नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

डीप स्टेट और इसके प्रभाव

  • 31 Dec 2024
  • 13 min read

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, विभिन्न देशों में सरकारों को अस्थिर करने के लिये एक कथित अंतर्राष्ट्रीय डीप स्टेट (अत्यंत शक्तिशाली देश) से संबंधित विवाद देखने मिला हैं। 

डीप स्टेट क्या है?

  • परिचय: यह सरकारी, कॉर्पोरेट और गैर-सरकारी अभिजात वर्ग के एक गुप्त नेटवर्क को संदर्भित करता है, जो अपार शक्ति का प्रयोग कर नीति-निर्माण को नियंत्रित करते हैं, निर्वाचित राजनेताओं को कमज़ोर तथा आम लोगों के हितों को विफल करते हैं।
    • विदेशी सरकारें अपने हितों के आधार पर कुछ देशों में लोकतंत्र, मानवाधिकारों और उदारवादी मूल्यों को बढ़ावा देने का प्रयास करती हैं। 
  • पृष्ठभूमि: इसका नाम तुर्की शब्द "डेरिन डेवलेट (derin devlet)" से लिया गया है, जिसका अंग्रेज़ी में शाब्दिक अर्थ "डीप स्टेट" होता है। तुर्की में, इसका मतलब लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार पर हावी होने वाले गैर-निर्वाचित तत्त्वों से है।
    • पाकिस्तान में "डीप स्टेट" से तात्पर्य शक्तिशाली सैन्य नेताओं द्वारा नियंत्रित सरकार से है।
  •  ‘डीप स्टेट’ की कार्यप्रणाली: 
    • शासन परिवर्तन: स्टीफन किन्ज़र की पुस्तक, ओवरथ्रो (Overthrow), ने कई महाद्वीपों पर अमेरिका द्वारा किये गए "सेंचुरी ऑफ रशीम (century of regime change)" मिशनों का वृत्तांत लिखा है। उदाहरण के लिये, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को हटाने के लिये अमेरिकी डीप स्टेट को दोषी ठहराया जा रहा है।
    • थिंक टैंक: थिंक टैंक, NGO और पक्षपाती मीडिया का उपयोग सरकारों द्वारा समर्थित राजनीतिक परिवर्तनों के लिये परिस्थितियाँ विकसित करने हेतु किया जाता है। उदाहरण के लिये, जॉर्जिया (2003), यूक्रेन (2004) और किर्गिज़स्तान (2005) में रंगीन क्रांतियाँ (Colour Revolutions)
      • पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेशी शक्तियों पर पनी सरकार गिराने का आरोप लगाया है।
      • निहत्थे सार्वजनिक विद्रोहों को रंगीन क्रांतियों द्वारा संगठित किया गया जिसका लक्ष्य एक राज्य का शासन समाप्त तथा उसे बदनाम करना था।
    • संघर्ष और युद्ध: लॉकहीड मार्टिन, रेथॉन, बोइंग और नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन जैसी रक्षा कंपनियाँ हथियारों, गोला-बारूद और सैन्य प्रौद्योगिकी की आपूर्ति से काफी लाभान्वित होती हैं।
