प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

ऑनलाइन गेमिंग एथिक्स को डिकोड करना

  • 09 Dec 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI), नो-योर-कस्टमर (KYC), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, IT अधिनियम की धारा 67, 67A और 67B

मेन्स के लिये:

ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र पर स्वैच्छिक आचार संहिता का प्रभाव और इसके कानूनी निहितार्थ

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने स्वेच्छा से हस्ताक्षरित एक आचार संहिता तैयार की है।

  • यह कदम उद्योग के लिये स्व-विनियमन और अधिक स्थिर वातावरण बनाने के प्रयास का प्रतीक है।
    • भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग मामलों की ज़िम्मेदारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को सौंपी गई है।

गेमिंग उद्योग द्वारा अपनाई गई आचार संहिता क्या है?    

  • स्वयं को नियंत्रित करने और बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिये तीन प्रमुख लॉबी समूहों इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF) और ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) ने स्वेच्छा से एक आचार संहिता पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • आचार संहिता पूरी तरह से स्वैच्छिक प्रकृति की है। अपनी गैर-बाध्यकारी प्रकृति के बावजूद संहिता का लक्ष्य उद्योग के भीतर ज़िम्मेदार प्रथाओं को बढ़ावा देना है और इसे स्व-नियमन की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जाता है।
  • यह संहिता उपभोक्ताओं को उनके द्वारा चुने गए ऑनलाइन गेम के संबंध में सूचित निर्णय लेने के लिये सशक्त बनाकर उनके हितों की रक्षा करने का प्रयास करती है।
  • संहिता के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लागू कानूनों के अनुसार अपने ग्राहक को जानिये (KYC) प्रक्रिया अपनानी होगी।
  • इसके अतिरिक्त कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर विजेताओं का निर्धारण करने के मानदंड, ली गई फीस का खुलासा करना अनिवार्य होगा और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि जमा राशि का उपयोग केवल प्लेटफॉर्म पर गेम खेलने के लिये किया जाए।
  • यह पारदर्शिता, निष्पक्षता और उत्तरदायित्त्वपूर्ण गेमिंग जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत में ऑनलाइन गेमिंग के लिये एक "अनुकूल वातावरण" बनाने का भी प्रयास करता है।

ऑनलाइन गेमिंग क्या है?

  • परिचय:
    • ऑनलाइन गेमिंग के अंतर्गत इंटरनेट की सहायता से गेम खेलना, मैदानों में जाकर खेलने के बजाय इंटरनेट कनेक्शन और सहयोगात्मक गेमप्ले की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
    • यह कंप्यूटर और मोबाइल फोन सहित विभिन्न उपकरणों पर खेला जा सकता है।

जुआ/गैंबलिंग और ऑनलाइन गेमिंग के बीच अंतर:

  • जुआ/गैंबलिंग अनिश्चित परिणामों वाली कुछ खेलों अथवा गतिविधियों पर दाँव लगाने की प्रथा है, जिसका मुख्य उद्देश्य धन अथवा भौतिक संपत्ति को जीतना है।
    • जुए के विभिन्न रूप मौजूद हैं, जैसे कि कैसीनो गेम, खेल में सट्टेबाज़ी और लॉटरी।
    • ऑनलाइन गेमिंग के विपरीत जुए में पैसे अथवा मूल्यवान वस्तुएँ खोने का जोखिम होता है।
  • भारत में संयोग का खेल जुए की श्रेणी में आता है और यह आमतौर पर प्रतिबंधित है, जबकि जुए के दायरे से बाहर आने वाले कौशल के खेलों को आमतौर पर छूट है।
    • RMD चमारबागवाला बनाम भारत संघ मामले में कोई गतिविधि जुआ है अथवा नहीं- निर्धारित करने के लिये सर्वोच्च न्यायालय ने 'कौशल' को प्रमुख आधार माना।
    • न्यायालय ने माना कि जिन प्रतियोगिताओं में काफी हद तक कौशल शामिल होता है, उन्हें जुआ/गैंबलिंग गतिविधियाँ नहीं माना जा सकता है।

ऑनलाइन गेमिंग पर सरकारी विनियम और विभिन्न संहिताएँ किस प्रकार संरेखित हैं?

  • सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867
    • यह अधिनियम मुख्य रूप से गैर-ऑनलाइन जुआ गतिविधियों से संबंधित है। हालाँकि इसकी प्रासंगिकता ऑनलाइन गेमिंग में भी है, जो इसके विनियमन के लिये एक कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000:
    • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 गेमिंग सहित ऑनलाइन गतिविधियों को विनियमित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। IT अधिनियम की धारा 66 कंप्यूटर से संबंधित अपराधों से संबंधित है, जो ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े साइबर अपराधों को संबोधित करने के लिये कानूनी आधार प्रदान करती है।
    • IT अधिनियम की धारा 67, 67A, और 67B अधिकारियों को ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित कानून बनाने के लिये सशक्त बनाती है, जो मौका, जुआ और सट्टेबाज़ी के तत्त्वों को शामिल करने वाली गतिविधियों को विनियमित करने में विवेक की आवश्यकता को पहचानती है।
      • यह मान्यता जुए और सट्टेबाज़ी को राज्य के अधिकार क्षेत्र में रखते हुए ज़िम्मेदारियों के संवैधानिक विभाजन के अनुरूप है।
  • स्व-नियामक निकाय:
    • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ऐसे नियम पेश किये हैं जो ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के भीतर स्व-नियामक निकायों की स्थापना की अनुमति देते हैं।
  • अंतर-मंत्रालयी कार्य बल की सिफारिशें:
    • सरकार का सक्रिय दृष्टिकोण अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स द्वारा की गई सिफारिशों में स्पष्ट है, जो ऑनलाइन गेमिंग के लिये नियमों के निर्माण में योगदान दे रहा है।
      • ये सिफारिशें उद्योग के विकास और उपभोक्ता संरक्षण के बीच संतुलन बनाने के उद्देश्य से एक सहयोगात्मक प्रयास को दर्शाती हैं।

आगे की राह

  • अनुपालन हेतु प्रौद्योगिकी एकीकरण:
    • ऐसे प्रौद्योगिकी समाधानों में निवेश करना जो कोड के प्रावधानों जैसे मजबूत KYC प्रक्रियाओं और पारदर्शी प्रकटीकरण तंत्र के निर्बाध कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करते हैं।
    • विजेता का निर्धारण और वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ाने, निष्पक्ष तथा जवाबदेह गेमिंग वातावरण सुनिश्चित करने के लिये ब्लॉकचेन या अन्य सुरक्षित प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना।
  • नियमित ऑडिट और रिपोर्टिंग:
    • सहिंता की शर्तों के अनुपालन का आकलन करने के लिये स्वतंत्र निकायों द्वारा आवधिक ऑडिट  हेतु एक प्रणाली स्थापित करना।
    • ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर नियमित रिपोर्ट प्रकाशित करने का आदेश देना, जिसमें विजेताओं के निर्धारण के तरीके, प्लेटफॉर्म शुल्क तथा जमाराशि का उपयोग, पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने का विवरण हो।
  • उपभोक्ता प्रतिक्रिया तंत्र:
    • एक सुदृढ़ फीडबैक तंत्र लागू करना जो खिलाड़ियों की चिंता व्यक्त करने तथा कूट के साथ उद्योग के अनुपालन पर फीडबैक प्रदान करने की अनुमति देता है।
    • कूट में निरंतर सुधार करने, उभरती समस्याओं का समाधान करने एवं समग्र गेमिंग अनुभव को सुधारने के लिये उपभोक्ता प्रतिक्रिया का उपयोग करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना:
    • ऑनलाइन गेमिंग नैतिकता में विश्व की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में अवगत रहना एवं उन प्रासंगिक उपायों को अपनाने पर विचार करना जो अन्य न्यायालयों में सफल साबित हुए हैं।
    • अंतर्दृष्टि साझा करने तथा वैश्विक गेमिंग समुदाय के अनुभवों से सीखने के लिये अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भाग लेना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार का/के "डिजिटल इंडिया" योजना का/के उद्देश्य है/हैं? (2018)

  1. भारत की अपनी इंटरनेट कंपनियों का गठन, जैसा कि चीन ने किया।
  2. एक नीतिगत ढाँचे की स्थापना जिससे बड़े आँकड़े एकत्रित करने वाली समुद्रपारीय बहु-राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वे हमारी भौगोलिक सीमाओं के अंदर अपने बड़े डेटा केंद्रों की स्थापना करें।
  3. हमारे अनेक गाँवों को इंटरनेट से जोड़ना तथा हमारे बहुत से विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख पर्यटक केंद्रों में वाई-फाई (Wi-Fi) लाना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2