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भारत के एंटी-सैटेलाइट परीक्षण का मलबा

  • 22 Aug 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

नासा (NASA) के ऑर्बिटल डेब्रिस प्रोग्राम ऑफिस (Orbital Debris Program Office) द्वारा अंतरिक्ष मलबे के आकलन पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा मार्च 2019 में किये गए एंटी-सैटेलाइट परीक्षण (Anti-Satellite Test) अथवा मिशन शक्ति के मलबे का कुछ हिस्सा अभी तक ऑर्बिट में मौजूद है।

प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट के अनुसार मलबे के बड़े आकार के पहचान योग्य 101 में से 49 टुकड़ों की ऑर्बिट में उपस्थिति का पता चला है, जबकि छोटे टुकड़ों के भी ऑर्बिट में होने की संभावना है जिनकी पहचान संभव नहीं है।
  • रिपोर्ट के आकलन के अनुसार भारत के इस परीक्षण से मलबे के लगभग 400 टुकड़े पैदा हुए। जिसमें से कुछ टुकड़ों ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) के लिये खतरा उत्पन्न कर दिया।
  • रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक उपग्रह सूची (Public Satellite Catalogue) में 101 मलबे के टुकड़ों को दर्ज़ किया गया था।

भारत का पक्ष

  • Defence Research & Development Organisation (DRDO) के अनुमान के अनुसार यह परीक्षण लो अर्थ ऑर्बिट (Low Earth Orbit) में होने के कारण इससे पैदा हुआ मलबा पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर स्वत: नष्ट हो जाना चाहिये था।
  • नासा की यह रिपोर्ट भारत के एंटी-सैटेलाइट टेस्ट (Anti-Satellite Test) के कारण पैदा हुए मलबे की मात्रा का पहला विश्वसनीय अनुमान है।
  • हालाँकि भारतीय एजेंसियों के पास मलबे को ट्रैक करने के लिये कोई स्वतंत्र तरीका नहीं है परंतु परीक्षण के समय मलबे के विनष्टीकरण व विखंडन से संबंधित इनके अनुमान लगभग सही साबित हुए हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष में भारत के 97 कार्यात्मक और गैर-कार्यात्मक लेकिन अक्षुण्ण उपग्रहों के साथ ही ट्रैक करने योग्य 157 अंतरिक्ष मलबे के टुकड़े है जो की सभी देशों द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गए कुल 19,404 बड़ी वस्तुओं की तुलना में एक बहुत छोटा अनुपात है। इनमें से प्रयुक्त रॉकेटों के 14,432 अवशेष मलबे और कबाड़ में परिवर्तित हो चुके हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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