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सुरक्षा

डेफकनेक्ट 2024

  • 06 Mar 2024
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आत्मनिर्भरता, iDEX-डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइज़ेशन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, मानव रहित हवाई यान iDEX के साथ नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास

मेन्स के लिये:

डेफकनेक्ट 2024, स्वदेशीकरण तथा रक्षा के संबंध में सरकारी पहल

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रक्षा मंत्रालय द्वारा डेफकनेक्ट 2024 का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन में नवाचार, उद्यमशीलता एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

  • यह आयोजन रक्षा प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति को प्रदर्शित करने, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ रक्षा स्टार्टअप में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये एक मंच के रूप में कार्य करता है।

डेफकनेक्ट 2024 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • प्रौद्योगिकी प्रदर्शन: 
  • पैनल चर्चाएँ: 
    • डेफकनेक्ट 2024 रक्षा नवाचार एवं उद्यमिता से संबंधित प्रासंगिक विषयों पर पैनल चर्चा आयोजित करता है।
    • ये चर्चाएँ भारतीय रक्षा परिदृश्य, भविष्य के रुझान, स्टार्टअप के लिये अवसरों के साथ-साथ क्षेत्र में विविधता एवं समावेशन को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।
  • महिला उद्यमियों का सम्मान: 
    • रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में महिला उद्यमियों के योगदान की मान्यता में डेफकनेक्ट 2024 में iDEX से जुड़ी महिला उद्यमियों के लिये एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है।
  • iDEX इंटर्नशिप कार्यक्रम: 
    • युवा प्रतिभा को निखारने एवं नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी को तैयार करने के प्रयासों के तहत, डेफकनेक्ट 2024 ने iDEX पहल के अंर्तगत एक रोलिंग इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू किया है।
    • इस कार्यक्रम का उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकी में इच्छुक नवप्रवर्तकों को व्यावहारिक अनुभव एवं मार्गदर्शन प्रदान करना है।
  • पहल की शुरुआत: 
    • डेफकनेक्ट 2024 रक्षा उत्पादन में नवाचार एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों की शुरुआत का साक्षी है, जैसे ADITI (iDEX के साथ इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज़ का एसिंग डेवलपमेंट) योजना तथा DISC 11 (डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज)।
    • ये पहल एक जीवंत रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिये सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।

नोट:

  • रक्षा उत्कृष्टता के लिये नवाचार (iDEX):
    • वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया iDEX, रक्षा उद्योग के आधुनिकीकरण में योगदान देने के लिये सरकार द्वारा की गई एक पहल है।
    • इसका उद्देश्य उद्योगों (जिसमें MSME, स्टार्ट-अप, व्यक्तिगत इनोवेटर्स, अनुसंधान एवं विकास संस्थान और शिक्षाविद् शामिल हैं) को शामिल करके रक्षा और एयरोस्पेस में नवाचार तथा प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है। 
    • iDEX को रक्षा नवाचार संगठन (Defence Innovation Organization- DIO) द्वारा वित्त पोषित और प्रबंधित किया जाएगा तथा यह DIO की कार्यकारी शाखा के रूप में कार्य करेगा।
    • iDEX प्राइम व्यापक iDEX पहल के तहत एक विशिष्ट कार्यक्रम है, जो अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता वाली बड़ी, अधिक जटिल चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • वित्तीयन: iDEX प्राइम, iDEX के तहत अन्य कार्यक्रमों की तुलना में काफी अधिक अनुदान प्रदान करता है।
    • विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये iDEX प्राइम के विभिन्न संस्करण मौजूद हैं:
      • iDEX प्राइम (X): नियमित iDEX प्राइम की तुलना में इस संस्करण में बड़ी चुनौतियाँ और अनुदान हैं।
      • iDEX प्राइम (स्प्रिंट): यह संस्करण भारतीय नौसेना के विशिष्ट समस्या विवरणों के लिये तेज़ विकास चक्र और छोटी समय सीमा पर केंद्रित है।
  • रक्षा नवाचार संगठन (DIO):
    • रक्षा नवाचार संगठन (DIO), कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत गठित एक गैर-लाभकारी संगठन है।
    • इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। यह iDEX को उच्च स्तरीय नीति मार्गदर्शन प्रदान करता है।

iDEX के साथ इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज़ का एसिंग डेवलपमेंट (ADITI) योजना क्या है?