      • व्यवसाय अपने हित में काम करते हैं और अपने हथियारों की मांग बढ़ाने के लिये युद्ध का समर्थन करते हैं। उदाहरण के लिये यूक्रेन में संघर्ष के परिणामस्वरूप हथियारों की यूक्रेन की मांग।
    • आर्थिक प्रभाव: इच्छुक देशों में बाज़ार पहुँच और व्यापार-अनुकूल विनियमन को बढ़ावा देना। उदाहरण के लिये-
      • हालाँकि, इससे अपेक्षित परिणाम नहीं मिले और परिणामतः शॉक थेरेपी अपनानी पड़ी।
      • शॉक थेरेपी एक आर्थिक सिद्धांत है जो कहता है कि राष्ट्रीय आर्थिक नीति में अचानक, नाटकीय परिवर्तन एक राज्य-नियंत्रित अर्थव्यवस्था को मुक्त-बाज़ार अर्थव्यवस्था में परिवर्तित कर सकता है।
        • विश्व व्यापार संगठन व्यापार वार्ता में देशों पर अपने कृषि बाज़ार आयातित उत्पादों के लिये खोलने का दबाव डालना।
        • सोवियत संघ के पतन के बाद, पूर्व सोवियत राज्य और लैटिन अमेरिकी साम्यवादी देश राज्य-संचालित अर्थव्यवस्थाओं से मुक्त-बाज़ार अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित हो गए। 
    • निगरानी: एडवर्ड स्नोडेन ने खुलासा किया कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) एशिया और अफ्रीका जैसे विकासशील देशों में निगरानी करती है।
    • मीडिया और आख्यान: पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टें भारत में कुछ मुद्दों (जैसे, धार्मिक असहिष्णुता, कश्मीर) को गलत तरीके से प्रस्तुत करती हैं ताकि मानवाधिकारों पर सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
      • एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण कानून अपनाने का आरोप लगाया।
    • साइबर प्रभाव: गूगल और फेसबुक जैसी प्रभावशाली बाज़ार प्रभुत्व वाली कंपनियों ने डेटा गोपनीयता और कराधान पर देशों के नियमों को प्रभावित किया।
    • नागरिक समाज आंदोलन: मानव अधिकारों या जलवायु परिवर्तन के नाम पर भारत की कोयला और ऊर्जा परियोजनाओं के खिलाफ ग्रीनपीस इंडिया जैसे नागरिक समाज समूहों को वित्त पोषित करना, किसानों के आंदोलन में उनकी कथित भागीदारी।
      • खुफिया ब्यूरो की एक रिपोर्ट में ग्रीनपीस जैसे "विदेशी वित्तपोषित" NGO पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पर 2-3% तक नकारात्मक प्रभाव डालने का आरोप लगाया गया है।
    • अंतर्राष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँचाना: निहित स्वार्थ वाले देश भारतीय मूल के लोगों को फिल्मों में खलनायकों की भूमिकाओं में पेश करते हैं, ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।
      • देश अन्य देशों के खिलाफ निराधार आरोप भी लगाते हैं। उदाहरण के लिये, कनाडा ने खालिस्तानी आतंकवादियों की हत्या में भारत की भूमिका का आरोप लगाया।

