अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय हेतु बजटीय आवंटन में कमी | 08 Feb 2023
प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, अल्पसंख्यकों के लिये शिक्षा योजना, USTTAD मेन्स के लिये:अल्पसंख्यकों से संबंधित कल्याणकारी योजनाएँ, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिये बजटीय आवंटन में 38% की कमी आई है।
बजटीय आवंटन में कमी वाले क्षेत्र:
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, अल्पसंख्यकों के लिये मुफ्त कोचिंग, कौशल विकास और आजीविका कार्यक्रमों (USTTAD योजना, नई मंजिल एवं अल्पसंख्यक महिलाओं की नेतृत्त्व विकास योजना सहित) के लिये आवंटन में बड़ी गिरावट की गई।
- इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यकों के विकास के लिये अंब्रेला कार्यक्रम हेतु आवंटन, जिसमें प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम और मदरसों तथा अल्पसंख्यकों के लिये शिक्षा योजना शामिल है, को 1810 करोड़ रुपए से कम कर 610 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो कि आवंटन में 66.2% की गिरावट को दर्शाता है।
भारत में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिये प्रमुख योजनाएँ:
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति योजना: छात्रों के शैक्षिक सशक्तीकरण के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer- DBT) मोड।
- नया सवेरा- निःशुल्क कोचिंग और संबद्ध योजना: इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के छात्रों/उम्मीदवारों को तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान करना है।
- पढ़ो परदेश: यह अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा अध्ययन हेतु शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी की योजना है।
- नई रोशनीः अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं का नेतृत्त्व विकास।
- सीखो और कमाओ: यह 14-35 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं हेतु एक कौशल विकास योजना है तथा इसका उद्देश्य मौजूदा श्रमिकों, स्कूल छोड़ने वालों आदि की रोज़गार क्षमता में सुधार लाना है।
- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यकम (PMJVK): यह चिह्नित अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के विकास की कमियों को दूर करने के लिये तैयार की गई योजना है।
- PMJVK के तहत कार्यान्वयन के क्षेत्रों की पहचान अल्पसंख्यक आबादी और 2011 की जनगणना के सामाजिक-आर्थिक एवं बुनियादी सुविधाओं के आँकड़ों के आधार पर की गई है जिसे अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के रूप में जाना जाएगा।
- उस्ताद (विकास हेतु पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन): इसे मई 2015 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वदेशी कारीगरों/शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना है।
- इस योजना के तहत अल्पसंख्यक कारीगरों तथा उद्यमियों को एक राष्ट्रव्यापी विपणन मंच प्रदान करने और रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिये पूरे देश में हुनर हाट आयोजित किये जाते हैं।
- प्रधानमंत्री विरासत का संवर्द्धन (PM VIKAS): बजट 2023 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में नए PM VIKAS को जोड़ा गया है।
- यह देश भर में अल्पसंख्यक और कारीगर समुदायों के कौशल, उद्यमिता एवं नेतृत्त्व प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर केंद्रित है।
- इस योजना को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के 'कौशल भारत मिशन' तथा कौशल भारत पोर्टल (SIP) के साथ एकीकरण के माध्यम से लागू किया जाना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत में यदि किसी धार्मिक संप्रदाय/समुदाय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाता है, तो वह किस विशेष लाभ का हकदार है? (2011)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन भारत में दूरसंचार, बीमा, बिजली आदि जैसे क्षेत्रों में स्वतंत्र नियामकों की समीक्षा करता है? (2019)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) प्रश्न. भारत की संसद के संदर्भ में निम्नलिखित संसदीय समितियों में से कौन-सी जाँच करती है और सदन को रिपोर्ट करती है कि क्या संविधान द्वारा प्रदत्त या संसद द्वारा प्रत्यायोजित विनियम, नियम, उप-नियम, उप-कानून आदि बनाने की शक्तियों का कार्यपालिका द्वारा ऐसे प्रतिनिधिमंडल के दायरे में उचित प्रयोग किया जा रहा है? (2018) (a) सरकारी आश्वासन समिति उत्तर: (b) |