाव संबंधी नियम और प्रावधान क्या हैं?
- संवैधानिक ढाँचा:
- भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) को संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार चुनावों की देखरेख और संचालन का अधिकार है।
- अनुच्छेद 324 भारत के निर्वाचन आयोग को चुनावी प्रक्रिया के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण की शक्ति प्रदान करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव पूरे हो जाएँ।
- जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम (RPA अधिनियम), 1951:
- जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 15(2) के अनुसार, विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से कम-से-कम 6 महीने पहले चुनावों की अधिसूचना नहीं दी जा सकती, जब तक कि विधानसभा समय से पहले भंग न हो जाए।
- यह प्रावधान चुनावी प्रक्रियाओं के लिये निर्धारित समय-सीमा का पालन करने के महत्त्व पर बल देता है।
- विधानसभा का विघटन:
- राज्यपाल की भूमिका:
- संविधान का अनुच्छेद 174(2)(b) राज्यपाल को "समय-समय पर" विधान सभा को भंग करने का अधिकार प्रदान करता है।
- मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले उसे भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।
- एक बार विधानसभा भंग हो जाने पर, भारत निर्वाचन आयोग को छह महीने के भीतर चुनाव कराने का दायित्व सौंपा जाता है।
- दिल्ली का विशेष मामला:
- दिल्ली विधानसभा का विघटन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 द्वारा अभिप्रेत है।
- धारा 6(2)(b) में कहा गया है कि उपराज्यपाल (LG) विधानसभा को भंग कर सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय केंद्र के पास है।
- इसलिये, भले ही मुख्यमंत्री विघटन की सिफारिश करते हैं, यह अंततः उपराज्यपाल और केंद्र सरकार की मंजूरी पर निर्भर है।
- राज्यपाल की भूमिका:
चुनाव कार्यक्रम तय करने से पहले भारत निर्वाचन आयोग किन कारकों पर विचार करता है?
- कार्यकाल समाप्ति तिथि: वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले नई विधानसभा का गठन हो जाना चाहिये।
- तार्किक विचार: ECI वर्तमान स्थिति, सुरक्षा बलों की उपलब्धता एवं चुनाव अधिकारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर विचार करता है।
- प्रशासनिक इनपुट: भारत निर्वाचन आयोग, स्थानीय प्रशासनिक और पुलिस तंत्र से इनपुट एकत्र करता है।
- चुनावों का एक साथ आयोजन: निर्वाचन आयोग का उद्देश्य (जहाँ तक संभव हो) चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिये राज्यों में चुनावों को एक साथ आयोजन करना होता है।
दिल्ली का शासन मॉडल क्या है?
- संवैधानिक प्रावधान:
- दिल्ली को संविधान की अनुसूची 1 के तहत केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त है लेकिन अनुच्छेद 239AA के तहत इसे ' राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT)' के रूप में नामित किया गया है।
- अनुच्छेद 239AA:
- दिल्ली के लिये राज्य के दर्जा की मांगों पर विचार करने के लिये गठित एस बालाकृष्णन समिति की सिफारिशों के बाद दिल्ली को विशेष दर्जा देने के लिये संविधान (69वें) संशोधन अधिनियम, 1991 द्वारा अनुच्छेद 239AA को संविधान में शामिल किया गया था।
- अनुच्छेद 239AA के प्रावधान:
- इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एक प्रशासक और एक विधानसभा होगी।
- संविधान के प्रावधानों के अधीन विधानसभा को "पुलिस, लोक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर, राज्य सूची या समवर्ती सूची के किसी भी विषय के संबंध में पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या उसके किसी भी भाग के लिये विधि निर्माण की शक्ति होगी, जहाँ तक ऐसा कोई मामला केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होता है।"
- इसके अलावा LG को या तो मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करना होगा या वह राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए संदर्भ पर लिये गए निर्णय को लागू करने के लिये बाध्य है।
- इससे उपराज्यपाल को मंत्रिपरिषद के साथ 'किसी भी मामले' पर मतभेद के संदर्भ में राष्ट्रपति को सूचित करने का अधिकार मिलता है।
- इस प्रकार LG और निर्वाचित सरकार के बीच इस दोहरे नियंत्रण से सत्ता संघर्ष को बढ़ावा मिलता है।
- अनुच्छेद 239AB (जिसे संविधान (69वाँ) संशोधन अधिनियम, 1991 द्वारा शामिल किया गया) में प्रावधान है कि राष्ट्रपति के आदेश द्वारा अनुच्छेद 239AA के किसी प्रावधान या उस अनुच्छेद के अनुसरण में बनाए गए किसी कानून के सभी या किसी प्रावधान के क्रियान्वयन को निलंबित किया जा सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग क्या है?
- परिचय:
- भारतीय निर्वाचन आयोग, एक स्वायत्त सांविधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य निर्वाचन प्रक्रियाओं के प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार है।
- इसका राज्यों में पंचायतों एवं नगर पालिकाओं के निर्वाचन से कोई सरोकार नहीं है। इसके लिये भारत का संविधान एक अलग राज्य चुनाव आयोग का प्रावधान करता है।
- संवैधानिक प्रावधान:
- भाग XV (अनुच्छेद 324-329): यह निर्वाचन से संबंधित है और इन मामलों के लिये एक आयोग की स्थापना करता है।
- अनुच्छेद 324: निर्वाचन हेतु अधीक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण एक चुनाव आयोग में निहित किया जाएगा।
- अनुच्छेद 325: कोई भी व्यक्ति धर्म, नस्ल, जाति अथवा लिंग के आधार पर किसी विशेष मतदाता सूची में शामिल होने या शामिल होने का दावा करने के लिये अयोग्य नहीं होगा।
- अनुच्छेद 326: लोक सभा एवं राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचन वयस्क मताधिकार पर आधारित होंगे।
- अनुच्छेद 327: विधायिकाओं के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति।
- अनुच्छेद 328: किसी राज्य के विधानमंडल की ऐसे विधानमंडल के लिये निर्वाचन के संबंध में प्रावधान करने की शक्ति।
- अनुच्छेद 329: निर्वाचन के मामलों में न्यायालयों द्वारा हस्तक्षेप पर रोक।
- आयुक्तों की नियुक्ति एवं कार्यकाल:
- राष्ट्रपति CEC और अन्य EC (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 के अनुसार CEC और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करता है।
- उनका छह साल का एक निश्चित कार्यकाल होता है या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो)।
- CEC और EC का वेतन तथा सेवा शर्तें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होंगी।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: चुनावी प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखने में भारत के चुनाव आयोग की भूमिका का परीक्षण कीजिये। चुनावी कदाचार से निपटने में भारत के चुनाव आयोग के सामने कौन-सी प्रमुख चुनौतियाँ हैं और इनका समाधान कैसे किया जा सकता है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न: आदर्श आचार-संहिता के उद्भव के आलोक में, भारत के निर्वाचन आयोग की भूमिका का विवेचन कीजिये। (2022) |