भारत पर डीप स्टेट का आरोप 

  • पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार स्टीव कोल ने कहा कि भारत में एक प्रकार का डीप स्टेट है, जिसमें खुफिया एजेंसियों या सेना के बजाय मुख्य रूप से भारतीय विदेश सेवा शामिल है।
  • पत्रकार जोसी जोसेफ ने अपनी पुस्तक द साइलेंट कूप: ए हिस्ट्री ऑफ इंडियाज डीप स्टेट में तर्क दिया है कि "राज्य के भीतर एक राज्य" है जो समाज के  कमज़ोर वर्गों के खिलाफ पक्षपात करता है।
  • हालाँकि, सरकार ने ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया है क्योंकि वह पंचशील सिद्धांतों और वसुधैव कुटुंबकम (विश्व एक परिवार है) में विश्वास करती है।

डीप स्टेट किस प्रकार देशों को प्रभावित करता है?

  • राजनैतिक परोपकार: विशाल वित्तीय संसाधनों वाले लोग ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) जैसे गैर सरकारी संगठनों का उपयोग दिखावा के रूप में करते हैं और "ओपन सोसाइटी" की वकालत करते हैं, जिसका अर्थ है शासन परिवर्तन के लिये प्रयास करना। 
    • उन्होंने भारत, रूस, चीन, इज़रायल और हंगरी जैसे देशों की खुलेआम आलोचना की तथा उनके नेताओं पर अधिनायकवादी शासन की अवधारणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
  • शैक्षिक पहल: कई गैर सरकारी संगठन छात्रवृत्ति और फेलोशिप प्रदान करते हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रभावशाली पदों पर बैठे लोग - नौकरशाह, पत्रकार और नीति निर्माता आर्थिक विकास को बाधित करने के लिये छद्म पर्यावरण सक्रियता जैसे उनके उद्देश्यों के प्रति सहानुभूति रखते हैं।
  • घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप: किसी देश की आंतरिक नीतियों (विशेष रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक अधिकारों एवं शासन के संबंध में सत्ता-विरोधी भावना) तथा आलोचना को अक्सर निहित स्वार्थ वाले गैर-सरकारी संगठनों द्वारा बढ़ावा दिया जाता है। 
  • आर्थिक प्रभाव: डीप स्टेट द्वारा आर्थिक नीतियों को भी प्रभावित किया जाता है। ये प्रमुख वित्तीय घटनाओं में शामिल होते हैं, जैसे बैंक ऑफ इंग्लैंड का विखंडन एवं एशियाई वित्तीय संकट में योगदान। 
    • हिंडनबर्ग रिसर्च ने विकासशील देशों (भारत और चीन) में व्यवसायों पर बड़े पैमाने पर अकाउंटिंग धोखाधड़ी, स्टॉक मूल्य में हेरफेर तथा भारत के स्टॉक मार्केट को अस्थिर करने के लिये टैक्स हेवन का फायदा उठाने का आरोप लगाया है। उदाहरण के लिये, अडानी समूह के खिलाफ आरोप।
    • हिंडनबर्ग को शॉर्ट-सेलिंग (एक ऐसी रणनीति जिसमें फर्म लाभ कमाने के लिये किसी कंपनी के स्टॉक मूल्य में गिरावट की भविष्यवाणी करते हुए लाभ कमाने के लिये कारोबार करती है) में भी संलग्न पाया गया।

आगे की राह

  • कठोर विनियमन: भारत को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के माध्यम से विदेशी वित्तपोषित गैर सरकारी संगठनों पर निगरानी कड़ी करने एवं कड़े विनियमन लागू करने की आवश्यकता है। 
    • गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) को भी अपने भुगतान खातों को लेखापरीक्षित खातों के साथ सरकार के साथ साझा करना चाहिये।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता: थिंक टैंक, मीडिया एवं नागरिक समाज आंदोलनों के माध्यम से घरेलू राजनीति को प्रभावित करने के विदेशी प्रयासों का मुकाबला करने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिये।
    • NSA अजीत डोभाल ने भारत के रक्षा बलों के मनोबल की रक्षा के साथ राष्ट्रीय स्तर पर अखंडता को बनाए रखने के लिये सोशल मीडिया के संतुलित दृष्टिकोण पर बल दिया।
  • स्वदेशी थिंक टैंक: भारत को राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने एवं बाहरी संस्थाओं को एकाधिकार करने से रोकने के लिये स्वदेशी थिंक टैंक एवं मीडिया प्लेटफॉर्म विकसित करने चाहिये।
  • राजनयिक समन्वय: भारत को सहयोगियों का एक नेटवर्क बनाने एवं अपने राजनीतिक परिदृश्य को अस्थिर करने वाले प्रयासों से बचने के लिये समान विचारधारा वाले देशों एवं संगठनों के साथ राजनयिक संबंधों को मज़बूत करना चाहिये।
  • डेटा संप्रभुता: भारत की साइबर सुरक्षा को मज़बूत करना एवं इसके डिजिटल आयामों को नियंत्रित करना विदेशी प्रभाव को कम करने (विशेष रूप से गूगल और फेसबुक जैसी तकनीकी दिग्गज कंपनियों के संदर्भ में) के लिये महत्त्वपूर्ण है।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: 'डीप स्टेट' की अवधारणा राजनीतिक एवं आर्थिक परिदृश्य को किस प्रकार प्रभावित करती है? ऐसे प्रभावों का मुकाबला करने के लिये देश कौन सी रणनीति अपना सकते हैं, चर्चा कीजिये।

मेन्स

प्रश्न: क्या सिविल सोसाइटी एवं गैर-सरकारी संगठन आम नागरिक को लाभ पहुँचाने के लिये सार्वजनिक सेवा वितरण का कोई वैकल्पिक मॉडल प्रस्तुत कर सकते हैं? इस वैकल्पिक मॉडल की चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। (2021) 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2