  • परिचय:
    • वर्ष 2023-24 से 2025-26 की अवधि के लिये 750 करोड़ रुपए की ADITI योजना रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) के रक्षा उत्कृष्टता के लिये नवाचार (iDEX) ढाँचे के अंतर्गत आती है।
    • योजना के तहत, स्टार्ट-अप रक्षा प्रौद्योगिकी में अपने अनुसंधान, विकास और नवाचार प्रयासों के लिये 25 करोड़ रुपए तक की अनुदान सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं।
    • यह योजना युवाओं के नवाचार को बढ़ावा देगी और देश को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगी।
      • ADITI के पहले संस्करण में, 17 चुनौतियाँ- भारतीय सेना (3), भारतीय नौसेना (5), भारतीय वायु सेना (5) और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी (4) - लॉन्च की गई हैं।
  • उद्देश्य:
    • इसका लक्ष्य प्रस्तावित समय-सीमा में लगभग 30 डीप-टेक महत्त्वपूर्ण नीतिक प्रौद्योगिकियों का विकास करना है।
    • इसमें आधुनिक सशस्त्र बलों की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं एवं रक्षा नवाचार इकोसिस्‍टम की क्षमताओं के बीच के अंतर को पाटने के लिये एक 'टेक्नोलॉजी वॉच टूल' बनाने की भी परिकल्पना की गई है।

रक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का क्या महत्त्व है?

  • सामरिक लाभ:
    • अत्याधुनिक तकनीक रक्षा क्षमता की वृद्धि के मामले में राष्ट्रों को रणनीतिक लाभ प्रदान करती है।
    • उन्नत हथियार, अनुवीक्षण प्रणाली, संचार नेटवर्क और साइबर क्षमताएँ किसी देश की संभावित खतरों को रोकने तथा उसके हितों की रक्षा करने की क्षमता को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती हैं।
  • परिचालन प्रभावशीलता:
    • अत्याधुनिक तकनीक सैन्य बलों को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से संचालित करने में सक्षम बनाती है।
    • इसमें सटीक-निर्देशित युद्ध सामग्री, उन्नत टोही और अनुवीक्षण प्रणालियाँ तथा परिष्कृत कमांड एवं नियंत्रण प्रणालियाँ शामिल हैं जो सभी प्रकार के मिशन की सफलता में योगदान करती हैं व संपार्श्विक क्षति की संभावना को कम करती हैं।
  • अनुकूलनशीलता और लचीलापन:
    • आधुनिक युग में युद्ध के दौरान अनुकूलनशीलता और लचीलापन महत्त्वपूर्ण है। अत्याधुनिक तकनीक आगामी खतरों और वातावरण में तेज़ी से अनुकूलनीय बनने में योगदान करती है।
    • जिन प्रणालियों को शीघ्रता से उन्नत अथवा पुन: कॉन्फिगर किया जा सकता है वे वास्तविक समय में महत्त्वपूर्ण लाभ प्रदान करती हैं।
  • बल गुणक की भूमिका: 
    • उन्नत तकनीक एक बल गुणक के रूप में कार्य करती है जो अल्प क्षमताओं को उल्लेखनीय बल प्रदान करता है। उन्नत तकनीक के माध्यम से कोई अल्प किंतु सुदृढ़ बल एक बड़े, अल्प उन्नत प्रतिद्वंद्वी का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है।
  • राष्ट्रीय संप्रभुता और स्वायत्तता:
    • स्वदेशी अत्याधुनिक तकनीक पर भरोसा करने से देश की संप्रभुता और स्वायत्तता में वृद्धि होती है। महत्त्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी के लिये विदेशी आपूर्तिकर्त्ताओं पर निर्भरता राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को प्रभावित कर सकती है और रणनीतिक निर्णय करने की क्षमता को सीमित कर सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

Q. अटल नवप्रवर्तन (इनोवेशन) मिशन किसके अधीन स्थापित किया गया है? (2019)

(a) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
(b) श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय
(c)  नीति (NITI) आयोग
(d) कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • अटल नवप्रवर्तन (इनोवेशन) मिशन (AIM) देश की नवाचार और उद्यमशीलता आवश्यकताओं पर विस्तृत अध्ययन एवं विचार-विमर्श के आधार पर नवाचार व उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये नीति (NITI) आयोग द्वारा स्थापित एक प्रमुख पहल है।
  • AIM की परिकल्पना एक व्यापक नवाचार संगठन के रूप में की गई है जो विभिन्न स्तरों– उच्चतर माध्यमिक विद्यालय; विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं उच्च शैक्षणिक संस्थान; एसएमई/एमएसएमई उद्योग, कॉर्पोरेट तथा NGO स्तर पर नवाचार और उद्यमिता के पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना व प्रचार को प्रोत्साहित करते हुए केंद्र, राज्य और क्षेत्रीय नवाचार योजनाओं के बीच नवाचार नीतियों के संरेखण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।


मेन्स:

Q. भारत-रूस रक्षा समझौतों की तुलना में भारत-अमेरिका रक्षा समझौतों की क्या महत्ता है? हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थायित्व के संदर्भ में विवेचना कीजिये। (2020)

Q. 'भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों में खटास के प्रवेश का कारण वाशिंगटन का अपनी वैश्विक रणनीति में अभी तक भी भारत के लिये किसी ऐसे स्थान की खोज करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर और महत्त्वाकांक्षाओं को संतुष्ट कर सके।' उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये। (2019)

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