वैश्विक उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वनों में गिरावट: वैश्विक वन निगरानी | 12 Jul 2023
प्रिलिम्स के लिये:वनों की कटाई, खाद्य एवं कृषि संगठन, कार्बन पृथक्करण, COP26 ग्लासगो 2021, द बॉन चैलेंज, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत राज्य वन रिपोर्ट 2021, वन संरक्षण अधिनियम, 1980, राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 मेन्स के लिये:वनों का महत्त्व, भारत में वनों की स्थिति |
चर्चा में क्यों?
विश्व संसाधन संस्थान (World Resources Institute- WRI) ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच (Global Forest Watch) की नवीनतम रिपोर्ट में वर्ष 2022 में उष्णकटिबंधीय प्राथमिक वनों की 4.1 मिलियन हेक्टेयर की आश्चर्यजनक हानि का पता चला है। यह हानि प्रति मिनट 11 फुटबॉल मैदानों के क्षेत्र को खोने के बराबर है।
- यह रिपोर्ट उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्राथमिक वनों के महत्त्व पर ज़ोर देती है जहाँ 96% से अधिक वनों की कटाई होती है, इस मुद्दे पर वैश्विक ध्यान देने का आग्रह किया गया है।
- WRI एक वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है जो सरकार, व्यवसाय तथा नागरिक समाज के नेताओं के साथ अनुसंधान, डिज़ाइन एवं व्यावहारिक समाधानों को आगे बढ़ाने के लिये काम करता है, जो सामूहिक रूप से लोगों के जीवन को बेहतर बनाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि प्रकृति का विकास हो सके।
प्राथमिक वन:
- प्राथमिक वनों की विशेषता देशी वृक्ष प्रजातियों का सघन क्षेत्र, न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप और अबाधित पारिस्थितिक प्रक्रियाएँ हैं।
- खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, प्राथमिक वन दुनिया की वन भूमि का लगभग एक-तिहाई (34%) हिस्सा हैं।
- वे अन्य वन प्रकारों की तुलना में अधिक कार्बन संग्रहीत करते हैं और अधिक जैवविविधता का समर्थन करते हैं। इसलिये उनका नुकसान लगभग अपरिवर्तनीय है, क्योंकि द्वितीयक वन उनकी जैवविविधता तथा कार्बन पृथक्करण क्षमताओं के समान नहीं हो सकते हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
- वन-संबंधित प्रतिबद्धताएँ और प्रगति:
- वन क्षति की वर्तमान दर वनों को पर्याप्त रूप से बहाल करने में विफलता का संकेत देती है। दुनिया वन-संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की राह पर नहीं है, जिसमें वर्ष 2030 (COP 26 ग्लासगो 2021) तक वनों की कटाई को पूर्णतः रोकना और उलटने का लक्ष्य भी शामिल है।
- बॉन चुनौती (Bonn Challenge) एक वैश्विक प्रयास है। इसके तहत वर्ष 2030 तक 350 मिलियन हेक्टेयर गैर-वनीकृत एवं बंजर भूमि पर वनस्पतियाँ उगाई जाएंगी।
- इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु वैश्विक वनों की कटाई को पूरी तरह से रोकने के लिये इसमें 10% वार्षिक कटौती किये जाने की आवश्यकता है। साथ ही वर्ष 2021 और 2030 के बीच वृक्ष आवरण में प्रतिवर्ष 22 मिलियन हेक्टेयर की वृद्धि होनी चाहिये।
- वन क्षति की वर्तमान दर वनों को पर्याप्त रूप से बहाल करने में विफलता का संकेत देती है। दुनिया वन-संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की राह पर नहीं है, जिसमें वर्ष 2030 (COP 26 ग्लासगो 2021) तक वनों की कटाई को पूर्णतः रोकना और उलटने का लक्ष्य भी शामिल है।
- वृक्ष आवरण हानि: वर्ष 2022 में कुल वैश्विक वृक्ष आवरण हानि में 10% की गिरावट आई। इसमें प्राथमिक, द्वितीयक और रोपित वन शामिल हैं। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार, यह कमी आग से संबंधित वन हानि में कमी का प्रत्यक्ष परिणाम है, जो 2021 से 28% कम हो गई है
- हालाँकि वर्ष 2022 में बिना आग से होने वाले नुकसान में 1% से थोड़ा कम की वृद्धि हुई थी।
- भारत में वन हानि:
- भारत में वर्ष 2021 और 2022 के बीच 43.9 हज़ार हेक्टेयर आर्द्र प्राथमिक वन का नुकसान हुआ।
- यह इस अवधि के दौरान देश के कुल वृक्ष आवरण हानि का 17% था, जो 255 हज़ार हेक्टेयर था।
नोट:
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत में 'वन आवरण' को "सभी भूमि के एक हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में 10% से अधिक वृक्ष आवरण घनत्व" के रूप में परिभाषित करता है, साथ ही वे वन जो एक हेक्टेयर के न्यूनतम मानचित्रण योग्य क्षेत्र से कम हैं। वन क्षेत्र आवरण में शामिल नहीं हैं और 'वृक्ष आवरण' के "बाहर दर्ज किये गए वृक्ष पैच" के रूप में परिभाषित करता है।
भारत में वनों की स्थिति:
- परिचय:
- भारत वन स्थिति, 2021 के अनुसार भारत में कुल वन और वृक्ष आवरण देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62% है। कुल वन आवरण 21.71% है और कुल वृक्ष आवरण 2.91% है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र का स्थान है।
- कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के संदर्भ में शीर्ष पाँच राज्य मिज़ोरम (84.53%), अरुणाचल प्रदेश (79.33%), मेघालय (76.00%), मणिपुर (74.34%) और नगालैंड (73.90%) हैं।
- भारत वन स्थिति, 2021 के अनुसार भारत में कुल वन और वृक्ष आवरण देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62% है। कुल वन आवरण 21.71% है और कुल वृक्ष आवरण 2.91% है।
- वन संरक्षण हेतु सरकारी पहल:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये कौन-सा मंत्रालय केंद्रक अभिकरण है? (2021) (a) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उत्तर: (d) प्रश्न. भारत का एक विशेष राज्य निम्नलिखित विशेषताओं से युक्त है: (2012)
निम्नलिखित राज्यों में से कौन-सा एक उपर्युक्त दी गईं विशेषताओं से युक्त है? (a) अरुणाचल प्रदेश उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. "भारत में आधुनिक कानून की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संवैधानिकीकरण है।" सुसंगत वाद विधियों की सहायता से इस कथन की विवेचना कीजिये। (2022) |